रायपुर: पूरे प्रदेश के 45 हजार संविदा कर्मचारियों ने शनिवार को सामूहिक इस्तीफा दिया है. दरअसल, छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. 10 जुलाई को प्रदेशभर के संविदा कर्मचारियों ने रायपुर सहित जिले के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया था. जिसके बाद बघेल सरकार ने संविदाकर्मियों पर एस्मा लगा दिया था. इस कार्रवाई के विरोध में आज संविदाकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया है.
संविदा मुक्त छत्तीसगढ़ का अभियान चलाया : बता दें कि पिछले 14 दिनों से पूरे प्रदेश के संविदाकर्मचारी अपनी एक सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध कर रहे थे. एस्मा लगाए जाने से गुस्साए संविदा कर्मी शनिवार को धरना स्थल पर ही तहसीलदार कविता पटेल को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिए.संविदा कर्मचारी अपने प्रदर्शन को गति देने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं. "संविदा मुक्त छत्तीसगढ़" के नाम से ट्वीट करने के साथ ही सोशल मीडिया में फोटो और वीडियो अपलोड कर रहे हैं.
यह वही कोरोना योद्धा हैं, जिनके बलबूते सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान कोरोना से जंग जीती थी. सरकार ने इन कर्मचारियों से बात नहीं की. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया गया, ये अन्याय है. -कौशलेश तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ
45 हजार संविदा कर्मचारियों ने दिया इस्तीफा: छत्तीसगढ़ के 54 विभागों में काम करने वाले लगभग 45 हजार संविदा कर्मचारी हैं. ये सभी अपनी 1 सूत्री मांग नियमितीकरण को लेकर 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इनके हड़ताल से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, जल संसाधन विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग सहित तमाम विभाग का कामकाज पिछले 14 दिनों से प्रभावित हो रहा है. सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए संविदा कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह किया. साथ ही अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन करके सरकार को मनाने का प्रयास किया. हालांकि सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इससे संविदा कर्मचारियों में नाराजगी है. जिसके बाद करीब 45 हजार संविदाकर्मियों ने इस्तीफा दिया है.