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जशपुर में बिजली गिरने से तीन की मौत पर सीएम भूपेश ने जताया दुख, 4-4 लाख रुपये सहायता राशि देने का ऐलान - तीन की मौत पर सीएम भूपेश ने जताया दुख

जशपुर में आकाशीय बिजली का कहर बरपा है. साप्ताहिक बाजार में खरीदारी करने गए कई लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए. तीन लोगों की मौत हो गई. कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस घटना के बाद सीएम भूपेश बघेल ने मृत्यृ के परिजन को चार-चार लाख रुपये राशि का ऐलान किया है.

Lightning
आकाशीय बिजली
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Published : May 30, 2022, 7:47 AM IST

Updated : May 30, 2022, 9:32 AM IST

जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा जनपद क्षेत्र में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई. 11 से ज्यादा लोग झुलस गए. जिनमें से कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. घायलों को इलाज के लिए बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ ले लाया गया. जहां उनका इलाज जारी है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने चार-चार लाख रुपये की मदद राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ें: जशपुर के साप्ताहिक बाजार में आकाशीय बिजली गिरने से 3 की मौत

बताया जा रहा है कि ग्राम बुर्जुडीह में साप्ताहिक बाजार लगा हुआ था. शाम साढ़े 4 बजे के आसपास तेज आंधी और तूफान के साथ बारिश शुरू हो गई. इस दौरान आकाशीय बिजली साप्ताहिक बाजार के ही आसपास पेड़ में गिरी जिससे ये हादसा हुआ. तीन मृतकों में दो युवक और एक नाबालिग शामिल है.

सहायता राशि देने के निर्देश: मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल ने आकाशीय बिजली गिरने की घटना में प्रभावित लोगों के बेहतर से बेहतर इलाज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने आकाशीय बिजली की घटना में मृत व्यक्ति के परिजनों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान के तहत प्रत्येक को चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.

दर्जन भर प्रभावित: ओस संबंध में तहसीलदार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना में कुल 12 लोग प्रभावित हुए. इनमें से प्रभावित सात लोगों का इलाज बलरामपुर जिला के शंकरगढ़ हॉस्पिटल में किया जा रहा है. विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सात लोगों की हालत खतरे से बाहर है.

जानिए क्या है आकाशीय बिजली, कैसे इससे बचें

आकाशीय बिजली से छत्तीसगढ़ में हर साल 100 से ज्यादा मौतें: आकाशीय बिजली (lightning) से हर साल देश में कई लोगों की मौत हो जाती है. आकाशीय बिजली (lightning) की चपेट में आने से बड़ी तादाद में मवेशी भी इसकी जद में आ जाते हैं. बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी इस प्राकृतिक आपदा से हर साल लगभग 100 लोगों की मौत होती है. कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. खास तौर पर बारिश के मौसम के ठीक पहले बिजली गिरने से लोगों के मारे जाने की घटनाओं में अधिकता देखी जाती है.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कैसे बचें: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) ने आकाशीय बिजली (lightning) जिसे गाज भी कहा जाता है. इससे बचने के लिए कुछ निर्देश दिए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान, खुले में काम करने वाले लोग आते हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग (disaster management department) का कहना है कि आकाशीय बिजली (lightning) से थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए तो आसानी से बचा जा सकता है.

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभे और टावर के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • अगर आप खेत में है तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए .
  • लोहे समेत धातु से बने सामान साइकिल आदि से दूर रहना चाहिए.

इसके अलावा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटीरियोलांजी (आईआईटीएम) पुणे ने दामिनी (Damini) नाम से एक ऐप डेवलप किया है. इसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. इस ऐप के माध्यम से जान माल के नुकसान से बचा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ में ये इलाके हैं संवेदनशील: प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ जिलों को बिजली गिरने के लिए बेहद संवेदनशील जगहों के रूप में चिह्नित किया है. ये जिले इस तरह हैं.

