रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार है. सरकार लगातार कोरोना मुक्त छत्तीसगढ़, वैक्सीनेशन, समाजिक दूरी और मास्क पहनने को लेकर जागरूकता की बात करती है. प्रदेश में प्रशासन अलग-अलग इलाकों में मास्क न पहनने वालों के खिलाफ चालान का अभियान भी चलाता है. लेकिन रायपुर में कांग्रेस के प्रेस कॉफ्रेंस में पहुंचे नेता और प्रवक्ता ने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया. मंच पर बैठे मंत्री रविंद्र चौबे और अन्य नेताओं ने मास्क नहीं लगाया था. ऐसा लगता है कि शायद सरकार के मंत्री और कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी मास्क मुक्त छत्तीसगढ़ का संदेश देना चाह रहे हैं.
कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता शुरू होने के पहले मास्क चेहरे पर पहन रखा था. कुछ के गर्दन पर मास्क था. ज्यादातर लोगों ने तो मास्क पहना ही नहीं था. पत्रकारवार्ता शुरू होने के कुछ देर बाद जिन नेताओं ने मास्क पहन रखा था उन्होंने भी मास्क चेहरे से हटा दिया था.
बिना मास्क मंच पर थे मौजूद
पत्रकारवार्ता के दौरान जिन लोगों ने मास्क नहीं पहन रखा था उसमें भूपेश सरकार के कद्दावर कहे जाने वाले मंत्री रविंद्र चौबे, कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता एमए इकबाल, राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष और संचार विभाग के सदस्य सुरेंद्र शर्मा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश वर्ल्यानी और नितिन भंसाली शामिल थे.
एक प्रवक्ता ने पूरे समय पहन रखा था मास्क
पत्रकार वार्ता के दौरान मंच पर सिर्फ एक नेता ने ही पूरे समय मास्क पहन रखा था. वह थे कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा. जो पत्रकार वार्ता के दौरान मंच पर सबसे अंत में बैठे थे. उन्होंने एक बार भी चेहरे से मास्क नहीं उतारा.
कार्यक्रम में महापौर और विधायक भी दिखे लापरवाह
कोरोना टीकाकरण को लेकर जनप्रतिनिधि नई-नई पहल कर रहे हैं. शहीद हेमू कलाणी वार्ड में वैक्सीनेशन सेंटर पर रविवार को वैक्सीन लगाओ इनाम पाओ की स्कीम के तहत लकी ड्रॉ निकाला गया. रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा और महापौर एजाज ढेबर कार्यक्रम में पहुंचे थे. कार्यक्रम में उन्होंने मास्क पहना जरूर था लेकिन उसे गले में लटका रखा था.
दूसरी लहर से अब भी उभर रहा है छत्तीसगढ़
2021 में मार्च महीने के अंतिम हफ्ते से छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हुए. कोरोना की दूसरी लहर में छत्तीसगढ़ में भयावह स्थिति बनी थी. हजारों की संख्या में रोज कोरोना संक्रमितों की पहचान हो रही थी. अस्पताल में भर्ती करने के लिए बेड भी कम पड़ गए थे. मरने वालों की संख्या में तेजी से ग्राफ उपर जा रहा था. आज भले ही छत्तीसगढ़ में संक्रमण की रफ्तार कम हो गई है. लेकिन राज्य में अब भी कई जगहों पर कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए रहे हैं. दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की तैयारी की बात कह रहे हैं. ऐसे में सावधानी बरतनी जरूरी है. बड़े नेताओं के साथ छोटे जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.