रायपुर: गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए निश्चलानंद ने ईसा मसीह के हिंदू होने का दावा किया. उन्होंने कहा है कि "विदेश में ईसा मसीह की वैष्णव तिलक लगाए प्रतिमा है. 10 वर्षों तक ईसा मसीह भारत में रहे हैं. जिसमें से 3 वर्ष पुरी में बिताएं हैं. शंकराचार्य से उनका संपर्क था. ईसा मसीह वैष्णव संप्रदाय के अनुयाई है. हिंदुओं को आरक्षण के नाम पर अल्पसंख्यक बनाए जाने की विधा चल रही है."Controversial statement of Shankaracharya
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज ने कहा कि "जो प्रकृति के पूजक हैं प्रकृति की परिभाषा उनको आती है क्या ? वे अपने को हिन्दू नहीं मान रहे. मनुष्य तो मान रहे हैं न ? प्राणी तो मान रहे हैं न ? अगर मनुष्य मान रहे हैं तो मानवोचित शील कहा से लाएंगे ? इसके लिए आखिर में उन्हें हिन्दू धर्म अपनाना ही होगा."
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अविमुक्तेश्वरानंद को धर्माचार्य नहीं: राजधानी के रावनभाटा स्थित सुदर्शन संस्थान शंकराचार्य आश्रम में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था. पत्रकारों से बात करते हुए शंकराचार्य ने अविमुक्तेश्वरानंद को धर्माचार्य मानने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि "धर्माचार्य की परिभाषा क्या होती है. हमें हिंदू राष्ट्र बनाना है तो सबसे पहले इसी दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है."
साईं बाबा भगवान नहीं: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार कर दिया. शंकराचार्य का कहना है कि "वह बाजार और व्यापार से प्रभावित है. हिंदू धर्म ही सनातन धर्म है, और जो लोग आज अलग-अलग धर्मों की बात कर रहे हैं. उनका मूल धर्म सनातन ही है."