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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह में देरी, हर साल इस दिन होता था आयोजन - आवेदन

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत होने वाले सामूहिक विवाह का आयोजन अभी तक नहीं हुआ है. देरी की वजह से कई गरीब युवक-युवतियों की शादी नहीं हो पा रही है.

अनिला भेड़िया, महिला एवं बाल विकास मंत्री
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Published : Jun 13, 2019, 12:00 PM IST

Updated : Jun 13, 2019, 12:31 PM IST

रायपुर: हर अक्षय तृतीया के मौके पर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत होने वाले सामूहिक विवाह का आयोजन अब तक नहीं हुआ है. इसे लेकर अभी तक न तो कोई तारीख तय की गई है और न ही किसी तरह की तैयारी हुई है.

अनिला भेड़िया, मंत्री छत्तीसगढ़

अभी तक नहीं लिए गए फॉर्म
आलम ये है कि इस साल योजना के तहत विवाह के लिए आने वाले फॉर्म भी अभी तक नहीं लिए गए हैं. बता दें कि हर साल अक्षय तृतीया के दिन होने वाले सामूहिक विवाह को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं.

प्रशासन निभाता है जिम्मेदारी
बीपीएल श्रेणी के विवाह योग्य युवक-युवतियों और उनके परिवारवालों की आपसी सहमति से विभाग की ओर से सामूहिक विवाह आयोजित कराया जाता है. इस दौरान प्रशासन स्वयंवर और वधु के पक्ष की जिम्मेदारी निभाता है.

दिए जाते हैं उपहार
आयोजन में जोड़ों को उनकी गृहस्थी सजाने के लिए दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएं जैसे बर्तन, कपड़े और शादी का श्रृंगार दिया जाता है. सरकार की ओर से दिए जाने वाले उपहार की कीमत 15 हजार रुपए होती है.

पिछले साल हुई थीं इतनी शादियां
बता दें कि पिछले साल रायपुर जिले से 417 विवाह संपन्न कराए गए थे, लेकिन इस साल अभी तक इस योजना के तहत एक भी आवेदन स्वीकार नहीं किए गए हैं, जबकि आचार संहिता के दौरान आवेदन लेने में कोई मनाही नहीं थी.

नहीं हो पा रही जोड़ों की शादी
योजना के तहत सामान की खरीद आचार संहिता हटाने के बाद की जा सकती थी, लेकिन अधिकारियों ने आचार संहिता की आड़ में इस योजना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रशासन की इस लापरवाही की वजह से प्रदेश के कई गरीब जोड़ों की शादी नहीं हो पा रही है.

मंत्री ने दिया आचार संहिता का हवाला
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया का कहना है कि 'आचार संहिता की वजह से योजना शुरू नहीं हो पाई है'.

रायपुर: हर अक्षय तृतीया के मौके पर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत होने वाले सामूहिक विवाह का आयोजन अब तक नहीं हुआ है. इसे लेकर अभी तक न तो कोई तारीख तय की गई है और न ही किसी तरह की तैयारी हुई है.

अनिला भेड़िया, मंत्री छत्तीसगढ़

अभी तक नहीं लिए गए फॉर्म
आलम ये है कि इस साल योजना के तहत विवाह के लिए आने वाले फॉर्म भी अभी तक नहीं लिए गए हैं. बता दें कि हर साल अक्षय तृतीया के दिन होने वाले सामूहिक विवाह को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं.

प्रशासन निभाता है जिम्मेदारी
बीपीएल श्रेणी के विवाह योग्य युवक-युवतियों और उनके परिवारवालों की आपसी सहमति से विभाग की ओर से सामूहिक विवाह आयोजित कराया जाता है. इस दौरान प्रशासन स्वयंवर और वधु के पक्ष की जिम्मेदारी निभाता है.

दिए जाते हैं उपहार
आयोजन में जोड़ों को उनकी गृहस्थी सजाने के लिए दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएं जैसे बर्तन, कपड़े और शादी का श्रृंगार दिया जाता है. सरकार की ओर से दिए जाने वाले उपहार की कीमत 15 हजार रुपए होती है.

पिछले साल हुई थीं इतनी शादियां
बता दें कि पिछले साल रायपुर जिले से 417 विवाह संपन्न कराए गए थे, लेकिन इस साल अभी तक इस योजना के तहत एक भी आवेदन स्वीकार नहीं किए गए हैं, जबकि आचार संहिता के दौरान आवेदन लेने में कोई मनाही नहीं थी.

नहीं हो पा रही जोड़ों की शादी
योजना के तहत सामान की खरीद आचार संहिता हटाने के बाद की जा सकती थी, लेकिन अधिकारियों ने आचार संहिता की आड़ में इस योजना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रशासन की इस लापरवाही की वजह से प्रदेश के कई गरीब जोड़ों की शादी नहीं हो पा रही है.

मंत्री ने दिया आचार संहिता का हवाला
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया का कहना है कि 'आचार संहिता की वजह से योजना शुरू नहीं हो पाई है'.

Intro:अक्षय तृतीया को होने वाला मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अब तक नहीं


Body:रायपुर हर वर्ष अक्षय तृतीया को होने वाला मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अब तक पेंडिंग पड़ा हुआ है अभी तक कोई तारीफ नहीं की गई है और ना ही अभी तक किसी तरह के की तैयारी महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा शुरू की गई है यहां तक कि इस वर्ष इस योजना के लिए आने वाले फॉर्म भी अभी तक नहीं लिए गए हैं इस वर्ष होने वाले कन्या विवाह पर आचार संहिता का ग्रहण लग गया है जिसके कारण है यह विवाह नहीं हो पाया


आपको बता दें कि हर वर्ष अक्षय तृतीया मुहूर्त को लक्ष्य कर महिला एवं बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं । बीपीएल श्रेणी के विवाह योग्य युवक-युवतियों को और उनके परिवार वालों की आपसी सहमति से विभाग की ओर से सामूहिक विवाह करवाया जाता है । जिसमें प्रशासन स्वयंवर और वधु के पक्ष की जिम्मेदारी वाहन करता है । इस विवाह में जोड़ों को उनकी गृहस्थी से सजाने के लिए स्त्री धन के रूप में दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएं जैसे बर्तन कपड़े तथा शादी के श्रृंगार आदि दिए जाते हैं । जिनकी कुल कीमत 15000 होती है।

बाल विकास की तैयारी है योजना साल के शुरू में भले ना हो पाई हो लेकिन सालंतिणी दिसंबर माह तक योजना पूरी कर दी जाएं आपको बता दें कि पिछले वर्ष रायपुर जिले से 417 विवाह संपन्न कराए गए थे

इस वर्ष योजना के लिए एक भी आवेदन स्वीकार नहीं किए गए। जबकि आचार संहिता के आवेदन लेने में कोई मनाही नहीं थी। केवल योजना का क्रिया वन्य आचार संहिता हटाने के बाद किया जा सकता था लेकिन अधिकारियों ने आचार संहिता की आड़ में इस योजना को सफलता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है । प्रदेश के बड़ी संख्या में गरीब जोड़े अपनी शादी के लिए तरस रहे हैं ।

महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया का कहना है कि आचार संहिता था जिसके कारण यह योजना शुरू नहीं हो पाई चुनाव के समय काफी काम थी इसलिए भी व्यस्तता बनी रहे

बाइट - अनिल भेड़िया ( मंत्री )


Conclusion:
Last Updated : Jun 13, 2019, 12:31 PM IST
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