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मोदी सरकार, राहुल गांधी के सच्चे सवालों से डरती है: गौरव वल्लभ - Digital education

रायपुर (Raipur) में शिक्षा के क्षेत्र (Field of education) और नवाचार में नए उपयोग को लेकर बाल दिवस (Childrens Day) के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शामिल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress national spokesperson Gaurav Vallabh) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Modi government is afraid of true questions of Rahul Gandhi
मोदी सरकार राहुल गांधी के सच्चे सवालों से डरती है
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Published : Nov 14, 2021, 6:59 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 11:31 AM IST

रायपुरः बाल दिवस (Childrens Day) के मौके पर रायपुर (Raipur) में शिक्षा के क्षेत्र( education Field) और नवाचार में नए उपयोग को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress national spokesperson Gaurav Vallabh) से बात की. इस मौके पर गौरव वल्लव ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल (Swami Atmanand English School) के मॉडल की तारीफ की.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ

सवाल: जवाहर नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम का आयोजन किया गया है? किस तरह इस कार्यक्रम को देखते हैं?

जवाब: आज देश के पहले प्रधानमंत्री का 132वां जन्मदिन है. उस व्यक्ति की जन्म जयंती है जो आधुनिक भारत के निर्माता है. उस व्यक्ति की जन्म जयंती है और मुझे कहते हुए हर भारतीय की तरह गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री को 14 दफा अंतरराष्ट्रीय नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया. मुझे कहते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री की, जो चिट्ठियां है उनका संकलन इतिहास में दुनिया की श्रेष्ठ पुस्तक बन जाता है. मुझे बात को कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने अपनी पहली पंचवर्षीय योजना में सबको प्राइमरी मुफ्त शिक्षा की परिकल्पना की थी और उसी परिकल्पना को मौजूदा छत्तीसगढ़ सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व में स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी स्कूल को लेकर आगे बढ़ा रही है? आज का दिन शिक्षा समागम के लिए बेहतर दिन नहीं हो सकता.

सवाल: नई शिक्षानीति आने वाली है जिस तरह से बदलाव किया गया है किस तरह से आप उसे देखते हैं?

जवाब: पंडित नेहरू के जन्मदिन पर आज मैंने सोचा था कि राजनीतिक बात नहीं करेंगे. लेकिन आप ने सवाल पूछा पंडित नेहरू बात करते थे लोकतंत्र, इंक्लूजन, सेक्युलरिज्म की वसुधैव कुटुंबकम और सर्वधर्म सम्भाव की जो मौजूदा नीति है वह कहां पर डिस्कस हुई ? क्या वह संसद में डिस्कस हुई? वह कहा डिस्कस हुई, अचानक से उसको लागू कर दिया. इसका मतलब जो नीति बनी है. वह लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर नहीं बनी है. क्या आप स्वयं इस चीज को मान रहे हो, मैं शिक्षा नीति के खिला नहीं हूं. शिक्षा नीति बननी चाहिए क्योंकि शिक्षा में जो परिवर्तन हुए हैं, उसको नई नीति के माध्यम से एड्रेस करना चाहिए लेकिन आप की जो व्यवस्था है नीति की व व्यवस्था अलोकतांत्रिक है.

दूसरी जो मौजूदा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी है वह उन बच्चों को ज्यादा फेवर करती है जिनके पास आर्थिक संपन्नता है. जिनके पास डिजिटल संपन्नता है. यह उन बच्चों को शिक्षा से पीछे करने का काम यह नीति करती है जिनके पास डिजिटली जिनके पास इतने साधन नहीं है. जिनके पास आर्थिक रूप से इतने साधन नहीं तो यह चीजें जब तक संसद में बड़े प्लेटफॉर्म्स पर इस शिक्षा नीति का डिस्कशन नहीं होता है. तो इस शिक्षा नीति को थोपना सरासर गलत है,. हम नई शिक्षा नीति के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरह से इसे बनाया गया और इसे थोपा गया, जिस तरह से यह अमीर और गरीब बच्चों के बीच शिक्षा के मूल अधिकार के लिए भेद करती है, उसका हम भरपूर विरोध करते हैं?

शिक्षा नीति पर की चर्चा

उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Prime Minister Jawaharlal Nehru) ने अहम योगदान दिया. उन्होंने भारत के बौद्धिक निर्माण की नींव रखी. यही वजह थी कि जवाहरलाल नेहरू को 13 से ज्यादा बार नोबल पुरस्कार के लिए नामित किया गया. इस मौके पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अमीर और गरीब वर्ग के छात्र के बीच भेद करती है. उन्होंने कहा कि डिजिटल एजुकेशन (Digital education) की बात जो इस शिक्षा नीति में की गई है वो बिना तैयारी के की गई है. देश के कई स्कूल में अभी ठीक से कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं है.

