रायपुर: 16 जनवरी से देश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. लगातार वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. अब तक प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुका है. सोमवार से प्रदेश में कोवीशिल्ड के साथ-साथ कोवैक्सीन भी लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. अब टीका लगाने वाले के लिए वैक्सीन का विकल्प चुनने का कोई मौका नहीं रहेगा. यानी वैक्सीन बूथ में जो वैक्सीन उपलब्ध रहेगी अब वहीं लगाया जाएगा.
कौशल कुमार परसाई को लगी पहली कोवैक्सीन
कोवैक्सीन की पहली डोज लगवाने वाले कौशल कुमार परसाई ने बताया कि मन में कोई डर नहीं है. भारत में बने दोनों वैक्सीन काफी इफेक्टिव है. उन्होंने कहा कि दोनों वैक्सीन में से एक को कारगर और दूसरी को कमजोर बताना जैसी बातें सब मिथ्या है. परसाई ने बताया कि उन्हें दोपहर 2 बजकर 32 मिनट पर वैक्सीन लगी. उन्हें किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
फिलहाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ही लगेगी कोवैक्सीन
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज वैक्सीन के नोडल अधिकारी ओमकार खंडेलवाल ने बताया कि कोवैक्सीन उन्हें सुबह मिलनी थी. लेकिन लॉजिस्टिक की कार्रवाई होने की वजह से थोड़ी देर से मिली. जिसके बाद कोवैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई. जिस तरह से कोविशील्ड लगाई गई. उसी तरह से कोवैक्सीन की भी गाइडलाइन है. दोनों ही वैक्सीन कारगर है. कोवैक्सीन अभी सिर्फ नेहरू मेडिकल कॉलेज में ही लगाई जाएगी.
नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोवैक्सीन टीका ही लगेगा
जिला टीकाकरण अधिकारी अनिल प्रसाद ने बताया कि रायपुर के नेहरू मेडिकल कॉलेज में अब जो भी जाएगा उसे कोवैक्सीन का पहला डोज लगेगा. जिन्हें पहला डोज कोविशिल्ड का दिया गया है. उन्हें दूसरा टीका भी कोविशील्ड का ही दिया जाएगा.
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प्रदेश के 900 शहरों में किया जा रहा टीकाकरण
प्रदेश के 900 सेंटर्स में टीका लगाया जा रहा है. बुधवार से प्रदेश के लगभग 1200 सेंटर्स में टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. 2 हफ्ते के भीतर दो हजार से ज्यादा बूथ में टीके लगाए जाएंगे. बूथ बढ़ाने के साथ-साथ दो हफ्तों में रोजाना एक लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य भी रखा गया है. कोरोना का टीका अभी सिर्फ अस्पतालों में लग रहा है लेकिन जरूरत और आम लोगों की झिझक दूर करने के लिए सरकार इसे जल्दी स्कूल परिसर, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों और ऐसी सार्वजनिक जगहों पर शुरू करने जा रही है. जिससे लोगों को टीकाकरण के लिए सेंटर पहुंचने में आसानी हो सके और जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लग सके.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार हो रहा टीकाकरण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक टीकाकारण ऐसी जगह पर होना चाहिए. जहां साइड इफेक्ट होने पर इलाज किया जा सके. पहले सामुदायिक भवनों, पंचायत भवन और स्कूल में टीकाकरण होना था. लेकिन बाद में यह प्लान अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सिमट गया. केंद्र के निर्देश के बाद ऐसी जगह टीकाकरण केंद्र का सेटअप लगेगा जहां वैक्सीनेशन, वेटिंग और ऑब्जरवेशन के लिए तीन कमरे हो.