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पत्रकार रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान !

निजी चैनल में कार्यरत पत्रकार रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर गाजियाबाद से रायपुर तक (Congress and BJP tussle over arrest of journalist Rohit Ranjan) घमासान मचा हुआ है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने मंगलवार को गाजियाबाद जाकर चैनल के एंकर को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी. लेकिन वहां यूपी पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच तनाव (anchor Rohit Ranjan) पैदा हो गया था. अब इस मामले में छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज हो (Politics over arrest of anchor Rohit Ranjan in Chhattisgarh) गया है.

arrest of journalist Rohit Ranjan
रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान
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Published : Jul 6, 2022, 11:49 PM IST

रायपुर: एक निजी चैनल में राहुल गांधी के बयान को गलत ढंग से प्रसारित किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने मंगलवार को गाजियाबाद जाकर चैनल के एंकर को गिरफ्तार करने की कोशिश की. इस दौरान यूपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच तनाव की स्थिति भी निर्मित हो (Congress and BJP tussle over arrest of journalist Rohit Ranjan) गई. इस मामले को लेकर अब राज्य में राजनीतिक बयानबाजियां तेज (anchor Rohit Ranjan) हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो (Politics over arrest of anchor Rohit Ranjan in Chhattisgarh गया है.

सीएम बघेल ने बीजेपी पर साधा निशाना: इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "यूपी की पुलिस अपराधियों को बचाने का काम कर रही है. जबकि उन्हें सहयोग करना था. न्यायालय के किसी भी आदेश को भारतीय जनता पार्टी नहीं मानती. अभी जिस तरह से पुलिस ने बाधा उत्पन्न किया, यह उसका उदाहरण है. उन्होंने कहा "नूपुर शर्मा के मामले पर जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट का बयान आया है, उसमें भारतीय जनता पार्टी समर्थित लोग किस प्रकार से बयान दे रहे है, इसे सभी देख रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के लोग न्यायालय और संविधान को नहीं मानते. वे अपने हिसाब से चलना चाहते है".

रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान !

"संविधान की नहीं है जानकारी": इधर मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा "मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं को संविधान और कानून की जानकारी नहीं है. इन्हें संविधान को पढ़ना चाहिये. हमारे संविधान में इंटर स्टेट की व्यवस्था दी गई है. जिसमें उल्लेख है कि एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में जाती है तब उन्हें किन नियमों का पालन करना पड़ता है. उन्होंने कहा "यह दुर्भाग्य है कि, पुलिस का उपयोग राजनीति चमकाने के लिए किया जा रहा है. राहुल गांधी के गुडबुक में आने के लिए ऐसा किया जा रहा है. राजधानी के अपराधों को रोक पाने में जो पुलिस फेल है, बिना वर्दी और बगैर स्थानीय पुलिस को सूचित किये, एक पत्रकार को गिरफ्तार करने गाजियाबाद पहुंच जाती है." श्रीवास्तव ने कांग्रेसी नेताओं से सवाल किया "बिना वर्दी के दूसरे राज्य में किसी पत्रकार को गिरफ्तार करने जाना क्या उचित है ?"

ये भी पढ़ें: पत्रकार रोहित रंजन की गिरफ्तारी को लेकर छत्तीसगढ़ और यूपी पुलिस दाेबारा आमने-सामने

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे रोहित: इधर छत्तीसगढ़ पुलिस ने बुधवार को गाजियाबाद एसएसपी ऑफिस में पहुंचकर एक शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में नोएडा और गाजियाबाद के पुलिसकर्मियों के नाम भी दर्ज कराए गए हैं कि उन्होंने सरकारी काम में बाधा उत्पन्न की. छत्तीसगढ़ पुलिस ने आरोप लगाया है कि जब वह एंकर को गिरफ्तार करने पहुंची तो भीड़ के कुछ लोग एंकर को छुड़ाने के लिए आ गए थे. वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के भाषण के कथित छेड़छाड़ वाले वीडियो को लेकर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ रोहित रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. रोहित की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है.

क्या है पूरा मामला: भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव ने लिखित शिकायत पत्रकार रोहित रंजन के खिलाफ दर्ज कराई है. विधायक की शिकायत के बाद 3 जुलाई को सिविल लाइन थाने में पत्रकार रोहित के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. पत्रकार रोहित के खिलाफ आरोप है कि उदयपुर वाली घटना को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना को मनगढ़ंत तरीके से एडिट करके राष्ट्रीय एकता और अखंडता को खंडित कर देश में आतंकवाद फैलाने के उद्देश्य से प्रसारित किया गया है. जिससे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और आम नागरिकों में भारी आक्रोश और तनाव व्याप्त है. दो समुदाय के बीच घृणा और वैमनस्यता की भावना पैदा होकर सांप्रदायिक तनाव और लोकतंत्र को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. कांग्रेस विधायक की इस शिकायत के बाद पुलिस ने एंकर के खिलाफ धारा 153 (क), 295 (क) 504, 505 (1) (ख) (ग), 505(2 )120(b), 467, 469, 471 के तहत केस दर्ज किया है.

