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Dhanteras 2021: जानिए धनतेरस पर क्यों की जाती है खरीदारी - धन त्रयोदशी

दीपावली (Diwali) से ठीक पहले धनतेरस (Dhanteras) का त्यौहार (Fastival) मनाया जाता है. इस दिन लोग खरीददारी (Shopping) करते हैं. खासतौर पर इस दिन आभूषण खरीदा (Bought jewelery) जाता है. इतना ही नहीं, इस दिन धनिया (Dhaniya), पीला सरसो (Yellow mustard), पीली कौड़ी (Yellow penny) सहित कई चीजों को खरीदने की प्रथा है. इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021, दिन मंगलवार को पड़ रहा है.

Dhanteras 2021
धनतेरस पर क्यों की जाती है खरीददारी
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Published : Oct 16, 2021, 2:55 PM IST

रायपुरः सनातन धर्म में दीपावली (Diwali)का विशेष महत्व है. दीपावली से ठीक पहले धनतेरस (Dhanteras) का त्यौहार (Fastival) मनाया जाता है. इस दिन लोग खरीदारी (Shopping) करते हैं. खासकर इस दिन आभूषण (Jewellery) करने का विधान है. कहते हैं कि इस दिन बर्तन (Utensils), सोना(Gold), चांदी (Silver) खरीदने और उसकी पूजा करने से सालभर मां लक्ष्मी (Maa lakshmi) मेहरबान रहती है. यही कारण है कि लोग इस दिन आभूषणों की खरीददारी (Bought jewelery) करते हैं.

इतना ही नहीं, इस दिन धनिया (Dhaniya), पीला सरसो(Yellow mustard), पीली कौड़ी (Yellow penny)सहित कई चीजों को खरीदने की प्रथा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021, दिन मंगलवार को पड़ रहा है.

क्यों मनाया जाता है धनतेरस

कहा जाता है कि जब प्रभु धन्वंतरि (Lord dhanwantri) प्रकट हुए थे, तब उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था. यही कारण है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. इस तिथि को धन त्रयोदशी (Dhan Trayodashi) के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव (Dhanwantri Dev) और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. वहीं, इस दिन कुबेर (Kuber) की पूजा का भी विधान है.

धनतेरस 2021 शुभ मुहूर्त

इस बार धनतेरस 2 नवंबर, मंगलवार को है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक है. वहीं प्रदोष काल में शाम 05:39 से 20:14 बजे तक और वृषभ काल में शाम 06:51 से 20:47 तक पूजा का शुभ समय है.

इस दिन धनिया खरीदने का है महत्व

माना जाता है कि धनतेरस पर पीली वस्तुएं खरीदना चाहिए. जैसे सोना, पीतल के बर्तन या धनिया. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन सोना नहीं खरीद सकते हैं तो पीतल का बर्तन खरीदें. यह दोनों वस्तुएं नहीं खरीद सकते हैं तो धनिया खरीदें. हालांकि ऐसा कम ही लोग मानते हैं. धनिया खरीदने के और भी कारण है. खासकर धनिया खरीदना बहुत ही शुभ होता है. इस दिन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में धनिए के नए बीज खरीदते हैं, वहीं शहरी क्षेत्र में पूजा के लिए साबुत धनिया खरीदते हैं. इस दिन सूखे धनिया के बीज को पीसकर गुड़ के साथ मिलकर एक मिश्रण बनाकर 'नैवेद्य' तैयार करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से धन का नुकसान नहीं होता है.

संपन्नता का प्रतीक है धनिया

धनिया को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए धनतेरस को थोड़ी सी धनिया जरूर खरीदें. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करने और भगवान धनवंतरि के चरणों में धनिया चढ़ाने के बाद उनसे प्रार्थना करने से मेहनत का फल मिलता है और व्यक्ति तरक्की करता है. पूजा के बाद आप धनिया का प्रसाद बनता है जिसे सब लोगों के बीच वितरित किया जाता है.

