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CM भूपेश ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को लिखा पत्र, मजदूरी भुगतान का मामला

सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में राज्य सरकार को मजदूरों को मजदूरी के बदले खाद्यान्न देने की अनुमति प्रदान करने की बात कही है.

Chief Minister Bhupesh Baghel
भूपेश बघेल
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Published : Apr 23, 2020, 1:57 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम कर रहे श्रमिकों को मजदूरी भुगतान के रूप में खाद्यान्न देने की स्वीकृति देने का अनुरोध किया है.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत मजदूरी राशि का भुगतान नेशनल इलेक्ट्राॅनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (एनईएफएमएस) के माध्यम से सीधे श्रमिकों के खातों में क्रेडिट होता है.

मनरेगा पर निर्भर है 62 लाख 52 हजार व्यक्तियों की आजीविका

सीएम ने जानकारी देते हुए लिखा कि राज्य में 31 लाख 50 हजार सक्रिय परिवारों के 62 लाख 52 हजार व्यक्तियों की आजीविका मनरेगा पर ही निर्भर है. ऐसी स्थिति में प्रभावी लाॅकडाउन और संक्रमण से बचाव के सभी साधनों का इस्तेमाल करते हुए योजना का क्रियान्वयन अनिवार्य है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य शासन की ओर से कोरोना वायरस से बचाव के उपाय सहित मनरेगा योजनांतर्गत काम कराए जा रहे हैं और वर्तमान में लगभग 5 लाख श्रमिक प्रतिदिन नियोजित हो रहे हैं.

ग्रामीणों के लिए सुनिश्चित की जा सके खाद्यान्न सुरक्षा

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य शासन के पास पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध है और इसके वितरण की प्रभावी व्यवस्था लागू है. उन्होंने लिखा है कि मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों की मजदूरी की राशि राज्य शासन को दी जाए. उन्होंने लिखा कि साथ ही सरकार को ये अनुमति दी जाए कि वो श्रमिकों को मजदूरी के बदले खाद्यान्न दे सके, ताकि वर्तमान में उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में भी ग्रामीणों के लिए खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम कर रहे श्रमिकों को मजदूरी भुगतान के रूप में खाद्यान्न देने की स्वीकृति देने का अनुरोध किया है.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत मजदूरी राशि का भुगतान नेशनल इलेक्ट्राॅनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (एनईएफएमएस) के माध्यम से सीधे श्रमिकों के खातों में क्रेडिट होता है.

मनरेगा पर निर्भर है 62 लाख 52 हजार व्यक्तियों की आजीविका

सीएम ने जानकारी देते हुए लिखा कि राज्य में 31 लाख 50 हजार सक्रिय परिवारों के 62 लाख 52 हजार व्यक्तियों की आजीविका मनरेगा पर ही निर्भर है. ऐसी स्थिति में प्रभावी लाॅकडाउन और संक्रमण से बचाव के सभी साधनों का इस्तेमाल करते हुए योजना का क्रियान्वयन अनिवार्य है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य शासन की ओर से कोरोना वायरस से बचाव के उपाय सहित मनरेगा योजनांतर्गत काम कराए जा रहे हैं और वर्तमान में लगभग 5 लाख श्रमिक प्रतिदिन नियोजित हो रहे हैं.

ग्रामीणों के लिए सुनिश्चित की जा सके खाद्यान्न सुरक्षा

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य शासन के पास पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध है और इसके वितरण की प्रभावी व्यवस्था लागू है. उन्होंने लिखा है कि मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों की मजदूरी की राशि राज्य शासन को दी जाए. उन्होंने लिखा कि साथ ही सरकार को ये अनुमति दी जाए कि वो श्रमिकों को मजदूरी के बदले खाद्यान्न दे सके, ताकि वर्तमान में उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में भी ग्रामीणों के लिए खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

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