  • कोरबा
  • रायगढ़
  • महासमुंद
  • बस्तर

इनके अलावा कुछ जिले मध्यम खतरे वाले क्षेत्र में शामिल है.

क्या होता है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है. यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलती है. ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान तेज कड़क आवाज सुनाई देती है. बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं

जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा जनपद क्षेत्र में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई. 11 से ज्यादा लोग झुलस गए. जिनमें से कई लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. घायलों को इलाज के लिए बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ ले लाया गया. जहां उनका इलाज जारी है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने चार-चार लाख रुपये की मदद राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.

यह भी पढ़ें: जशपुर के साप्ताहिक बाजार में आकाशीय बिजली गिरने से 3 की मौत

बताया जा रहा है कि ग्राम बुर्जुडीह में साप्ताहिक बाजार लगा हुआ था. शाम साढ़े 4 बजे के आसपास तेज आंधी और तूफान के साथ बारिश शुरू हो गई. इस दौरान आकाशीय बिजली साप्ताहिक बाजार के ही आसपास पेड़ में गिरी जिससे ये हादसा हुआ. तीन मृतकों में दो युवक और एक नाबालिग शामिल है.

सहायता राशि देने के निर्देश: मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल ने आकाशीय बिजली गिरने की घटना में प्रभावित लोगों के बेहतर से बेहतर इलाज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने आकाशीय बिजली की घटना में मृत व्यक्ति के परिजनों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान के तहत प्रत्येक को चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.

दर्जन भर प्रभावित: ओस संबंध में तहसीलदार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना में कुल 12 लोग प्रभावित हुए. इनमें से प्रभावित सात लोगों का इलाज बलरामपुर जिला के शंकरगढ़ हॉस्पिटल में किया जा रहा है. विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सात लोगों की हालत खतरे से बाहर है.

जानिए क्या है आकाशीय बिजली, कैसे इससे बचें

आकाशीय बिजली से छत्तीसगढ़ में हर साल 100 से ज्यादा मौतें: आकाशीय बिजली (lightning) से हर साल देश में कई लोगों की मौत हो जाती है. आकाशीय बिजली (lightning) की चपेट में आने से बड़ी तादाद में मवेशी भी इसकी जद में आ जाते हैं. बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भी इस प्राकृतिक आपदा से हर साल लगभग 100 लोगों की मौत होती है. कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. खास तौर पर बारिश के मौसम के ठीक पहले बिजली गिरने से लोगों के मारे जाने की घटनाओं में अधिकता देखी जाती है.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कैसे बचें: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) ने आकाशीय बिजली (lightning) जिसे गाज भी कहा जाता है. इससे बचने के लिए कुछ निर्देश दिए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान, खुले में काम करने वाले लोग आते हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग (disaster management department) का कहना है कि आकाशीय बिजली (lightning) से थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए तो आसानी से बचा जा सकता है.

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभे और टावर के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • अगर आप खेत में है तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए .
  • लोहे समेत धातु से बने सामान साइकिल आदि से दूर रहना चाहिए.

इसके अलावा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटीरियोलांजी (आईआईटीएम) पुणे ने दामिनी (Damini) नाम से एक ऐप डेवलप किया है. इसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. इस ऐप के माध्यम से जान माल के नुकसान से बचा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ में ये इलाके हैं संवेदनशील: प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने कुछ जिलों को बिजली गिरने के लिए बेहद संवेदनशील जगहों के रूप में चिह्नित किया है. ये जिले इस तरह हैं.

  • कोरबा
  • रायगढ़
  • महासमुंद
  • बस्तर

इनके अलावा कुछ जिले मध्यम खतरे वाले क्षेत्र में शामिल है.

क्या होता है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है. यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलती है. ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. इस दौरान तेज कड़क आवाज सुनाई देती है. बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं

Last Updated : May 30, 2022, 9:32 AM IST
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