इन चीजों की भी होती है खरीददारी

धनतेरस पर झाड़ू, पीली कौड़ियां या हल्दी की गांठ भी खरीदे सकते हैं. धनतेरस के दिन आप कौड़ीयां खरीदें और यदि वे पीली ना हो तो उन्हें हल्दी के घोल में पीला कर लें. बाद में इनकी पूजा कर अपनी तिजोरी में रखें. इसके अलावा धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त देखकर बाजार से गांठ वाली पीली हल्दी अथवा काली हल्दी को घर लाएं. इस हल्दी को कोरे कपड़े पर रखकर स्थापित करें तथा षडोशपचार से पूजन करें. यह धन समृद्धि बढ़ाने वाला उपाय माना जाता है.

रायपुरः सनातन धर्म में दीपावली (Diwali)का विशेष महत्व है. दीपावली से ठीक पहले धनतेरस (Dhanteras) का त्यौहार (Fastival) मनाया जाता है. इस दिन लोग खरीदारी (Shopping) करते हैं. खासकर इस दिन आभूषण (Jewellery) करने का विधान है. कहते हैं कि इस दिन बर्तन (Utensils), सोना(Gold), चांदी (Silver) खरीदने और उसकी पूजा करने से सालभर मां लक्ष्मी (Maa lakshmi) मेहरबान रहती है. यही कारण है कि लोग इस दिन आभूषणों की खरीददारी (Bought jewelery) करते हैं.

इतना ही नहीं, इस दिन धनिया (Dhaniya), पीला सरसो(Yellow mustard), पीली कौड़ी (Yellow penny)सहित कई चीजों को खरीदने की प्रथा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021, दिन मंगलवार को पड़ रहा है.

क्यों मनाया जाता है धनतेरस

कहा जाता है कि जब प्रभु धन्वंतरि (Lord dhanwantri) प्रकट हुए थे, तब उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था. यही कारण है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. इस तिथि को धन त्रयोदशी (Dhan Trayodashi) के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव (Dhanwantri Dev) और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. वहीं, इस दिन कुबेर (Kuber) की पूजा का भी विधान है.

धनतेरस 2021 शुभ मुहूर्त

इस बार धनतेरस 2 नवंबर, मंगलवार को है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक है. वहीं प्रदोष काल में शाम 05:39 से 20:14 बजे तक और वृषभ काल में शाम 06:51 से 20:47 तक पूजा का शुभ समय है.

इस दिन धनिया खरीदने का है महत्व

माना जाता है कि धनतेरस पर पीली वस्तुएं खरीदना चाहिए. जैसे सोना, पीतल के बर्तन या धनिया. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन सोना नहीं खरीद सकते हैं तो पीतल का बर्तन खरीदें. यह दोनों वस्तुएं नहीं खरीद सकते हैं तो धनिया खरीदें. हालांकि ऐसा कम ही लोग मानते हैं. धनिया खरीदने के और भी कारण है. खासकर धनिया खरीदना बहुत ही शुभ होता है. इस दिन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में धनिए के नए बीज खरीदते हैं, वहीं शहरी क्षेत्र में पूजा के लिए साबुत धनिया खरीदते हैं. इस दिन सूखे धनिया के बीज को पीसकर गुड़ के साथ मिलकर एक मिश्रण बनाकर 'नैवेद्य' तैयार करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से धन का नुकसान नहीं होता है.

संपन्नता का प्रतीक है धनिया

धनिया को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए धनतेरस को थोड़ी सी धनिया जरूर खरीदें. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करने और भगवान धनवंतरि के चरणों में धनिया चढ़ाने के बाद उनसे प्रार्थना करने से मेहनत का फल मिलता है और व्यक्ति तरक्की करता है. पूजा के बाद आप धनिया का प्रसाद बनता है जिसे सब लोगों के बीच वितरित किया जाता है.

इन चीजों की भी होती है खरीददारी

धनतेरस पर झाड़ू, पीली कौड़ियां या हल्दी की गांठ भी खरीदे सकते हैं. धनतेरस के दिन आप कौड़ीयां खरीदें और यदि वे पीली ना हो तो उन्हें हल्दी के घोल में पीला कर लें. बाद में इनकी पूजा कर अपनी तिजोरी में रखें. इसके अलावा धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त देखकर बाजार से गांठ वाली पीली हल्दी अथवा काली हल्दी को घर लाएं. इस हल्दी को कोरे कपड़े पर रखकर स्थापित करें तथा षडोशपचार से पूजन करें. यह धन समृद्धि बढ़ाने वाला उपाय माना जाता है.

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