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जानें, प्रदेश में लॉन्च हुई 5 योजनाओं से किन्हें और क्या होगा लाभ ?

सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश में 5 योजनाएं लॉन्च की. इस योजनाओं की कई खास बातें क्या है, जो आम जनता को जानना जरूरी है.

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Published : Oct 2, 2019, 6:22 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 11:34 PM IST

सीएम भूपेश बघेल

रायपुर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जंयती को यादगार और खास बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 नई योजनाओं की शुरूआत की है. इसमें सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम और मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय जैसी महती योजनाएं शामिल हैं.

जानें, प्रदेश में लॉन्च हुई 5 योजनाओं से किन्हें और क्या होगा लाभ ?

ये पांच योजनाएं कौन सी हैं. इनसे किस वर्ग को क्या फायदा होगा जानिए.

1. सुपोषण योजना

  • आगामी तीन वर्ष में प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया के कलंक से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने ये रणनीति तैयार की गई है.
  • इस योजना के तहत बच्चों को गुड़ और फली के बने लड्डू के अलावा अंडा और गर्भवती महिलाओं को स्वादिष्ट और गर्म भोजन परोसा जाएगा.
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ में पांच वर्ष से कम आयु के 37.6 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. वहीं 15 से 49 वर्ष की 41.5 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं.

2. हाट बाजार क्लीनिक योजना

  • दूसरी योजना मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना है. राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि हाट-बाजारों में ही मेडिकल टीम भेजकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी.
  • स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम, चिकित्सकों और आवश्यक उपकरणों सहित पहुंचकर न केवल लोगों का इलाज करेगी, बल्कि रक्त परीक्षण सहित अन्य पैथोलॉजी जांच भी करेगी.
  • लोगों को निःशुल्क दवा भी दी जाएगी. इस योजना से प्रदेश के वनांचल और दूरस्थ क्षेत्रों में अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा.

3. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना

  • तीसरी मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना है. 13 नगर निगमों में करीब एक लाख 71 हजार परिवार स्लम क्षेत्रों में रहते हैं.
  • इन परिवारों के लगभग 7 लाख 80 हजार लोगों के इलाज की सुदृढ़ व्यवस्था के लिए सरकार मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मोबाइल मेडिकल टीम भी उपलब्ध करवा रही है.

4. यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम

  • राज्य सरकार की चौथी योजना यूनिवर्सल PDS स्कीम है. राज्य के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.
  • सार्वभौम PDS के अंतर्गत प्राथमिकता राशनकार्डों में खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि के साथ-साथ अब राज्य सरकार की ओर से BPL के साथ-साथ APL परिवारों को भी खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा.
  • सार्वभौम PDS स्कीम में प्राथमिकता राशनकार्डों की खाद्यान्न की पात्रता में वृद्धि की गई है, जिसके तहत एक परिवार के लिए 10 किलो चावल, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो और 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह चावल देने की योजना बनाई गई है.
  • प्राथमिकता परिवारों की पात्रता में वृद्धि से खाद्यान्न आवंटन में लगभग 22 हजार टन की वृद्धि हुई है. चना और नमक के वितरण के साथ ही शहरी गरीबों को मिट्टी का तेल प्रदान किया जाएगा.

5. मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय

  • पांचवी योजना के अंतर्गत शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय का शुभारंभ किया गया है.
  • नागरिक सेवाओं की तत्काल उपलब्धता और लोगों को उनकी मांगों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय की शुरूआत की गई है.
  • गांधी जयंती की इस मौके पर पहले चरण में प्रदेश के 13 नगर निगमों के कार्यालय में काम शुरू किया.
  • इन कार्यालयों के माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण, स्ट्रीट लाइट, सड़क रखरखाव, नालियों की सफाई और जल आपूर्ति संबंधी शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया जाएगा.
  • इन कार्यालयों में लोगों को नवीन व्यापार लाइसेंस, लाइसेंस नवीनीकरण, संपत्ति कर, जल कर, समेकित कर के भुगतान और सामुदायिक भवन के आरक्षण जैसी नागरिक सुविधाएं भी मिलेंगी.

