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रायपुर में दिव्यांग महिलाएं बना रहीं अनोखी राखियां - Raipur rakhi making

रक्षाबंधन के मौके पर रायपुर में स्वसहायता समूह की महिलाएं अनोखी राखियां बना रहीं हैं. खास बात ये है कि ये महिलाएं दिव्यांग हैं.

Divyang women are making unique rakhis in Raipur
रायपुर में दिव्यांग महिलाएं बना रहीं अनोखी राखियां
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Published : Aug 9, 2022, 7:33 PM IST

Updated : Aug 13, 2022, 11:32 AM IST

रायपुर : 11 अगस्त को भाई बहन के रिश्तों का पावन पर्व रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2022 ) मनाया जाएगा. हर साल की तरह इस साल भी स्व सहायता समूह की दिव्यांग महिलाएं राखी निर्माण के काम में पिछले कुछ महीने से जुटी हुई हैं. समूह की दिव्यांगजन महिलाओं के द्वारा इस बार हटकर राखी (Raksha Bandhan 2022 ) बनाई जा रही है. यह राखी कपड़े और धान से बनाई जा रही है. जो देखने में आकर्षक और मनमोहक भी लग रहा है. इसके साथ ही समूह की इन महिलाओं के द्वारा कॉटन बर्ड, मौली धागा, ऊन, स्टोन और रेशम के धागों से आकर्षक और मनमोहक राखियां (rakhi 2022 ) बनाई जा रही है. अलग-अलग त्यौहार और पर्व के सीजन में समूह की महिलाएं अलग-अलग चीजों के निर्माण में लग जाती (Raipur rakhi making) है.

रायपुर में दिव्यांग महिलाएं बना रहीं अनोखी राखियां
कैसे बनाई जा रही राखी : राजधानी के शांति नगर में समूह की दिव्यांगजन महिलाओं ने रक्षाबंधन की त्यौहार को देखते हुए बीते 1 महीने से राखी बनाने का काम कर रही है. समूह की महिलाओं ने बताया कि "कूलिंग पेपर से ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण मिलने के बाद कूलिंग पेपर के माध्यम से राखी बनाने का काम शुरू किए हैं. समूह की महिलाओं के द्वारा अब तक 10 हजार राखी बनाने का काम पूर्ण कर लिया गया है. समूह की लगभग 10 महिलाएं दिन भर में 100 राखियों का निर्माण कार्य पूरा कर लेती है दीपावली के समय गोबर के दिए और झूमर बनाने के साथ हुए सजावट के सामान भी समूह की महिलाएं बनाती है."कहां से मंगाते हैं माल : स्व सहायता समूह की अध्यक्ष गिरजा जसक्षत्री ने बताया कि "पिछले 4 साल से अलग-अलग सीजन के हिसाब से सामान का निर्माण किया जाता है. इस साल राखी को देखते हुए नया प्रयोग कर धान और कपड़े से राखी बनाने के साथ ही खादी कपड़े में धान का वर्क करके राखी सुंदर और आकर्षक रूप दिया जा रहा है. समूह की अध्यक्ष ने बताया कि ''शुरुआती दिनों में सामान रायपुर से खरीदी करते थे. लेकिन बाद में सामान महंगा होने के कारण आजकल कच्चा सामान अहमदाबाद से ऑनलाइन मंगाकर राखी निर्माण कर रहे हैं."

ये भी पढ़ें- भाई की कलाई सजाने को अनाथ बच्चियों ने भी बनाई हैं राखियां


किस समूह से जुड़ी हैं महिलाएं : रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि "स्थानीय स्तर पर समूह की महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. अपर आयुक्त ने बताया कि '' स्व सहायता समूह तो बहुत सारे हैं. लेकिन 2 स्व सहायता समूह की महिलाएं ज्यादा एक्टिव जो राखी निर्माण कर रही है. जिसमें रोशनी स्व सहायता समूह और एक पहल सेवा समिति गोकुल नगर की महिलाएं गोबर से राखियों का निर्माण कर रही हैं. राखियां निर्माण करके स्व सहायता समूह की महिलाएं अच्छी आय भी अर्जित कर रही हैं."

रायपुर : 11 अगस्त को भाई बहन के रिश्तों का पावन पर्व रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2022 ) मनाया जाएगा. हर साल की तरह इस साल भी स्व सहायता समूह की दिव्यांग महिलाएं राखी निर्माण के काम में पिछले कुछ महीने से जुटी हुई हैं. समूह की दिव्यांगजन महिलाओं के द्वारा इस बार हटकर राखी (Raksha Bandhan 2022 ) बनाई जा रही है. यह राखी कपड़े और धान से बनाई जा रही है. जो देखने में आकर्षक और मनमोहक भी लग रहा है. इसके साथ ही समूह की इन महिलाओं के द्वारा कॉटन बर्ड, मौली धागा, ऊन, स्टोन और रेशम के धागों से आकर्षक और मनमोहक राखियां (rakhi 2022 ) बनाई जा रही है. अलग-अलग त्यौहार और पर्व के सीजन में समूह की महिलाएं अलग-अलग चीजों के निर्माण में लग जाती (Raipur rakhi making) है.

रायपुर में दिव्यांग महिलाएं बना रहीं अनोखी राखियां
कैसे बनाई जा रही राखी : राजधानी के शांति नगर में समूह की दिव्यांगजन महिलाओं ने रक्षाबंधन की त्यौहार को देखते हुए बीते 1 महीने से राखी बनाने का काम कर रही है. समूह की महिलाओं ने बताया कि "कूलिंग पेपर से ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण मिलने के बाद कूलिंग पेपर के माध्यम से राखी बनाने का काम शुरू किए हैं. समूह की महिलाओं के द्वारा अब तक 10 हजार राखी बनाने का काम पूर्ण कर लिया गया है. समूह की लगभग 10 महिलाएं दिन भर में 100 राखियों का निर्माण कार्य पूरा कर लेती है दीपावली के समय गोबर के दिए और झूमर बनाने के साथ हुए सजावट के सामान भी समूह की महिलाएं बनाती है."कहां से मंगाते हैं माल : स्व सहायता समूह की अध्यक्ष गिरजा जसक्षत्री ने बताया कि "पिछले 4 साल से अलग-अलग सीजन के हिसाब से सामान का निर्माण किया जाता है. इस साल राखी को देखते हुए नया प्रयोग कर धान और कपड़े से राखी बनाने के साथ ही खादी कपड़े में धान का वर्क करके राखी सुंदर और आकर्षक रूप दिया जा रहा है. समूह की अध्यक्ष ने बताया कि ''शुरुआती दिनों में सामान रायपुर से खरीदी करते थे. लेकिन बाद में सामान महंगा होने के कारण आजकल कच्चा सामान अहमदाबाद से ऑनलाइन मंगाकर राखी निर्माण कर रहे हैं."

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किस समूह से जुड़ी हैं महिलाएं : रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि "स्थानीय स्तर पर समूह की महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. अपर आयुक्त ने बताया कि '' स्व सहायता समूह तो बहुत सारे हैं. लेकिन 2 स्व सहायता समूह की महिलाएं ज्यादा एक्टिव जो राखी निर्माण कर रही है. जिसमें रोशनी स्व सहायता समूह और एक पहल सेवा समिति गोकुल नगर की महिलाएं गोबर से राखियों का निर्माण कर रही हैं. राखियां निर्माण करके स्व सहायता समूह की महिलाएं अच्छी आय भी अर्जित कर रही हैं."

Last Updated : Aug 13, 2022, 11:32 AM IST
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