रायपुर/नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस पार्टी की प्रवर्तित कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ED ने नेशनल हेराल्ड मामले में मुंबई की इमारत का 16.38 करोड़ रुपये का हिस्सा कुर्क किया है. ED ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में 9 मंजिला इमारत का एक हिस्सा कुर्क किया है, जिसकी कीमत तकरीबन 16.38 करोड़ रुपए आंकी गई है, जो मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित है.
एजेंसी के मुताबिक ED ने बताया कि उसने कुर्की का एक तात्कालिक आदेश जारी किया है. इस संबंध में AJL और उसके चेयरमैन, प्रबंध निदेशक (सीएमडी) और कांग्रेस के नेता मोती लाल वोरा को नोटिस जारी किया है. एजेएल पर गांधी परिवार के सदस्यों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नियंत्रण है. AJL समूह नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता है, जिससे संबंधित 9 मंजिला इमारत में दो तहखाने हैं. यह 15, 000 वर्ग मीटर में बना हुआ है. इसका कुल मूल्य 120 करोड़ रुपए है.
गैर कानूनी तरीके से इमारत को रखा गिरवी
ED के मुताबिक आरोपियों ने इस इमारत के निर्माण में आपराधिक तरीके से जुटाए गए धन का उपयोग किया है. जांच एजेंसी का कहना है कि आरोपियों ने पंचकुला (चंडीगढ़ के पास) में AJL को गैर कानूनी तरीके से आवंटित एक इमारत को गिरवी रखा था. साथ ही दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित सिंडिकेट बैंक से कर्ज लिया. कर्ज की राशि से बांद्रा स्थित इमारत का निर्माण किया गया.
16.38 करोड़ रुपए तक की संपत्ति कुर्क
मामले के आरोपियों में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा शामिल हैं. एजेंसी ने कहा, 'इस तरह अपराध की आय से तैयार की गई मुंबई की इस इमारत में 16.38 करोड़ रुपए तक की संपत्ति कुर्क की गई है. फिलहाल आगे की जांच चल रही है'.
हरियाणा सरकार ने 1982 में AJL को किया था आवंटित
ED पहले ही पंचकुला स्थित इमारत को कुर्क कर चुकी है. इस मामले में हुड्डा और वोरा से पूछताछ भी की गई है. ED ने कहा कि पंचकुला के सेक्टर-6 में भूखंड सी -17 को हरियाणा सरकार ने पहले 1982 में AJL को आवंटित किया गया था. बाद में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के संपत्ति अधिकारी ने अक्टूबर 1992 में एक आदेश देकर इस इमारत को वापस ले लिया था, क्योंकि एजेएल समूह आवंटन के अधिकार पत्र की शर्तों को पूरा नहीं करता था.
हुड्डा पर आधिकारिक शक्तियों की दुरुपयोग का आरोप
एजेंसी ने आरोप लगाया, 'हालांकि, तत्कालीन मुख्मंत्री हुड्डा ने अपनी आधिकारिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की आवश्यक शर्तों और नियमों के विपरीत 28 अगस्त 2005 को एक नए आदेश के जरिए मूल कीमत और ब्याज लेकर 59, 39, 200 रुपए में फिर से उस इमारत को एजेएल को आवंटित कर दिया.'
हुड्डा पर मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग करने का आरोप
ED के अनुसार इस समय पंचकुला की इस संपत्ति की वास्तवित कीमत लगभग 64.93 करोड़ रुपए है. ED ने आरोप लगाया है कि हुड्डा ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया. हुड्डा ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों, वित्त सचिव की कानूनी राय और सिफारिशों को नजरअंदाज कर AJL को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया.
बेदाग संपत्ति के रूप में संरक्षण दिया
एजेंसी ने यह भी कहा, इसकी जांच में पाया गया है कि हुड्डा ने 'इमारत के निर्माण के लिए एजेएल को समय का तीन बार अनुचित रूप से विस्तार दिया. उन्होंने अधिग्रहण के बाद इसे बेदाग संपत्ति के रूप में संरक्षण दिया. इस एक ही संपत्ति को समय-समय पर गिरवी रखकर बैंकों से कर्ज उठाया'. इस मामले में CBI ने भी पंचकुला की एक अदालत में दिसंबर 2018 में आरोप पत्र दायर किया था. CBI ने भी इस मामले में कथित अनियमितता बरतने को लेकर वोरा और हुड्डा को आरोपी बनाया है.
ED ने सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर पंचकुला इमारत आवंटन को लेकर 2016 में एक आपराधिक मामला दायर किया था. यह हरियाणा सतर्कता ब्यूरो द्वारा दायर आपराधिक प्राथमिकियों और हरियाणा की भाजपा की राज्य सरकार के अनुरोध पर आधारित था.