रायपुर : राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ संयुक्त चिकित्सक संघ ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. संघ ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अपनी 4 सूत्रीय मांगें रखीं.
संयुक्त चिकित्सक संघ का कहना है कि, 'बीजेपी सरकार के कार्यकाल में उन्होंने 52 दिन का धरना प्रदर्शन किया था और विधानसभा का घेराव भी किया था उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस ने हमारा समर्थन भी किया था, जिसके चलते कई कांग्रेस विधायकों को विधानसभा से निलंबित भी कर दिया गया था, अब कांग्रेस की सरकार को आए 10 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है फिर भी अब तक चिकित्सकों के हित के लिए सरकार सुस्त रवैया अपना रही है'.
ये हैं मांगे
- डॉक्टरों को ससम्मान प्रैक्टिस की अनुमति पंजीयन की मान्यता प्रदान की जाए.
- मध्यप्रदेश के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में राजपत्र प्रकाशन और विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम देकर मान्यता प्रदान किया जाए. इसी प्रकार महाराष्ट्र राज्य में प्रैक्टिस हेतु ऑक्यूपेशनल थेरेपी काउंसिल बनाकर स्वतंत्र प्रैक्टिस का अधिकार दिया गया है.
- कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेशानुसार राज्य में अल्टरनेटिव मेडिकल सिस्टम को प्राकृतिक चिकित्सा में जोड़कर पंजीयन प्रदान किया जा रहा है.
- तमिलनाडु में इलेक्ट्रो होम्योपैथी अल्टरनेटिव मेडिसिन को शासन अंजाम देकर प्रैक्टिस का अधिकार देती है, इसी प्रकार केरल राजस्थान हिमाचल प्रदेश गुजरात जम्मू कश्मीर में भी मान्यता दी गई है.
पढ़ें:अयोध्या विवाद फैसले पर नहीं मनाएंगे जश्न, देशभर में NRC का समर्थन : RSS
संयुक्त चिकित्सक संघ का कहना है कि, 'कांग्रेस सरकार 2 महीने के अंदर हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती है, तो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे'.