रायपुर: ट्रांसपोर्ट कंपनी में बिजनेस एसोसिएट का काम करने वाले अनुज मिश्रा के साथ उसके ही चचेरे भाई ने धोखाधड़ी की है. दरअसल, पीड़ित युवक ने बैंक खाता खुलवाते समय अपना नंबर नहीं होने पर उसने अपने चचेरे भाई का मोबाइल नंबर लिंक करा दिया, लेकिन इसका गलत फायदा उठाते हुए आरोपी ने अपने भाई को बिना जानकारी दिए ऑनलाइन खाते से 1 लाख 70 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया.
इसके बाद अनुज के एटीएम कार्ड को भी ब्लॉक करा दिया, जब पीड़ित को इसकी जानकारी लगी तो उसने तुरंत इसकी शिकायत आमानाका पुलिस थाने में की, जिस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
प्रयागराज का रहने वाला है पीड़ित
सीएसपी नसर सिद्धकी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) के दुखीपारा में रहने वाले अनुज मिश्रा वीर सावरकर नगर में किराए के मकान में रहकर टीसीएल ट्रांसपोर्ट कंपनी जो कि टाटीबंध में है, वहां बिजनेस एसोसिएट का काम करता है. अनुज ने बताया कि इस ट्रांसपोर्ट कंपनी में उसका चचेरा भाई अजय मिश्रा पहले से काम करता था. टाटीबंध स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में वह अपना खाता खुलवाने के लिए पिछले साल बैंक गया था. जहां अजय मिश्रा ने जमानतदार बनकर खाता खुलवाने के समय अपना मोबाइल नंबर खाते से लिंक करा दिया था. भाई होने के कारण अनुज मिश्रा ने इसका विरोध नहीं किया.
चचेरे भाई ने की धोखाधड़ी
21 नवंबर 2019 को कंपनी के वाहन का किराया 1 लाख 90 हजार रुपए बैंक के खाते में जमा किया गया, जिसका मैसेज आरोपी अजय मिश्रा के मोबाइल पर आया. इस बीच अनुज ने अपने खाते से सिर्फ 20 हजार रुपए निकाला था. वहीं 22 नवंबर 2019 को आरोपी अजय ने खाते से दो किस्तों में नेट बैंकिंग और पेटीएम की सहायता से 1 लाख 70 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया और एटीएम कार्ड को भी ब्लॉक करा दिया.
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उसी दिन अनुज पैसा निकालने गया तब उसको पता चला कि उसका एटीएम कार्ड ब्लॉक हो गया है, जिसके बाद बैंक से जानकारी लेने पर बताया गया कि रजिस्टर्ड मोबाइल के माध्यम से पैसे दूसरे खाते में ट्रांसफर किया गया है, जिसके बाद पीड़ित अनुज मिश्रा ने अपने चचेरे भाई अजय मिश्रा के खिलाफ आमानाका थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया, लेकिन अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.