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PICTURE पर विवाद: मासूम के हाथ में बेलन, लोगों ने कहा- 'सिर्फ रोटियां नहीं बनाती हैं बेटियां'

"टोकरी और छोकरी" वाली कविता के बाद अब 'बेटी बचाओ' स्लोगन के साथ छपी एक तस्वीर पर विवाद शुरू हो गया है. तस्वीर और स्लोगन पर छत्तीसगढ़ के स्पेशल डीजी आरके विज के साथ कई आईएएस और आईपीएस ने आपत्ति जताई है. हालांकि कई लोगों ने इस तस्वीर में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं होने की भी बात कही है.

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Published : Jun 10, 2021, 7:16 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 7:25 PM IST

रायपुर: बीते दिनों कक्षा 1 के हिंदी पाठ में शामिल कविता पर काफी विवाद हुआ था. इसके बाद राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, (NCERT) ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए परिषद ने कहा था कि छात्रों को स्थानीय (लोकल) शब्दावली से परिचित कराने के लिए कविता को NCF 2005 के परिप्रेक्ष्य में शामिल किया गया था. यह भी कहा गया था कि NEP 2020 के तहत नए NCF (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उसी के अनुसार नई पाठ्यपुस्तकें बनाई जाएंगी.

तस्वीर जिसपर हो रहा है विवाद
तस्वीर जिसपर हो रहा है विवाद

स्लोगन के साथ छपी तस्वीर पर विवाद

एक बार 'बेटी बचाने' के स्लोगन के साथ छपी तस्वीर पर विवाद शुरू हो गया है. रायपुर के सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बच्ची को रोटी बना रही है. तस्वीर के साथ एक स्लोगन लिखा है, "कैसे खाओगे उनके हाथ की रोटियां, जब पैदा ही नहीं होने दोगे बेटियां".

प्रियंका ने जताई है आपत्ति
प्रियंका ने जताई है आपत्ति

सोशल मीडिया पर लोगों ने जताई आपत्ति

स्लोगन और तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी राय दी है. छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आरके विज लिखते हैं, "पढ़ने-लिखने की उम्र में बेलन-रोटी पकड़ा देने वाला ये चित्र आपत्तिजनक है." स्लोगन को भी उन्होंने परित्सत्तात्मक करार दिया है. इसके अलावा ओडिशा के सीनियर आईपीएस अरुण बोथरा ने भी इसे तकलीफ देने वाला बताते हुए इसे छापने वाले की मानसिकता पर सवाल उठा दिया है. इधर, जाने माने स्टोरीटेलर नीलेश मिश्रा ने भी आपत्ति जताई है. इसके अलावा कई और लोगों ने इस तस्वीर जिसका मकसद भले बेटियों की सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए संदेश देने वाला हो लेकिन इसके तरीके पर सवाल उठा दिया है.

आर के विज ने जताई आपत्ति
आर के विज ने जताई आपत्ति
आईपीएस अरुण वोथरा ने जताई आपत्ति
आईपीएस अरुण वोथरा ने जताई आपत्ति

NCERT पहली क्लास की कविता सोशल मीडिया पर वायरल, शिक्षकों ने बताया बेवजह का विवाद

कुछ लोगों को नहीं है आपत्ति

कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में आ रही कड़ी प्रतिक्रिया के बीच लिखा है कि उन्हें इस तस्वीर और उसके कैप्शन में कुछ भी बुरा नहीं नजर आता. खैर कह सकते हैं, कई बार किसी चीज का ढंग अजीब हो जाता है और वो अपने सही मकसद से भटक जाती है.

जानिए एनसीईआरटी की विवादित कविताओं पर क्या कहते हैं छत्तीसगढ़ के अभिभावक

रायपुर: बीते दिनों कक्षा 1 के हिंदी पाठ में शामिल कविता पर काफी विवाद हुआ था. इसके बाद राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, (NCERT) ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए परिषद ने कहा था कि छात्रों को स्थानीय (लोकल) शब्दावली से परिचित कराने के लिए कविता को NCF 2005 के परिप्रेक्ष्य में शामिल किया गया था. यह भी कहा गया था कि NEP 2020 के तहत नए NCF (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उसी के अनुसार नई पाठ्यपुस्तकें बनाई जाएंगी.

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स्लोगन के साथ छपी तस्वीर पर विवाद

एक बार 'बेटी बचाने' के स्लोगन के साथ छपी तस्वीर पर विवाद शुरू हो गया है. रायपुर के सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बच्ची को रोटी बना रही है. तस्वीर के साथ एक स्लोगन लिखा है, "कैसे खाओगे उनके हाथ की रोटियां, जब पैदा ही नहीं होने दोगे बेटियां".

प्रियंका ने जताई है आपत्ति
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सोशल मीडिया पर लोगों ने जताई आपत्ति

स्लोगन और तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी राय दी है. छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आरके विज लिखते हैं, "पढ़ने-लिखने की उम्र में बेलन-रोटी पकड़ा देने वाला ये चित्र आपत्तिजनक है." स्लोगन को भी उन्होंने परित्सत्तात्मक करार दिया है. इसके अलावा ओडिशा के सीनियर आईपीएस अरुण बोथरा ने भी इसे तकलीफ देने वाला बताते हुए इसे छापने वाले की मानसिकता पर सवाल उठा दिया है. इधर, जाने माने स्टोरीटेलर नीलेश मिश्रा ने भी आपत्ति जताई है. इसके अलावा कई और लोगों ने इस तस्वीर जिसका मकसद भले बेटियों की सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए संदेश देने वाला हो लेकिन इसके तरीके पर सवाल उठा दिया है.

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कुछ लोगों को नहीं है आपत्ति

कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में आ रही कड़ी प्रतिक्रिया के बीच लिखा है कि उन्हें इस तस्वीर और उसके कैप्शन में कुछ भी बुरा नहीं नजर आता. खैर कह सकते हैं, कई बार किसी चीज का ढंग अजीब हो जाता है और वो अपने सही मकसद से भटक जाती है.

जानिए एनसीईआरटी की विवादित कविताओं पर क्या कहते हैं छत्तीसगढ़ के अभिभावक

Last Updated : Jun 10, 2021, 7:25 PM IST
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