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आंकड़ों ने खोली प्रदेश में उज्जवला योजना की पोल, जितने सिलेंडर बंटे वो एक साल में भी नहीं हुए रीफिल

2016 में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को धुएं से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से उज्जवला योजना शुरू की गई थी, इस योजना के तहत गरीब परिवारों को गैस चूल्हा और सिलेंडर मुफ्त में बांटा गया, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस योजना का कोई खासा असर देखने को नहीं मिला है

उज्ज्वला योजना
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Published : Apr 5, 2019, 12:36 PM IST

रायपुर : 2016 में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को धुएं से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से उज्जवला योजना शुरू की गई थी, इस योजना के तहत गरीब परिवारों को गैस चूल्हा और सिलेंडर मुफ्त में बांटा गया, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस योजना का कोई खासा असर देखने को नहीं मिला है, क्योंकि प्रदेश में अब तक 26.79 लाख कनेक्शन बांटे गए और साल 2018-19 में महज 25 लाख 23 हजार 664 सिलेंडर रीफिल करवाए गए. ये आंकड़े ही इस योजना की सफलता को बयां करने के लिए काफी हैं.

रीफिलिंग के इन आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलता है कि वितरित किए गए सिलेंडर साल में सिर्फ एक बार रीफिल करवाए गए हैं, ऐसे में साफ है कि इस योजना का लाभ गरीब परिवारों को नहीं मिल पा रहा है और प्रदेश में ये योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है.

छत्तीसगढ़ एलपीजी वितरक संघ के संरक्षक अब्दुल हमीद का कहना है कि, 'योजना के तहत हितग्राहियों का पहला कनेक्शन निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें गैस चूल्हा सहित तमाम सामग्री होती है, लेकिन बाद में हितग्राहियों को सिलेंडर को रीफिल करवाने का खर्च खुद ही उठाना पड़ता है'.

'योजना को लेकर भ्रम में रहते हैं हितग्राही'
उन्होंने ये भी बताया कि, 'योजना का लाभ ले रहे हितग्राहियों को भ्रम होता है कि आगे भी उन्हें निशुल्क सिलेंडर दिया जाएगा, जबकि ऐसा नहीं है ऐसे में कई बार इस बात को लेकर हितग्राहियों और गैस डीलरों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है'.

'रुपए नहीं होने के चलते रीफिल नहीं करवाते सिलेंडर'
वहीं इस आंकड़े के सामने आने के बाद कांग्रेस ने इस योजना को महिलाओं के साथ धोखा बताया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि, 'इस योजना को लाने के बाद बीजेपी ने महिलाओं को ठगा है, उस समय सिलेंडर 400 रुपए में मिलता था, आज उस सिलेंडर को हजार रुपए में बेचा जा रहा है. जो गरीब मजदूरी कर जीवन यापन करता है वो एक हजार रुपए सिलेंडर रीफिल करवाने के लिए कहां से लाएगा. यही कारण है कि गरीब लकड़ी और मिट्टी का तेल का उपयोग कर खाना बना रहे हैं'.

'महिलाओं के लिए शुरू की योजना'
वहीं जब इन आंकड़ों के संबंध में बीजेपी से बात की गई तो प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि, 'इस योजना को लेकर कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है. जो महिलाएं चूल्हे जलाकर बमुश्किल खाना बनाती थीं. उनकी आंखें धुएं की वजह से खराब हो जाती थीं, उनके लिए उज्जवला योजना शुरू की गई थी, लेकिन कांग्रेस के लोग इसे भ्रमित करने वाली योजना बता रहे हैं'.

कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का करने आरोप
संजय श्रीवास्तव ने कहा कि, 'एक समय था, जब गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सालों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब तत्काल गैस कनेक्शन मिल रहा है और यही कारण है कि कांग्रेस इसे लेकर लोगों में भ्रम पैदा कर रही है'.

उज्जवला योजना पर उठे सवाल

रायपुर : 2016 में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को धुएं से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से उज्जवला योजना शुरू की गई थी, इस योजना के तहत गरीब परिवारों को गैस चूल्हा और सिलेंडर मुफ्त में बांटा गया, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस योजना का कोई खासा असर देखने को नहीं मिला है, क्योंकि प्रदेश में अब तक 26.79 लाख कनेक्शन बांटे गए और साल 2018-19 में महज 25 लाख 23 हजार 664 सिलेंडर रीफिल करवाए गए. ये आंकड़े ही इस योजना की सफलता को बयां करने के लिए काफी हैं.

रीफिलिंग के इन आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलता है कि वितरित किए गए सिलेंडर साल में सिर्फ एक बार रीफिल करवाए गए हैं, ऐसे में साफ है कि इस योजना का लाभ गरीब परिवारों को नहीं मिल पा रहा है और प्रदेश में ये योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है.

छत्तीसगढ़ एलपीजी वितरक संघ के संरक्षक अब्दुल हमीद का कहना है कि, 'योजना के तहत हितग्राहियों का पहला कनेक्शन निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें गैस चूल्हा सहित तमाम सामग्री होती है, लेकिन बाद में हितग्राहियों को सिलेंडर को रीफिल करवाने का खर्च खुद ही उठाना पड़ता है'.

'योजना को लेकर भ्रम में रहते हैं हितग्राही'
उन्होंने ये भी बताया कि, 'योजना का लाभ ले रहे हितग्राहियों को भ्रम होता है कि आगे भी उन्हें निशुल्क सिलेंडर दिया जाएगा, जबकि ऐसा नहीं है ऐसे में कई बार इस बात को लेकर हितग्राहियों और गैस डीलरों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है'.

