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cyber fraud in chhattisgarh: ई कॉमर्स साइट से खरीदारी के वक्त रहें सावधान, फ्रॉड से ऐसे बचें !

cyber fraud in chhattisgarh छत्तीसगढ़ में साइबर ठग अलग अलग तरीके से साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. इसमें ई कॉमर्स साइट और शॉपिंग साइट के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है cyber crime in chhattisgarh. ये फ्रॉड दूसरे राज्यों से होते हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस ने हाल के केसों को देखते हुए इन गिरोह का खुलासा किया है beware of cyber thugs. इस पूरे मामले पर रायपुर साइबर सेल के अधिकारी से ईटीवी भारत संवाददाता राजेश निषाद ने खास बातचीत की है.fraud in name of e commerce site shopping site

cyber fraud in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में साइबर ठग
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Published : Nov 8, 2022, 7:31 PM IST

रायपुर: cyber fraud in chhattisgarh इस डिजिटल दुनिया में साइबर ठगों ने ठगी के नए नए हथकंडे अपनाएं हैं. इस तरह की ठगी में अब ई कॉमर्स साइट और शॉपिंग साइट के नाम पर ठग फ्रॉड और धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. इसलिए अगर आप ई कॉमर्स साइट्स के जरिए कोई सामान बेचते हैं या खरीदते हैं तो आपको ध्यान देने की जरूरत हैं beware of cyber thugs. नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं. क्योंकि साइबर ठगों ने ई कॉमर्स की कुछ साइट्स को भी अपना माध्यम बनाया है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि रायुपर समेत प्रदेशभर में होने वाली ठगी के केसेस इस बात की गवाही दे रहे हैं. ये ठग खुद को आर्मी अफसर बताकर लोगों को अपने झांसे में लेते हैं. इस तरह के गिरोह राजस्थान के भरतपुर, हरियाणा के मेवात, उत्तर प्रदेश के मथुरा, फिरोजपुर समेत अनेक स्थानों से घटना को अंजाम देते हैं. इससे बचने के क्या उपाय हैं. आइये साइबर सेल टीआई से समझने की कोशिश करते हैं. cyber crime in chhattisgarh

ई कॉमर्स साइट से खरीदारी के वक्त रहें सावधान
जानिए कैसे होती है ठगी:
केस 1: राजधानी रायपुर के अमन अग्रवाल ऑनलाइन मार्केटिंग का काम करता है. उन्होंने ई कॉमर्स की एक साइट पर ईयरफोन को 12 हजार में बेचने के लिए एड पोस्ट किया. ठग ने अपने नंबर से उससे संपर्क किया और कहा मैं आर्मी से हूं. इसके बाद पेटीएम का एक क्यूआर कोड भेजकर स्कैन करने को कहा. जैसे ही अमन ने स्कैन किया. उसके खाते से दो लाख 91 हजार रुपये पांच किश्तों में कट गए. अमन ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई हैं.fraud in name of e commerce site shopping site केस 2:साइबर ठगों ने न केलव आम लोगों को चूना लगाया है. बल्कि अफसरों के भी खातों पर सेंधमारी की है. विधानसभा सचिवालय में पदस्थ विनयकुमार श्रीवास्तव भी ठगी का शिकार हुए हैं. उन्होंने भाठागांव स्थित मकान को किराए पर देने के लिए ई कॉमर्स की एक साइट पर विज्ञापन पोस्ट किया था. फिर फ्रॉड ने खुद को आर्मी का अफसर बताया. उसके बाद विनय के पेटीएम में 1 रुपए भेजा. इसके बाद उसने क्यूआर कोड भेजा और उसे स्कैन करने के लिए कहा, विनय ने क्यूआर स्कैन किया. इसके बाद आरोपी ने उनसे ओटीपी नंबर पूछा. विनय ने ओटीपी नंबर बता दिया. ओटीपी नंबर बताते ही उनके खाते से तीन बार में 99 हजार रुपए निकल गए. इसके अगले दिन दो बार में 1 लाख रुपए निकल गए.

