रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवता बढ़ाने के लिए अब वर्ल्ड बैंक से बघेल सरकार को वित्तीय मदद मिली है. वर्ल्ड बैंक ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए 2460 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. जिससे अब 600 मॉडल स्कूलों के विकास में मदद मिलेगी. इस परियोजना से गरीब और कमजोर वर्ग से आने वाले लगभग 40 लाख छात्र लाभान्वित होंगे. छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही गरीब वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश एवं हिंदी माध्यम में उत्कृष्ट स्कूल प्रारंभ किए जा रहे हैं. इस मदद से इस कार्य का भी विस्तार होगा.
छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे पहल: इसके अलावा छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में कई पहल किए जा रहे हैं. सभी स्तरों में शिक्षा की पहुंच तय की जा रही है. ताकि किसी भी बच्चे को उसका शिक्षा का अधिकार मिल सके. सीनियर सेकेंडरी स्तर पर साइंस और कॉमर्स की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ एक्सीलरेटेड लर्निंग फॉर नॉलेज इकोनॉमी ऑपरेशन (चॉक) परियोजना शुरू की गई है. इस परियोजना के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में भी अध्ययन-अध्यापन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.
विज्ञान और मैथ्स की पढ़ाई में दिया जा रहा जोर: इस कड़ी में वर्ल्ड बैंक की मदद से राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान और वाणिज्य शिक्षा को प्रोत्साहित करने की भी बात कही गई है. जिसके तहत विज्ञान और गणित शिक्षकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ प्रयोगशालाओं में आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है. दूर दराज से पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों के लिए आवास की व्यवस्था, स्कूलों में छात्रों का नामांकन दर बढ़ाने तथा क्वॉलिटी एजुकेशन को बढ़ाने की बात कही जा रही है.
600 मॉडल स्कूलों का होगा विकास: वर्ल्ड बैंक के इस प्रोजेक्ट से क्लास 1 से 12वीं तक के लगभग 600 मॉडल स्कूल को संचालित किया जाएगा. मिडिल एजुकेशन के स्तर पर विज्ञान और वाणिज्य की शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा. स्कूलों में ट्रेंड शिक्षकों, मजबूत नेतृत्व और प्रबंधन सीखने के लिए पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. कोविड काल में बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता में जो कमी आई थी. उसे भी दूर करने के लिए इस प्रोजेक्ट का सहारा लिया जाएगा.