रायपुर: झीरम घाटी हमला मामले की सुनवाई के दौरान डॉ शिवनारायण द्विवेदी के कवासी लखमा का नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग करने वाला बयान तूल पकड़ता जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी से एक कदम आगे बढ़ते हुए 2007 में हुए प्रियदर्शनी बैंक घोटाले के मामले में तत्कालीन बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट का वीडियो जारी कर पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश की है.
प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले के नार्को टेस्ट में तत्कालीन बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित बीजेपी के बड़े नेताओं का नाम लिया था. जिनमें राम विचार नेताम, ब्रिजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल का नाम शामिल है.
कांग्रेस के वीडियो जारी करने के बाद शैलेश नितीन त्रिवेदी ने पूछे यह सवाल
⦁ प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले के नार्को टेस्ट का क्या करें.
⦁ रमन सिंह ने अब तक क्यों जवाब नहीं दिया जबकि मुख्य अभियुक्त उमेश सिन्हा ने नार्को टेस्ट में 1 करोड़ रुपए उन्हें देने की बात कही है.
⦁ इसमें कितनी सच्चाई है कि उस वक्त के तत्कालीन मंत्रियों को मामले को दबाने के लिए करोड़ों रुपए दिए गए थे. जिसका जिक्र नार्को टेस्ट के इस वीडियो में है.
⦁ अगर भाजपा को नार्को टेस्ट में इतना भरोसा है तो वह यह बता दें कि प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले के नार्को टेस्ट को बीजेपी सच मानती है या नहीं.
यह है प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले का पूरा मामला
⦁ चर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी महिला नागरिक सहकारी बैंक को 1 अगस्त 2006 को दिवालिया घोषित किया गया था.
⦁ आरोप है कि बैंक के डायरेक्टरों ने मिलकर 13 फर्जी कंपनियों को करोड़ों रुपए लोन देकर बैंक को डुबो दिया था.
⦁ बैंक के 22 हजार 500 ऐसे खातेदार थे जिनकी पांच हजार से लेकर एक लाख रुपए से अधिक रकम जमा थी. जानकारी के अनुसार बैंक की जमा पूंजी 28 करोड़ रुपए बताई गई थी.
⦁ पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद बैंक की अध्यक्ष रीता तिवारी समेत डायरेक्टरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
⦁ तत्कालीन बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट तक कराया गया था. जिसे कांग्रेस ने अब जारी किया है.