बिलासपुर: : उज्ज्वला शेल्टर होम केस को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने सरकार से उज्ज्वला होम केस की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष ने शासन-प्रशासन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया. विपक्ष की मांग पर सीएम भूपेश बघेल ने बस इतना कहा कि पीड़ित महिला ने शिकायत की है. आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है.
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कौशिक ने यह भी कहा कि इस केस से जुड़े सभी तथ्य सामने आना चाहिए. प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बढ़ रहीं हैं. यह चिंता का विषय है. यदि इस पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो आरोपियों का मनोबल बढ़ेगा. सरकार को चाहिए कि तत्काल उच्चस्तरीय जांच करें. चाहे जो भी दोषी हो, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए. तभी ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में सफलता मिल सकेगी.
क्या है उज्जवला शेल्टर होम केस ?
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में उज्ज्वला गृह की युवतियों ने संचालक और कर्मचारियों पर गंदी हरकत और शोषण का आरोप लगाया है. युवतियों का बयान कोर्ट में दर्ज किया गया है. महिला आयोग ने भी स्वत: संज्ञान लिया है. मेडिकल जांच रिपोर्ट के बाद सरकंडा पुलिस ने उज्ज्वला गृह के संचालक जीतेंद्र मौर्य को गिरफ्तार भी कर लिया है.
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17 जनवरी की रात को उज्ज्वला शेल्टर होम का विवाद सामने आया था. शेल्टर होम की महिलाओं ने रिपोर्ट की थी. पीड़िताओं ने मारपीट करने, बंधक बनाने और परिवार से न मिलने देने की शिकायत की थी. जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. दूसरे दिन उज्ज्वला होम में रहने वाली बाकी लड़कियों का बयान लिया गया था.
उज्ज्वला शेल्टर होम केस में कार्रवाई जारी
SP प्रशांत अग्रवाल के मुताबिक 20 जनवरी को 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िताओं के स्टेटमेंट लिए गए थे. 376 और 354 के कंटेंट आने पर उज्ज्वला होम के संचालक जितेंद्र मौर्य को गिरफ्तार किया गया. उज्ज्वला होम में काम करने वाली 5 महिला स्टाफ के खिलाफ भी आरोप लगाया गया था. इनमें से 3 महिला स्टाफ की गिरफ्तारी की जा चुकी है. संचालक को मिलाकर अबतक कुल 4 लोग इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं.