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शुभ दीपावली: मां लक्ष्मी आपके जीवन को रोशन करें, जानें पूजा का मुहूर्त और विधि

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Published : Oct 26, 2019, 11:29 PM IST

रोशनी के इस त्योहार पर क्यों न हम दूसरों के लिए खुशियां लेकर आएं. आइए हम मिट्टी के दीये जलाएं और जरूरतमंदों की दिवाली रोशन करने की कोशिश करें. मां लक्ष्मी आप सब पर प्रसन्न हों. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

रायपुर: रोशनी का त्योहार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. दीपावली भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है. कहते हैं इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर लौटे थे. इसी खुशी में पूरी प्रजा ने नगर में उनका स्वागत घी के दीपक जलाकर किया था.

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. पूजा के बाद दीपकों से घर रोशन किया जाता है. लोग अंधकार पर प्रकाश के इस पर्व पर मुंह मीठा करते हैं. ETV भारत आपसे लगातार मिट्टी के दीये जलाकर दीपावली मनाने का आग्रह कर रहा है, जिससे उनकी भी दिवाली मीठी हो जाए, जिनकी मेहनत से हमारा घर रोशन होता है.

इस दिवाली क्यों न ऐसे घरों को रोशन किए जाए, जो अंधेरों में रहने को मजबूर हैं, क्यों न ऐसे बच्चों को मिठाइयां खिलाई जाएं जो इनके स्वाद के लिए तरसते हों. इस दिवाली जरुरतमंदों की मदद कर उनकी दिवाली रोशन करने की कोशिश की जाए.

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल दीपावली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:42 से 8:11 तक है. वहीं प्रदोष काल की शुरुआत शाम 5:36 से हो जाएगी. वृषभ काल शाम 6:42 से 8:37 तक चलेगा. रात 9:08 पर अमावस्या तिथि की समाप्ति हो जाएगी. अतः इससे पहले मां लक्ष्मी, कुबेर, गणेश आदि देवों की पूजा करने से खास लाभ की प्राप्ति होगी.

दिवाली पूजन की सामग्री
लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, लक्ष्मी जी को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, लाल कपड़ा, सप्तधान्य, गुलाल, लौंग, अगरबत्ती, हल्दी, अर्घ्य पात्र, फूलों की माला और खुले फूल, सुपारी, सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, केसर, सीताफल, कमलगट्टे, कुशा, कुंकु, साबुत धनिया (जिसे धनतेरस पर खरीदा हो), खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन, चांदी का सिक्का, अक्षत, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, पंच पल्लव (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते), तेल, मौली, रूई, पांच यज्ञोपवीत (धागा), रोली, लाल कपड़ा, चीनी, शहद, नारियल और हल्दी की गांठ.

  • महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा बनी रहेगी.
  • दिवाली वाले दिन लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए. इससे घर की सारी नकारात्मकता दूर हो जाएगी.
  • दिवाली पर महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां रखें. इससे धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होंगी.
  • दिवाली वाले दिन शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं. ध्यान रहे सभी चावल पूर्ण होने चाहिए.
  • लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ जरूरी रखें और पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रखें.

रायपुर: रोशनी का त्योहार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. दीपावली भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है. कहते हैं इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर लौटे थे. इसी खुशी में पूरी प्रजा ने नगर में उनका स्वागत घी के दीपक जलाकर किया था.

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. पूजा के बाद दीपकों से घर रोशन किया जाता है. लोग अंधकार पर प्रकाश के इस पर्व पर मुंह मीठा करते हैं. ETV भारत आपसे लगातार मिट्टी के दीये जलाकर दीपावली मनाने का आग्रह कर रहा है, जिससे उनकी भी दिवाली मीठी हो जाए, जिनकी मेहनत से हमारा घर रोशन होता है.

इस दिवाली क्यों न ऐसे घरों को रोशन किए जाए, जो अंधेरों में रहने को मजबूर हैं, क्यों न ऐसे बच्चों को मिठाइयां खिलाई जाएं जो इनके स्वाद के लिए तरसते हों. इस दिवाली जरुरतमंदों की मदद कर उनकी दिवाली रोशन करने की कोशिश की जाए.

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल दीपावली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:42 से 8:11 तक है. वहीं प्रदोष काल की शुरुआत शाम 5:36 से हो जाएगी. वृषभ काल शाम 6:42 से 8:37 तक चलेगा. रात 9:08 पर अमावस्या तिथि की समाप्ति हो जाएगी. अतः इससे पहले मां लक्ष्मी, कुबेर, गणेश आदि देवों की पूजा करने से खास लाभ की प्राप्ति होगी.

दिवाली पूजन की सामग्री
लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, लक्ष्मी जी को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, लाल कपड़ा, सप्तधान्य, गुलाल, लौंग, अगरबत्ती, हल्दी, अर्घ्य पात्र, फूलों की माला और खुले फूल, सुपारी, सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, केसर, सीताफल, कमलगट्टे, कुशा, कुंकु, साबुत धनिया (जिसे धनतेरस पर खरीदा हो), खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन, चांदी का सिक्का, अक्षत, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, पंच पल्लव (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते), तेल, मौली, रूई, पांच यज्ञोपवीत (धागा), रोली, लाल कपड़ा, चीनी, शहद, नारियल और हल्दी की गांठ.

  • महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा बनी रहेगी.
  • दिवाली वाले दिन लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए. इससे घर की सारी नकारात्मकता दूर हो जाएगी.
  • दिवाली पर महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां रखें. इससे धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होंगी.
  • दिवाली वाले दिन शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं. ध्यान रहे सभी चावल पूर्ण होने चाहिए.
  • लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ जरूरी रखें और पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रखें.
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