रायपुर : मोहित और मुस्कान पढ़ाई में काफी होशियार हैं. पिता एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं.मोहित ने आईआईएम अहमदाबाद के एंट्रेंस कैट एग्जाम में 99.93 फीसदी अंक हासिल किया है. लेकिन जेनेटिक बीमारी और पैसों की तंगी के कारण वो एडमिशन की उम्मीद छोड़ चुके थे. मुस्कान के कहने पर मोहित ने सीएम भूपेश बघेल से मिलकर मदद मांगी.आखिरकार सीएम भूपेश ने मोहित को बड़ी मदद देकर एक होनहार युवा के सपनों को टूटने से बचा लिया.
सीएम भूपेश ने की मदद : मुख्यमंत्री निवास में मुस्कान ने सीएम से कहा कि "उनके परिवार ने भाई के एडमिशन की उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन सीएम ने मुस्कान की बात सुनकर कहा कि ऐसा कभी मत सोचना.आप सभी के सपने जरुर पूरे होंगे". मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोहित की फीस के लिए 25 लाख रुपये देने का वादा किया. इसके संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश अधिकारियों को भेजे हैं.साथ ही साथ दोनों को मन लगाकर पढ़ने को कहा है.
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कौन हैं मोहित : मोहित रायपुर के निवासी हैं. उनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. आंखों की जेनेटिक बीमारी के बावजूद मोहित पढ़ाई में अव्वल रहते हैं.मोहित अपने जैसे आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए कुछ करना करना चाहते हैं.इंडिया के शीर्ष संस्थान आईआईएम अहमदाबाद के एंट्रेंस- कैट में मोहित ने 99.93 अंक हासिल किए. कठिन परीक्षा पास करने के बाद भी मोहित के पास पैसे नहीं थे.क्योंकि दो साल की एडमिशन फीस ही 25 लाख रुपए है.इसलिए वो अपनी आखिरी उम्मीद लेकर सीएम भूपेश के पास पहुंचे थे. वहीं मोहित की बहन मुस्कान बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं. साथ ही साथ मुस्कान और मोहित 'रे ऑफ होप'नाम से प्रोजेक्ट चलाते हैं.जिसमें देश और विदेश के विज़न की समस्या से जूझ रहे दो सौ लोगों को मेंटल और इंग्लिश की ऑनलाइन पढ़ाई कराते हैं.