ये भी पढ़ें: Chhattisgarh crime news: गूगल का इस्तेमाल कर ठगी का नया तरीका, रहें सावधान

इस तरह की ठगी पर क्या कहतें हैं पुलिस अधिकारी: साइबर सेल के टीआई गौरव तिवारी बताते हैं कि ई कॉमर्स की कुछ साइट्स है. जिसमें पुराने सामान खरीदे और बेचे जाते हैं. इसी तरह की साइट्स पर कुछ साइबर फ्रॉड्स अपने आप को आर्मी का होना बताकर ऐसे सामानों की फोटोस भेजते हैं. जिनके दाम भी बहुत कम होते हैं. लोग आर्मी वाला होना बताकर ठगी करते हैं. इसलिए वे उनके ठगी का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में आपको यह ध्यान देना चाहिए कि, जो भी आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो उस पर सीओडी कैश ऑन डिलवरी करें. दूसरा यह जरूर देखें कि आर्मी वाले जो जानकारी दे रहे हैं. वह सही है या नहीं. इसके अलावा यह महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी किसी वस्तु की किमत बाजार मूल्य से बहुत कम बताई जाती है. तो एक बार जरूर सोचना चाहिए कि कोई व्यक्ति इतने कम दाम में कैसे सामान बेच सकते हैं. इनसे जब भी कोई डील करते हैं तो सीओडी पर करें.

ये भी पढ़ें: रायपुर में ठगी का नया पैंतरा: विदेशी करेंसी और सोने का लालच देकर ठगी, 16 लाख रुपये किए पार



इन राज्यों से फ्रॉड देते हैं ठगी की वारदात को अंजाम:रायपुर और दुर्भ में हुए साइबर ठगी के मामलों की जांच करने वाले साइबर सेल के टीआई गौरव तिवारी बताते हैं कि ये उम बेहद ही शातिर होते हैं. यूं तो साइबर फ्रॉड अलग-अलग तरह के होते हैं. ठगी करने वाले इन बदमाशों का ठिकाना भी अलग-अलग होता है. ई कॉमर्स की कुछ ऐसी साइट्स है जिस पर ठगी करने वाले गिरोह राजस्थान के भरतपुर, हरियाणा के मेवात, आसप्रदेश के मथुरा, फिरोजपुर समेत अनेक स्थानों से ठभी करते हैं. पुलिस को कई मामलों में सफलता भी मिली है. बाहरी राज्यों में दबिश देकर कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

रायपुर: cyber fraud in chhattisgarh इस डिजिटल दुनिया में साइबर ठगों ने ठगी के नए नए हथकंडे अपनाएं हैं. इस तरह की ठगी में अब ई कॉमर्स साइट और शॉपिंग साइट के नाम पर ठग फ्रॉड और धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. इसलिए अगर आप ई कॉमर्स साइट्स के जरिए कोई सामान बेचते हैं या खरीदते हैं तो आपको ध्यान देने की जरूरत हैं beware of cyber thugs. नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं. क्योंकि साइबर ठगों ने ई कॉमर्स की कुछ साइट्स को भी अपना माध्यम बनाया है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि रायुपर समेत प्रदेशभर में होने वाली ठगी के केसेस इस बात की गवाही दे रहे हैं. ये ठग खुद को आर्मी अफसर बताकर लोगों को अपने झांसे में लेते हैं. इस तरह के गिरोह राजस्थान के भरतपुर, हरियाणा के मेवात, उत्तर प्रदेश के मथुरा, फिरोजपुर समेत अनेक स्थानों से घटना को अंजाम देते हैं. इससे बचने के क्या उपाय हैं. आइये साइबर सेल टीआई से समझने की कोशिश करते हैं. cyber crime in chhattisgarh