रायपुर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जंयती को यादगार और खास बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 नई योजनाओं की शुरूआत की है. इसमें सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम और मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय जैसी महती योजनाएं शामिल हैं.

जानें, प्रदेश में लॉन्च हुई 5 योजनाओं से किन्हें और क्या होगा लाभ ?

ये पांच योजनाएं कौन सी हैं. इनसे किस वर्ग को क्या फायदा होगा जानिए.

1. सुपोषण योजना

  • आगामी तीन वर्ष में प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया के कलंक से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने ये रणनीति तैयार की गई है.
  • इस योजना के तहत बच्चों को गुड़ और फली के बने लड्डू के अलावा अंडा और गर्भवती महिलाओं को स्वादिष्ट और गर्म भोजन परोसा जाएगा.
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ में पांच वर्ष से कम आयु के 37.6 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. वहीं 15 से 49 वर्ष की 41.5 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं.

2. हाट बाजार क्लीनिक योजना

  • दूसरी योजना मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना है. राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि हाट-बाजारों में ही मेडिकल टीम भेजकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी.
  • स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम, चिकित्सकों और आवश्यक उपकरणों सहित पहुंचकर न केवल लोगों का इलाज करेगी, बल्कि रक्त परीक्षण सहित अन्य पैथोलॉजी जांच भी करेगी.
  • लोगों को निःशुल्क दवा भी दी जाएगी. इस योजना से प्रदेश के वनांचल और दूरस्थ क्षेत्रों में अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा.

3. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना

  • तीसरी मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना है. 13 नगर निगमों में करीब एक लाख 71 हजार परिवार स्लम क्षेत्रों में रहते हैं.
  • इन परिवारों के लगभग 7 लाख 80 हजार लोगों के इलाज की सुदृढ़ व्यवस्था के लिए सरकार मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मोबाइल मेडिकल टीम भी उपलब्ध करवा रही है.

4. यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम

  • राज्य सरकार की चौथी योजना यूनिवर्सल PDS स्कीम है. राज्य के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.
  • सार्वभौम PDS के अंतर्गत प्राथमिकता राशनकार्डों में खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि के साथ-साथ अब राज्य सरकार की ओर से BPL के साथ-साथ APL परिवारों को भी खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा.
  • सार्वभौम PDS स्कीम में प्राथमिकता राशनकार्डों की खाद्यान्न की पात्रता में वृद्धि की गई है, जिसके तहत एक परिवार के लिए 10 किलो चावल, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो और 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह चावल देने की योजना बनाई गई है.
  • प्राथमिकता परिवारों की पात्रता में वृद्धि से खाद्यान्न आवंटन में लगभग 22 हजार टन की वृद्धि हुई है. चना और नमक के वितरण के साथ ही शहरी गरीबों को मिट्टी का तेल प्रदान किया जाएगा.

5. मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय

  • पांचवी योजना के अंतर्गत शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय का शुभारंभ किया गया है.
  • नागरिक सेवाओं की तत्काल उपलब्धता और लोगों को उनकी मांगों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय की शुरूआत की गई है.
  • गांधी जयंती की इस मौके पर पहले चरण में प्रदेश के 13 नगर निगमों के कार्यालय में काम शुरू किया.
  • इन कार्यालयों के माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण, स्ट्रीट लाइट, सड़क रखरखाव, नालियों की सफाई और जल आपूर्ति संबंधी शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया जाएगा.
  • इन कार्यालयों में लोगों को नवीन व्यापार लाइसेंस, लाइसेंस नवीनीकरण, संपत्ति कर, जल कर, समेकित कर के भुगतान और सामुदायिक भवन के आरक्षण जैसी नागरिक सुविधाएं भी मिलेंगी.
Intro:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वी जंयती को यादगार और खास बनाने के साथ मुख्यमंत्री ने 5 बड़ी नई योजनाओं की शुरूआत की है। ये योजनाए प्रदेशवासियों के बेहतर पोषण और स्वास्थ्य की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। मुख्यमंत्री ने आज विधानसभा परिसर में स्थित ऑडिटोरियम में सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम और मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय जैसी महती योजनाओं का शुभारंभ किया है।
आपको बता दें कि, इस अभियान से छत्तीसगढ़ में लगभग 40 प्रतिशत की आबादी जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही है, उन्हें इसका फायदा मिलेगा। उन्हें स्वस्थ और निरोग रखने के लिए भोजन में जरूरी सभी प्रकार के पोषक तत्व भी मिलेंगे।

          गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार आज छत्तीसगढ़ में पांच वर्ष से कम आयु के 37.6 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और 15 से 49 वर्ष की 41.5 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं।
इस अभियान के तहत आगामी तीन वर्ष में प्रदेश को कुपोषण और एनिमिया के कलंक से मुक्ति की रणनीति तैयार की गई है।

दूसरी योजना मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया कि हाट-बाजारों में ही मेडिकल टीम भेजकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जाएगी।

यहां स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम, चिकित्सकों और आवश्यक उपकरणों सहित पहुँचकर न केवल लोगों का ईलाज करायेगी बल्कि रक्त परीक्षण सहित अन्य पैथोलाॅजी जांच भी मौके पर करके लोगों को निःशुल्क दवा भी प्रदान किया जाएगा। इस योजना से प्रदेश के वनांचल और दूरस्थ क्षेत्रों में अच्छा प्रतिसाद मिलेगा।

तीसरी योजना में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना है। प्रदेश के 13 नगर निगमों में करीब एक लाख 71 हजार परिवार स्लम क्षेत्रों में रहते हैं। इन परिवारों के लगभग 7 लाख 80 हजार लोगों के उपचार की सुदृढ़ व्यवस्था के लिए सरकार मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मोबाइल मेडिकल टीम उपलब्ध करा रही है।

राज्य सरकार की चौथी योजना यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम की शुरुआत की गई। राज्य के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत प्राथमिकता राशनकार्डों में खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि के साथ-साथ अब राज्य सरकार द्वारा बीपीएल के साथ-साथ एपीएल परिवारों को भी खाद्यान्न प्रदाय किया जाएगा। सार्वभौम पीडीएस स्कीम में प्राथमिकता राशनकार्डो की खाद्यान्न की पात्रता में वृद्धि की गई है जिसके तहत एक सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह चावल एक रूपए प्रति किलो की दर से प्रदाय किया जाएगा। प्राथमिकता परिवारों की पात्रता में वृद्धि से खाद्यान्न आबंटन में लगभग 22 हजार टन की वृद्धि हुई है। चना व नमक के वितरण के साथ ही शहरी गरीबों को मिट्टी तेल प्रदाय किया जाएगा।

पांचवी योजना के अंतर्गत शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय का शुभारंभ आज से किया गया है। नागरिक सेवाओं की तत्काल उपलब्धता और लोगों को उनकी मांगों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय शुरू किये जा रहे है। गांधी जयंती पर पहले चरण में प्रदेश के 13 नगर निगमो में ये कार्यालय काम करना शुरू कर देंगे। इन कार्यालयों के माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण, स्ट्रीट लाइट, सड़क रखरखाव, नालियों की सफाई और जल आपूर्ति संबंधी शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया जाएगा। इन कार्यालयों में लोगों को नवीन व्यापार लाइसेंस, लाइसेंस नवीनीकरण, संपत्ति कर, जल कर, समेकित कर के भुगतान और सामुदायिक भवन के आरक्षण जैसी नागरिक सुविधाएं भी मिलेंगी।Body:000Conclusion:00
Last Updated : Oct 2, 2019, 11:34 PM IST
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