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मंत्रालय में कोरोना का कहर, इंद्रावती भवन बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

इंद्रावती भवन (मंत्रालय) में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर भवन के कर्मचारियों ने परिसर में प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार से कुछ दिनों के लिए इंद्रावती भवन को बंद करने की मांग की.

Demand to close Indravati Bhavan
इंद्रावती भवन बंद करने की मांग
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Published : Sep 3, 2020, 3:56 AM IST

रायपुर: इंद्रावती भवन (मंत्रालय) में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. यहां कोरोना से तीसरी मौत हो गई है. इंद्रावती भवन में कोरोना से हुई मौत के बाद कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा है. विभागाध्यक्ष कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में बुधवार को इंद्रावती भवन में प्रदर्शन किया गया.

इंद्रावती भवन बंद करने की मांग

संयुक्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमोद श्रीवास्तव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इंद्रावती भवन में संक्रमण फैलाने के लिए भवन में पदस्थ कई विभाग प्रमुख जिम्मेदार हैं. शासन ने स्पष्ट आदेश जारी कर 33 प्रतिशत कर्मचारियों से कार्यालय संचालित कराने का निर्देश जारी किया था. लेकिन इन अधिकारियों ने उक्त आदेश का पालन नहीं करते हुए तानाशाही रवैया अपनाया. साथ ही 80 से 100 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय बुलाया. जिसके कारण बसों में भीड़ बढ़ने से संक्रमण तेजी से फैल गया.

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नियमों का दिया गया हवाला

कलेक्टर के आदेश 20/8 की कंडिका 5 का हवाला देते हुए इंद्रावती भवन को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की मांग की गई है. कमल वर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 में कहीं भी कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए रिहायशी या गैर रिहायशी का उल्लेख नहीं है. अपने उद्दबोधन में अधिकारियों और कर्मचारियों को आगाह करते हुए कहा कि इस कोरोना वायरस का इलाज अभी विश्व में नहीं है. इसलिए आत्म सुरक्षा के लिए सभी कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.

अधिकारी कर्मचारी रहे मौजूद

कमल ने कहा कि शासकीय कार्यालय बार बार बंद कराना भी स्थाई समाधान नहीं है. आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, उसका भी ध्यान हमें देना होगा. सभा का संचालन पुरूषोत्तम पमनानी ने किया. इस दौरान भारी संख्या में विभिन्न विभागों के अधिकारी -कर्मचारी मौजूद थे.

रायपुर: इंद्रावती भवन (मंत्रालय) में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. यहां कोरोना से तीसरी मौत हो गई है. इंद्रावती भवन में कोरोना से हुई मौत के बाद कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा है. विभागाध्यक्ष कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में बुधवार को इंद्रावती भवन में प्रदर्शन किया गया.

इंद्रावती भवन बंद करने की मांग

संयुक्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमोद श्रीवास्तव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इंद्रावती भवन में संक्रमण फैलाने के लिए भवन में पदस्थ कई विभाग प्रमुख जिम्मेदार हैं. शासन ने स्पष्ट आदेश जारी कर 33 प्रतिशत कर्मचारियों से कार्यालय संचालित कराने का निर्देश जारी किया था. लेकिन इन अधिकारियों ने उक्त आदेश का पालन नहीं करते हुए तानाशाही रवैया अपनाया. साथ ही 80 से 100 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय बुलाया. जिसके कारण बसों में भीड़ बढ़ने से संक्रमण तेजी से फैल गया.

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नियमों का दिया गया हवाला

कलेक्टर के आदेश 20/8 की कंडिका 5 का हवाला देते हुए इंद्रावती भवन को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की मांग की गई है. कमल वर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 में कहीं भी कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए रिहायशी या गैर रिहायशी का उल्लेख नहीं है. अपने उद्दबोधन में अधिकारियों और कर्मचारियों को आगाह करते हुए कहा कि इस कोरोना वायरस का इलाज अभी विश्व में नहीं है. इसलिए आत्म सुरक्षा के लिए सभी कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.

अधिकारी कर्मचारी रहे मौजूद

कमल ने कहा कि शासकीय कार्यालय बार बार बंद कराना भी स्थाई समाधान नहीं है. आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, उसका भी ध्यान हमें देना होगा. सभा का संचालन पुरूषोत्तम पमनानी ने किया. इस दौरान भारी संख्या में विभिन्न विभागों के अधिकारी -कर्मचारी मौजूद थे.

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