कोरबा: रामपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के बच्चों और उनके परिजनों की शिकायत के आधार पर अधीक्षिका विमला भास्कर को हटा दिया गया है. मामले को ETV भारत ने भी प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद शनिवार को कलेक्टर के आदेश पर शिक्षा विभाग ने विमला को उनकी मूल संस्था शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पटाढ़ी में वापस भेज दिया गया है.
पहले भी कार्रवाई
विमला भास्कर को 2 साल पहले भी इसी हॉस्टल से हटाया गया था. तब भी उनके खिलाफ गंभीर शिकायतें सामने आई थी. इसके बाद जिला पंचायत की सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित कर उन्हें हटाया गया था. इसके बाद DEO सतीश पांडेय के जिले में आते ही उनके विशेष प्रयासों के बाद विमला फिर से कस्तूरबा गांधी स्कूल में पदस्थ हो गई थी. जबकि यहां पदस्थ वंदना यादव को बिना किसी गलती के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के अधीक्षिका के पद से हटा दिया गया था. आरोप है कि विमला भास्कर सतीश पांडेय की करीबी है.
अभिभावकों ने सांसद से की शिकायत
जानकारी के अनुसार शनिवार को कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत कोरबा के दौरे पर थी. इसी दौरान बच्चों के अभिभावक अधीक्षिका विमला भास्कर की शिकायत लेकर सांसद से मिलने पहुंचे थे. जिसके बाद शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आनन-फानन में कलेक्टर से बात की गई, इसके बाद शिक्षा विभाग ने मामले में कार्रवाई की है.
सीनियर शिक्षिका को प्रभार
विमला भास्कर के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें आ रही थी. कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि विमला भास्कर को मूल संस्था में वापस भेज दिया गया है. जबकि कस्तूरबा गांधी की ही वरिष्ठ शिक्षिका को अधीक्षिका का प्रभार सौंपा गया है. मामले की जांच की जा रही है. इसके बाद निलंबन जैसी कोई कार्रवाई की जा सकती है.