ई कॉमर्स साइट से खरीदारी के वक्त रहें सावधान
जानिए कैसे होती है ठगी: केस 1: राजधानी रायपुर के अमन अग्रवाल ऑनलाइन मार्केटिंग का काम करता है. उन्होंने ई कॉमर्स की एक साइट पर ईयरफोन को 12 हजार में बेचने के लिए एड पोस्ट किया. ठग ने अपने नंबर से उससे संपर्क किया और कहा मैं आर्मी से हूं. इसके बाद पेटीएम का एक क्यूआर कोड भेजकर स्कैन करने को कहा. जैसे ही अमन ने स्कैन किया. उसके खाते से दो लाख 91 हजार रुपये पांच किश्तों में कट गए. अमन ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई हैं.fraud in name of e commerce site shopping site केस 2:साइबर ठगों ने न केलव आम लोगों को चूना लगाया है. बल्कि अफसरों के भी खातों पर सेंधमारी की है. विधानसभा सचिवालय में पदस्थ विनयकुमार श्रीवास्तव भी ठगी का शिकार हुए हैं. उन्होंने भाठागांव स्थित मकान को किराए पर देने के लिए ई कॉमर्स की एक साइट पर विज्ञापन पोस्ट किया था. फिर फ्रॉड ने खुद को आर्मी का अफसर बताया. उसके बाद विनय के पेटीएम में 1 रुपए भेजा. इसके बाद उसने क्यूआर कोड भेजा और उसे स्कैन करने के लिए कहा, विनय ने क्यूआर स्कैन किया. इसके बाद आरोपी ने उनसे ओटीपी नंबर पूछा. विनय ने ओटीपी नंबर बता दिया. ओटीपी नंबर बताते ही उनके खाते से तीन बार में 99 हजार रुपए निकल गए. इसके अगले दिन दो बार में 1 लाख रुपए निकल गए.

ये भी पढ़ें: Chhattisgarh crime news: गूगल का इस्तेमाल कर ठगी का नया तरीका, रहें सावधान

इस तरह की ठगी पर क्या कहतें हैं पुलिस अधिकारी: साइबर सेल के टीआई गौरव तिवारी बताते हैं कि ई कॉमर्स की कुछ साइट्स है. जिसमें पुराने सामान खरीदे और बेचे जाते हैं. इसी तरह की साइट्स पर कुछ साइबर फ्रॉड्स अपने आप को आर्मी का होना बताकर ऐसे सामानों की फोटोस भेजते हैं. जिनके दाम भी बहुत कम होते हैं. लोग आर्मी वाला होना बताकर ठगी करते हैं. इसलिए वे उनके ठगी का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में आपको यह ध्यान देना चाहिए कि, जो भी आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो उस पर सीओडी कैश ऑन डिलवरी करें. दूसरा यह जरूर देखें कि आर्मी वाले जो जानकारी दे रहे हैं. वह सही है या नहीं. इसके अलावा यह महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी किसी वस्तु की किमत बाजार मूल्य से बहुत कम बताई जाती है. तो एक बार जरूर सोचना चाहिए कि कोई व्यक्ति इतने कम दाम में कैसे सामान बेच सकते हैं. इनसे जब भी कोई डील करते हैं तो सीओडी पर करें.

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इन राज्यों से फ्रॉड देते हैं ठगी की वारदात को अंजाम:रायपुर और दुर्भ में हुए साइबर ठगी के मामलों की जांच करने वाले साइबर सेल के टीआई गौरव तिवारी बताते हैं कि ये उम बेहद ही शातिर होते हैं. यूं तो साइबर फ्रॉड अलग-अलग तरह के होते हैं. ठगी करने वाले इन बदमाशों का ठिकाना भी अलग-अलग होता है. ई कॉमर्स की कुछ ऐसी साइट्स है जिस पर ठगी करने वाले गिरोह राजस्थान के भरतपुर, हरियाणा के मेवात, आसप्रदेश के मथुरा, फिरोजपुर समेत अनेक स्थानों से ठभी करते हैं. पुलिस को कई मामलों में सफलता भी मिली है. बाहरी राज्यों में दबिश देकर कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

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