रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे प्रशासनिक तबादले को लेकर एक बार फिर सियासत गर्म हो गई है. लोकसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के तमाम बड़े अधिकारियों समेत विभागों में बड़ी सर्जरी की है.
सीएम भूपेश ने की कलेक्टर और एसपी की कॉन्फ्रेंस
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर और एसपी की कॉन्फ्रेंस लेकर अपने इरादे और सरकार की स्पष्ट नीति से सबको वाकिफ करा दिया है. घंटों चली मैराथन बैठक के बाद कई तरह के निर्देश और सरकार की नीति को अधिकारियों के सामने स्पष्ट तौर पर रखा है.
कलेक्ट्रेट से सेक्रेटेरिएट तक फेरबदल
वहीं बैठक के कुछ देर बाद ही पुलिस विभाग से लेकर कलेक्ट्रेट और सेक्रेटेरिएट तक बड़े फेरबदल किए गए. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी का आरोप है कि 'सरकार बनने के बाद से कांग्रेस सरकार ने लगातार ट्रांसफर कर तबादला उद्योग स्थापित कर दिए है'.
'अधिकारियों पर मढ़ी जा रही हार'
बीजेपी का कहना है कि 'विधानसभा चुनाव के बाद किए गए तबादलों से मन नहीं भरा तो अब लोकसभा चुनाव में मिली भारी हार को अधिकारियों पर मढ़ने का काम चल रहा है'.
'छत्तीसगढ़ में चल रहा तबादला उद्योग'
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ में बड़ा तबादला उद्योग चल रहा है. ऐसे अस्थिरता की स्थिति प्रदेश में कभी नहीं रही. किसी अधिकारी को काम करने का समय भी नहीं दिया जा रहा, जो अधिकारी जहां ट्रांसफर होता है वहां का काम-काज समझता है तब-तक उसका तबादला कर दिया जाता है. इन तबादलों की वजह से प्रदेश के सारे काम ठप्प पड़े हैं. ये सरकार आने वाले समय मे तबादले वाली सरकार के रूप में जानी जाएगी'.