रायपुर : कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. रायपुर जिला भी सेंसटिव जिलों में से एक है. जिले में लॉकडाउन के 4 चरण तक संक्रमण के आंकड़े कम थे, लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही संक्रमण के आंकड़े बढ़ते गए और स्थिति बिगड़ती चली गई. कोरोना संक्रमण से आज पूरा देश प्रभावित है, जिसमें एक वर्ग मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों का भी है. आगामी गणेश चतुर्थी के लिए ये शिल्पकार पिछले 8 महीने से मूर्ती बनाने का काम कर रहे हैं. जिन्हें अब कोरोना संकट की वजह से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
मूर्तिकार रमेश प्रजापति ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि वे मूर्तियों का निर्माण कर्ज लेकर करते हैं. इस काम में पूरा परिवार रात रात भर लगा रहता है तब जाकर काम पूरा कर पाते हैं. आज उनका पूरा घर गणेश जी की मूर्ति से भरा पड़ा है, उनके पास मूर्ति निर्माण करने के अलावा और कोई काम नहीं है. लेकिन कोरोना के कारण मूर्तियां नहीं बिक पा रही हैं. सामान्य दिनों में अब तक 70 फीसदी मूर्तियां बिक चुकी होती थीं, या बुक हो जाती थीं. लेकिन आज 10 परसेंट मूर्तियां भी नहीं बिकी हैं.
पढ़ें- राजनांदगांव: SDM ने मूर्तिकार और पंडाल समिति के साथ की बैठक, बगैर मास्क बैठक में दिखे तहसीलदार
शासन की ओर से गणेश उत्सव को लेकर बनाए गए नियम के तहत कैमरे लगाने की बाध्यता और 5 हजार वर्ग फिट जमीन की अनिवार्यता, सिर्फ 4 फिट की मूर्ती रखने की बाध्यता जैसी शर्ते शामिल हैं.
टूट रहा सब्र का बांध
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए शासन ने गणेश उत्सव को लेकर नियम इतने सख्त कर दिए हैं कि गणेश उत्सव समितियों के लिए उस नियम का पालन करना संभव नजर नहीं आता. इन हालात में शासन और खरीददारों के बीच सिर्फ मूर्तिकार ही पीस रहा है. आज गणेश जी की प्रतिमा बनाने वाले कलाकारों की भूखों मरने की नौबत आ गई है. गणेश चतुर्थी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, इन मूर्तिकारों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. साल भर से मूर्तिकारों का परिवार इस दिन की प्रतीक्षा में लगा रहता है.
मूर्तिकार की गुहार
मूर्तिकार रमेश प्रजापति ने शासन से विनती की है कि बाकी सभी लोगों को शासन से अपना व्यवसाय करने की अनुमति मिली है वैसे ही अनुमति उन्हें भी मिले. ताकि वे भी अपना व्यवसाय कर सकें, जिससे परिवार चलाने में उन्हें मदद मिल सके.