रायपुर: एक निजी चैनल में राहुल गांधी के बयान को गलत ढंग से प्रसारित किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने मंगलवार को गाजियाबाद जाकर चैनल के एंकर को गिरफ्तार करने की कोशिश की. इस दौरान यूपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच तनाव की स्थिति भी निर्मित हो (Congress and BJP tussle over arrest of journalist Rohit Ranjan) गई. इस मामले को लेकर अब राज्य में राजनीतिक बयानबाजियां तेज (anchor Rohit Ranjan) हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो (Politics over arrest of anchor Rohit Ranjan in Chhattisgarh गया है.

सीएम बघेल ने बीजेपी पर साधा निशाना: इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "यूपी की पुलिस अपराधियों को बचाने का काम कर रही है. जबकि उन्हें सहयोग करना था. न्यायालय के किसी भी आदेश को भारतीय जनता पार्टी नहीं मानती. अभी जिस तरह से पुलिस ने बाधा उत्पन्न किया, यह उसका उदाहरण है. उन्होंने कहा "नूपुर शर्मा के मामले पर जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट का बयान आया है, उसमें भारतीय जनता पार्टी समर्थित लोग किस प्रकार से बयान दे रहे है, इसे सभी देख रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के लोग न्यायालय और संविधान को नहीं मानते. वे अपने हिसाब से चलना चाहते है".

रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान !

"संविधान की नहीं है जानकारी": इधर मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा "मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं को संविधान और कानून की जानकारी नहीं है. इन्हें संविधान को पढ़ना चाहिये. हमारे संविधान में इंटर स्टेट की व्यवस्था दी गई है. जिसमें उल्लेख है कि एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में जाती है तब उन्हें किन नियमों का पालन करना पड़ता है. उन्होंने कहा "यह दुर्भाग्य है कि, पुलिस का उपयोग राजनीति चमकाने के लिए किया जा रहा है. राहुल गांधी के गुडबुक में आने के लिए ऐसा किया जा रहा है. राजधानी के अपराधों को रोक पाने में जो पुलिस फेल है, बिना वर्दी और बगैर स्थानीय पुलिस को सूचित किये, एक पत्रकार को गिरफ्तार करने गाजियाबाद पहुंच जाती है." श्रीवास्तव ने कांग्रेसी नेताओं से सवाल किया "बिना वर्दी के दूसरे राज्य में किसी पत्रकार को गिरफ्तार करने जाना क्या उचित है ?"

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सुप्रीम कोर्ट पहुंचे रोहित: इधर छत्तीसगढ़ पुलिस ने बुधवार को गाजियाबाद एसएसपी ऑफिस में पहुंचकर एक शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में नोएडा और गाजियाबाद के पुलिसकर्मियों के नाम भी दर्ज कराए गए हैं कि उन्होंने सरकारी काम में बाधा उत्पन्न की. छत्तीसगढ़ पुलिस ने आरोप लगाया है कि जब वह एंकर को गिरफ्तार करने पहुंची तो भीड़ के कुछ लोग एंकर को छुड़ाने के लिए आ गए थे. वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के भाषण के कथित छेड़छाड़ वाले वीडियो को लेकर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ रोहित रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. रोहित की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है.

क्या है पूरा मामला: भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव ने लिखित शिकायत पत्रकार रोहित रंजन के खिलाफ दर्ज कराई है. विधायक की शिकायत के बाद 3 जुलाई को सिविल लाइन थाने में पत्रकार रोहित के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. पत्रकार रोहित के खिलाफ आरोप है कि उदयपुर वाली घटना को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना को मनगढ़ंत तरीके से एडिट करके राष्ट्रीय एकता और अखंडता को खंडित कर देश में आतंकवाद फैलाने के उद्देश्य से प्रसारित किया गया है. जिससे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और आम नागरिकों में भारी आक्रोश और तनाव व्याप्त है. दो समुदाय के बीच घृणा और वैमनस्यता की भावना पैदा होकर सांप्रदायिक तनाव और लोकतंत्र को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. कांग्रेस विधायक की इस शिकायत के बाद पुलिस ने एंकर के खिलाफ धारा 153 (क), 295 (क) 504, 505 (1) (ख) (ग), 505(2 )120(b), 467, 469, 471 के तहत केस दर्ज किया है.

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