कंगना पर भी साधा निशाना

उन्होंने इस मौके पर कंगना रनौत पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कंगना ने देश के शहीदों और वीर सपूतों का अपमान किया है. भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने पर भी गौरव वल्लभ ने तंज कसा है. मोदी सरकार बस नाम बदलने की सियासत जानती है. कुछ दिनों में यह सरकार बेरोजगारी का नाम बदलकर रोजगार कर देगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राहुल गांधी के सच्चे सवालों से डरती है.

रायपुरः बाल दिवस (Childrens Day) के मौके पर रायपुर (Raipur) में शिक्षा के क्षेत्र( education Field) और नवाचार में नए उपयोग को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress national spokesperson Gaurav Vallabh) से बात की. इस मौके पर गौरव वल्लव ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल (Swami Atmanand English School) के मॉडल की तारीफ की.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ

सवाल: जवाहर नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम का आयोजन किया गया है? किस तरह इस कार्यक्रम को देखते हैं?

जवाब: आज देश के पहले प्रधानमंत्री का 132वां जन्मदिन है. उस व्यक्ति की जन्म जयंती है जो आधुनिक भारत के निर्माता है. उस व्यक्ति की जन्म जयंती है और मुझे कहते हुए हर भारतीय की तरह गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री को 14 दफा अंतरराष्ट्रीय नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया. मुझे कहते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री की, जो चिट्ठियां है उनका संकलन इतिहास में दुनिया की श्रेष्ठ पुस्तक बन जाता है. मुझे बात को कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने अपनी पहली पंचवर्षीय योजना में सबको प्राइमरी मुफ्त शिक्षा की परिकल्पना की थी और उसी परिकल्पना को मौजूदा छत्तीसगढ़ सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व में स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी स्कूल को लेकर आगे बढ़ा रही है? आज का दिन शिक्षा समागम के लिए बेहतर दिन नहीं हो सकता.

सवाल: नई शिक्षानीति आने वाली है जिस तरह से बदलाव किया गया है किस तरह से आप उसे देखते हैं?

जवाब: पंडित नेहरू के जन्मदिन पर आज मैंने सोचा था कि राजनीतिक बात नहीं करेंगे. लेकिन आप ने सवाल पूछा पंडित नेहरू बात करते थे लोकतंत्र, इंक्लूजन, सेक्युलरिज्म की वसुधैव कुटुंबकम और सर्वधर्म सम्भाव की जो मौजूदा नीति है वह कहां पर डिस्कस हुई ? क्या वह संसद में डिस्कस हुई? वह कहा डिस्कस हुई, अचानक से उसको लागू कर दिया. इसका मतलब जो नीति बनी है. वह लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर नहीं बनी है. क्या आप स्वयं इस चीज को मान रहे हो, मैं शिक्षा नीति के खिला नहीं हूं. शिक्षा नीति बननी चाहिए क्योंकि शिक्षा में जो परिवर्तन हुए हैं, उसको नई नीति के माध्यम से एड्रेस करना चाहिए लेकिन आप की जो व्यवस्था है नीति की व व्यवस्था अलोकतांत्रिक है.

दूसरी जो मौजूदा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी है वह उन बच्चों को ज्यादा फेवर करती है जिनके पास आर्थिक संपन्नता है. जिनके पास डिजिटल संपन्नता है. यह उन बच्चों को शिक्षा से पीछे करने का काम यह नीति करती है जिनके पास डिजिटली जिनके पास इतने साधन नहीं है. जिनके पास आर्थिक रूप से इतने साधन नहीं तो यह चीजें जब तक संसद में बड़े प्लेटफॉर्म्स पर इस शिक्षा नीति का डिस्कशन नहीं होता है. तो इस शिक्षा नीति को थोपना सरासर गलत है,. हम नई शिक्षा नीति के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरह से इसे बनाया गया और इसे थोपा गया, जिस तरह से यह अमीर और गरीब बच्चों के बीच शिक्षा के मूल अधिकार के लिए भेद करती है, उसका हम भरपूर विरोध करते हैं?

शिक्षा नीति पर की चर्चा

उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Prime Minister Jawaharlal Nehru) ने अहम योगदान दिया. उन्होंने भारत के बौद्धिक निर्माण की नींव रखी. यही वजह थी कि जवाहरलाल नेहरू को 13 से ज्यादा बार नोबल पुरस्कार के लिए नामित किया गया. इस मौके पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अमीर और गरीब वर्ग के छात्र के बीच भेद करती है. उन्होंने कहा कि डिजिटल एजुकेशन (Digital education) की बात जो इस शिक्षा नीति में की गई है वो बिना तैयारी के की गई है. देश के कई स्कूल में अभी ठीक से कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं है.

कंगना पर भी साधा निशाना

उन्होंने इस मौके पर कंगना रनौत पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कंगना ने देश के शहीदों और वीर सपूतों का अपमान किया है. भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने पर भी गौरव वल्लभ ने तंज कसा है. मोदी सरकार बस नाम बदलने की सियासत जानती है. कुछ दिनों में यह सरकार बेरोजगारी का नाम बदलकर रोजगार कर देगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राहुल गांधी के सच्चे सवालों से डरती है.

Last Updated : Nov 15, 2021, 11:31 AM IST
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