रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस बहुत तेजी से बढ़े हैं. मंगलवार को प्रदेश में कोरोना के रिकॉड तोड़ केस सामने आए हैं. कोरोना ने जहां देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है. वहीं अब इसे लेकर फैल रही अफवाहों ने सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. अफवाहों के डर से अब लोग टेस्ट करवाने से हिचकिचा रहे हैं. कोरोना को बढ़ते केस और इसे लेकर फैल रही अफवाहों पर ETV भारत ने कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉक्टर आर पांडा से खात बातचीत की है.
छत्तीसगढ़ में कोरोना बहुत ही धीमी गति से पहुंचा एक समय यह भी था जब ऐसा लग रहा था कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रकोप पूरी तरह खत्म हो जाएगा, लेकिन बढ़ते समय के साथ प्रदेश में कोरोना के केस भी बढ़े हैं. इसका मुख्य कारण है लोगों में जागरूकता की कमी. कोरोना को लेकर लोग जागरूक नहीं हैं. डॉक्टर पांडा बताते हैं कि कोरोना को लेकर अब तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं हुई है, ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कराना.
टेस्टिंग में आई कमी
कोराना टेस्टिंग अब छत्तीसगढ़ राज्य के लिए चुनौती बनती जा रही है. अफवाहों की वजह से लोग अब टेस्टिंग करवाने नहीं आ रहे है. डॉक्टर पांडा बताते हैं कि कहीं न कहीं अफवाहों का ही नतीजा है कि लोग अब टेस्टिंग करवाने से बच रहे हैं. उन्होंने बताया कि रायपुर में टेस्टिंग की संख्या में कमी आई है. एक समय था जब हम रोजाना 6 हजार तक टेस्टिंग किया करते थे, लेकिन अब इसकी संख्या में कमी आई है.
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बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का खतरा
डॉ पंडा बताते है कि भारत सरकार के तरफ से किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के रुपए नहीं मिल रहे है. ये बस अफवाह है, वे बताते है कि जितनी जल्दी जांच होता है उतनी ही कोरोना मरीज के बचने की मौके उतने ज्यादा बढ़ जाते हैं. टेस्ट में देरी करने से वायरस हमारे शरीर में घर कर जाता है और कई हिस्सों के डेमेज कर देता है. वे बताते है कि टेस्ट न करवाने के पीछे एक कारण ये भी है कि लोगों को लगता है कि अगर वे टेस्ट करवाते है तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाएगी और उन्हें भर्ती कर लिया जाएगा. इस वजह से भी लोग टेस्ट नहीं करवा रहे है. उन्होंने बताया कि जिस भी मरीज में कोरोना के कम लक्षण है उसे होम आइसोलेट होने के लिए कहा जा रहा है. उन्होंने बताया कि 60 से 70 प्रतिशत लोग एसिम्टोमैटिक होते है. ऐसे मरीज की पहचान होना बेहद जरूरी है.
टेस्टिंग में कमी के कारण बढ़ रही मौतों की संख्या
उनका काहना है कि टेस्टिंग से कोरोना को ट्रेस करने में मदद मिल रही थी. पहले स्वास्थ्य विभाग शुरू में ही कोरोना के मरीजों को ट्रेस कर उनका इलाज शुरू कर देता था और यही कारण था कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस इतने कम थे. अब लोग तब तक अस्पताल नहीं आते, जब तक उनकी तबीयत ज्यादा खराब नहीं हो जाती है. इस कारण कोरोना से होने वाले मौत के आंकड़े में बढ़ातरी हो रही है. रोजाना मौतों की संख्या भी बढ़ रही हो और यह अपने आप में भयावह स्थिति है.
टीएस सिंहदेव ने की अपील
स्वास्थ्य विभाग इन दिनों लोगों के बीच या जागरूकता फैलाने में व्यस्त है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपए नहीं मिल रहे है. ये केवल अफवाह है. उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने और अपना ध्यान रखने की अपील की है.