'रुपए नहीं होने के चलते रीफिल नहीं करवाते सिलेंडर'
वहीं इस आंकड़े के सामने आने के बाद कांग्रेस ने इस योजना को महिलाओं के साथ धोखा बताया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि, 'इस योजना को लाने के बाद बीजेपी ने महिलाओं को ठगा है, उस समय सिलेंडर 400 रुपए में मिलता था, आज उस सिलेंडर को हजार रुपए में बेचा जा रहा है. जो गरीब मजदूरी कर जीवन यापन करता है वो एक हजार रुपए सिलेंडर रीफिल करवाने के लिए कहां से लाएगा. यही कारण है कि गरीब लकड़ी और मिट्टी का तेल का उपयोग कर खाना बना रहे हैं'.

'महिलाओं के लिए शुरू की योजना'
वहीं जब इन आंकड़ों के संबंध में बीजेपी से बात की गई तो प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि, 'इस योजना को लेकर कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है. जो महिलाएं चूल्हे जलाकर बमुश्किल खाना बनाती थीं. उनकी आंखें धुएं की वजह से खराब हो जाती थीं, उनके लिए उज्जवला योजना शुरू की गई थी, लेकिन कांग्रेस के लोग इसे भ्रमित करने वाली योजना बता रहे हैं'.

कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का करने आरोप
संजय श्रीवास्तव ने कहा कि, 'एक समय था, जब गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सालों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब तत्काल गैस कनेक्शन मिल रहा है और यही कारण है कि कांग्रेस इसे लेकर लोगों में भ्रम पैदा कर रही है'.

Intro:रायपुर केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना साल 2016 16 में उत्तर प्रदेश के बलिया से शुरू की गई थी यह योजना कमजोर वर्ग परिवारों खासकर महिलाओं के लिए शुरू की गई थी जिसमें गरीब तबके को निशुल्क गैस कनेक्शन दिया जा रहा था लेकिन यह योजना कारगर साबित नहीं हुई और कुछ समय बाद ही ठप पड़ गयी। इसके पीछे वजह बिना सोचे समझे इस योजना का क्रियान्वयन किया जाना बताया जा रहा है

छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो इस योजना के तहत प्रदेश में साल 2016 से अब तक 26. 79 लाख गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं। लेकिन इस योजना का लाभ ले रहे इस गायक द्वारा सिलेंडर के रिटेल की संख्या कैसे निकाले जाएं तो पता चलता है कि साल 2018 19 में कुल रिटेल कराए गए सिलेंडरों की संख्या 2523664 है जो कि वित्तीय कनेक्शनों की संख्या से भी कम है और इस मुताबिक साल में एक ही सिलेंडर लिया गया है जिससे यह बिना खटाई में पड़ गई

छत्तीसगढ़ एलपीजी वितरक संघ के संरक्षक अब्दुल हमीद है आज से बात की गई और उनसे पूछा गया कि उज्जवला योजना के तहत किस तरह से हितग्राहियों को कनेक्शन दिया जाता है और इसके बाद सिलैंडरिकल कराने के क्या प्रावधान है उन्होंने बताया कि हितग्राहियों का पहला कनेक्शन निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है जिसमें गैस चुला सहित तमाम सामग्री होती है लेकिन बाद में हितग्राहियों को सिलैंडरिकल कराने के पुरे दाम देने होते हैं और कनेक्शन मिलने के बाद उज्जवला योजना के तहत कुछ लोगों द्वारा ही सिलेंडर रिफिल कराया गया है उन्होंने यह भी बताया कि योजना का लाभ ले हितग्राहियों को भ्रम होता है कि आगे भी उन्हें निशुल्क सिलेंडर दिया जाएगा जबकि ऐसा नहीं है कई बार इस बात को लेकर हितग्राहियों और गैस डीलरों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हुई है
बाइट अब्दुल हमीद, संरक्षक,एलपीजी वितरक संघ, छत्तीसगढ़

इस बिना को लेकर कांग्रेस का अपना ही तर्क है कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि इस योजना के लाने के बाद बीजेपी ने महिलाओं को ठगा है यह समय सिलेंडर ₹400 मिलता था आज उसे हजार रुपए में बेचा जा रहा है जो गरीब बमुश्किल जीवन यापन करता है कोई एक साथ हजार रुपे सिलेंडर के लिए कहां से लाएगा और यही कारण है कि अब फिर से एक गरीब लकड़ी और मिट्टी तेल से खाना बनाने लगे हैं
बाइट विकास तिवारी प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस

भाई जब इस मामले को लेकर भाजपा से बात की गई तो भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है इस योजना को लेकर जबकि यह भी ना काफी कारगर रही है जो महिलाएं चूल्हे चूल्हा जलाकर बमुश्किल खाना बनाती थी उनकी आंखें धोने की वजह से खराब हो जाती थी उनके लिए उज्जवला योजना शुरू की गई थी लेकिन कांग्रेस के लोग इसे भ्रमित करने वाली योजना बता रहे हैं संजय श्रीवास्तव ने कहा कि एक समय था जब गैस कनेक्शन के लोगों को सालों इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब तत्काल गैस कनेक्शन मिल रहा है और यही कारण है कि कांग्रेस इसे लेकर लोगों में भ्रम पैदा कर रही है ।
बाइट संजय श्रीवास्तव प्रदेश प्रवक्ता भाजपा

बता दें कि गरीब तबके के लिए सरकार के द्वारा उज्जवला योजना शुरू की गई थी लेकिन योजना शुरू करने के कुछ समय बाद ही ठंडे बस्ते में चली गई क्योंकि पहला कनेक्शन लेने के बाद लोग दूसरा गैस रिपील नहीं करा रहे है। क्योंकि उनके पास इसके लिए एकमुश्त बड़ी रकम नहीं है और यही वजह है कि अब यह हुई ना धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है


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