रायपुर: विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने शराबबंदी का मुद्दा उठाया था. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में भी इसका जिक्र किया था. शराबबंदी के वादे की वजह से ही महिलाओं ने कांग्रेस को अपना भरपूर आशीर्वाद दिया, लेकिन सत्ता के सिंहासन पर बैठते ही कांग्रेस जैसे शराबबंदी के मुद्दे को भूल गई है. अब ये मुद्दा केवल बहस करने के लिए ही रह गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने शराबबंदी को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों को बचाना है, तो सबसे पहले सरकार को शराबबंदी करनी चाहिए, लेकिन सरकार के रवैये से ये बिल्कुल नहीं लग रहा है कि वो इस मूड में है.
ये अच्छा अवसर है: जोगी
अजीत जोगी ने कहा कि दुर्भाग्य से कोरोना आया है, लेकिन मैं यह मानता हूं कि ये अच्छा अवसर है शराबबंदी करने का. उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण के दौरान सरकार को शराब दुकानें बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. जो लोग शराब पीते थे, उन्हें भी अब शराब नहीं पीने की आदत हो गई है. अब यही सही समय है कि सरकार को शराबबंदी कर देनी चाहिए.
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सरकार पूरा करे वादा: ममता शर्मा
समाज सेविका ममता शर्मा ने ETV भारत से बातचीत में कहा कि सरकार की अगर मंशा है कि वह अपने घोषणापत्र में किए गए वादे को पूरा करे, तो ये बहुत ही अच्छा मौका है. ममता शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि मैं नोटबंदी की तरह शराबबंदी नहीं करूंगा कि उससे जनहानि हो, लेकिन अब तो लॉकडाउन में इसकी टेस्टिंग भी हो चुकी है और शराबबंदी से लोगों को कुछ खास फर्क भी नहीं पड़ा है, इसलिए सरकार को इस दिशा में कदम आगे बढ़ाना चाहिए.
क्राइम रेट में आएगी कमी: ममता शर्मा
ममता शर्मा कहती हैं कि पुलिस का मानना है कि शराबबंदी से 70 प्रतिशत क्राइम रेट कम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को राजस्व घाटे की चिंता है, तो बिहार के मुकाबले छतीसगढ़ प्रदेश संपदाओ से भरा पड़ा है, उनसे भी राजस्व मिल सकता है.