ETV Bharat / state

हादसा भी नहीं तोड़ पाया बिरेंद्र की हिम्मत, हथेली नहीं है फिर भी करता है ड्राइविंग

अभनपुर विकासखंड के ग्राम पोंड के रहने वाले बिरेन्द्र वर्मा ने दिव्यांग होते हुए भी साहस की एक मिसाल पेश की है.

बिरेन्द्र वर्मा की स्टोरी
author img

By

Published : Mar 22, 2019, 11:38 AM IST

रायपुरः अभनपुर विकासखंड के ग्राम पोंड के रहने वाले बिरेन्द्र वर्मा ने दिव्यांग होते हुए भी साहस की एक मिसाल पेश की है. हादसे में एक हाथ की हथेली गंवाने के बाद भी बिरेन्द्र गाड़ी चलाते हैं और अपने परिवार की आजीविका की जिम्मेदारी को पूरा करते हैं.

बिरेन्द्र वर्मा का एक सड़क दुर्घटना में दोनों हाथ जख्मी हो गया, जिसके बाद एक हाथ की हथेली काटनी पड़ी और एक हाथ की कुछ उंगलियां काटनी पड़ीं. इसके बाद भी बिरेन्द्र ने अपनी हिम्मत नहीं हारी. दिव्यांग बिरेंद्र अपनी आजीविका चलाने के लिए टाटा मैजिक गाड़ी चलाते हैं, जिससे वे लोगों को चम्पारण्य से राजिम ले जाते हैं और इससे होनी वाली आमदनी से अपना घर चलाते हैं.

घाव भरने के बाद बिरेन्द्र ने घर से लगी बाड़ी में फूल और सब्जियों की खेती करने का फैसला लिया और सभी के सहयोग से बेचना भी शुरू किया. पेशे से ड्राइवर रहे बिरेन्द्र को ये काम रास नहीं आया. आखिरकार सब्जी की खेती के साथ ही उन्होंने फिर से गाड़ी चलाने का निर्णय लिया.

बिरेंद्र का साहस लोगों के लिए ऐसी मिसाल बन गया है कि सभी बिना डरे उसके वाहन में भरोसे के साथ बैठकर यात्रा करते हैं.

रायपुरः अभनपुर विकासखंड के ग्राम पोंड के रहने वाले बिरेन्द्र वर्मा ने दिव्यांग होते हुए भी साहस की एक मिसाल पेश की है. हादसे में एक हाथ की हथेली गंवाने के बाद भी बिरेन्द्र गाड़ी चलाते हैं और अपने परिवार की आजीविका की जिम्मेदारी को पूरा करते हैं.

बिरेन्द्र वर्मा का एक सड़क दुर्घटना में दोनों हाथ जख्मी हो गया, जिसके बाद एक हाथ की हथेली काटनी पड़ी और एक हाथ की कुछ उंगलियां काटनी पड़ीं. इसके बाद भी बिरेन्द्र ने अपनी हिम्मत नहीं हारी. दिव्यांग बिरेंद्र अपनी आजीविका चलाने के लिए टाटा मैजिक गाड़ी चलाते हैं, जिससे वे लोगों को चम्पारण्य से राजिम ले जाते हैं और इससे होनी वाली आमदनी से अपना घर चलाते हैं.

घाव भरने के बाद बिरेन्द्र ने घर से लगी बाड़ी में फूल और सब्जियों की खेती करने का फैसला लिया और सभी के सहयोग से बेचना भी शुरू किया. पेशे से ड्राइवर रहे बिरेन्द्र को ये काम रास नहीं आया. आखिरकार सब्जी की खेती के साथ ही उन्होंने फिर से गाड़ी चलाने का निर्णय लिया.

बिरेंद्र का साहस लोगों के लिए ऐसी मिसाल बन गया है कि सभी बिना डरे उसके वाहन में भरोसे के साथ बैठकर यात्रा करते हैं.

Intro:Body:

रायपुरः अभनपुर विकासखंड के ग्राम पोंड के रहने वाले बिरेन्द्र वर्मा ने दिव्यांग होते हुए भी साहस की एक मिसाल पेश की है. हादसे में एक हाथ की हथेली गंवाने के बाद भी बिरेन्द्र गाड़ी चलाते हैं और अपने परिवार की आजीविका की जिम्मेदारी को पूरा करते हैं. 

बिरेन्द्र वर्मा का एक सड़क दुर्घटना में दोनों हाथ जख्मी हो गया, जिसके बाद एक हाथ की हथेली काटनी पड़ी और एक हाथ की कुछ उंगलियां काटनी पड़ीं. इसके बाद भी बिरेन्द्र ने अपनी हिम्मत नहीं हारी. दिव्यांग बिरेंद्र अपनी आजीविका चलाने के लिए टाटा मैजिक गाड़ी चलाते हैं, जिससे वे लोगों को चम्पारण्य से राजिम ले जाते हैं और इससे होनी वाली आमदनी से अपना घर चलाते हैं. 

घाव भरने के बाद बिरेन्द्र ने घर से लगी बाड़ी में फूल और सब्जियों की खेती करने का फैसला लिया और सभी के सहयोग से बेचना भी शुरू किया. पेशे से ड्राइवर रहे बिरेन्द्र को ये काम रास नहीं आया. आखिरकार सब्जी की खेती के साथ ही उन्होंने फिर से गाड़ी चलाने का निर्णय लिया. 

बिरेंद्र का साहस लोगों के लिए ऐसी मिसाल बन गया है कि सभी बिना डरे उसके वाहन में भरोसे के साथ बैठकर यात्रा करते हैं.  

बाईट – 01  रामनारायण वर्मा पिता



बाईट _02  बिरेन्द्र



बाईट _03  बिरेन्द्र 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.