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राष्ट्रीय पोषण माह में सक्रिय सहयोग के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने जनप्रतिनिधियों को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सांसदों, विधायकों, महापौर, नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर सहयोग करने का आह्वान किया है.

Chief Minister Bhupesh Baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा पत्र
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Published : Sep 1, 2020, 7:49 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक सितंबर से शुरू हो रहे राष्ट्रीय पोषण माह में सक्रिय सहयोग प्रदान करने के लिए जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों, विधायकों, महापौर, नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों से अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान करने का आह्वान किया है.

जनप्रतिनिधियों की ओर से पूर्व में किए गए सक्रिय सहयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में बच्चों में व्याप्त कुपोषण और एनीमिया को समाप्त करने के लिए विधायकों का हमेशा सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ है. बीते सालों में पोषण माह के आयोजन के दौरान भी सभी से सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय पोषण माह 2020 के आयोजन में सभी के सक्रिय सहयोग, समन्वय और पूर्ण भागदारी की अपेक्षा है.

1 सितम्बर से मनाया जा रहा राष्ट्रीय पोषण माह

सीएम बघेल ने कहा कि बच्चों में व्याप्त कुपोषण और एनीमिया एक गंभीर समस्या है. कुपोषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने के उद्देश्य से साल 2018 से पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है. समुदाय तक पोषण के प्रति जागरूकता, व्यवहार परिवर्तन, सम्प्रेषण और पोषण संवाद के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए जन-आंदोलन के रूप में हर साल राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है. सभी राज्य में इस साल भी 1 सितम्बर 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाना है.

राष्ट्रीय पोषण माह पर कोरोना का असर

कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक आपदा की स्थिति के कारण इस साल राष्ट्रीय पोषण माह को अन्य माध्यमों के साथ-साथ डिजिटल जन-आंदोलन के रूप में मनाया जाना है. इसके लिए तकनीक और समन्वय का उपयोग करते हुए वर्चुअल बैठक, सोशल मीडिया, मास मिडिया, प्रिंट मीडिया का वृहत स्तर पर उपयोग किया जाना है.

गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान करना मुख्य उद्देश्य

राष्ट्रीय पोषण माह 2020 का एक प्रमुख उद्देश्य गंभीर कुपोषित बच्चों की शीघ्र पहचान और उन्हें संदर्भित किया जाना है. बच्चों की उत्तरजीविता में सुधार के लिए बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ समय पर ऊपरी आहार दिया जाना एक महत्वपूर्ण रणनीति है. पोषण माह के दौरान शीघ्र स्तनपान और 6 माह तक संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना है.

पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित

पोषण माह के दौरान पौष्टिक सब्जियां, फलदार पौधों को घर की बाड़ियों, सामुदायिक बाड़ियों, खाली पड़ी भूमियों में रोपण करने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूल भवनों, शासकीय भवनों में और नगरीय क्षेत्रों में घर की छतों पर पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाना है. राज्य में पोषण माह के दौरान सही पोषण-छत्तीसगढ़ रोशन की अवधारणा को मूर्त रूप देने के सभी जनप्रतिनिधियों, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों क्षेत्रीय अमले और जनसमुदाय का सक्रिय सहयोग आवश्यक है.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक सितंबर से शुरू हो रहे राष्ट्रीय पोषण माह में सक्रिय सहयोग प्रदान करने के लिए जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों, विधायकों, महापौर, नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों से अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान करने का आह्वान किया है.

जनप्रतिनिधियों की ओर से पूर्व में किए गए सक्रिय सहयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में बच्चों में व्याप्त कुपोषण और एनीमिया को समाप्त करने के लिए विधायकों का हमेशा सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ है. बीते सालों में पोषण माह के आयोजन के दौरान भी सभी से सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय पोषण माह 2020 के आयोजन में सभी के सक्रिय सहयोग, समन्वय और पूर्ण भागदारी की अपेक्षा है.

1 सितम्बर से मनाया जा रहा राष्ट्रीय पोषण माह

सीएम बघेल ने कहा कि बच्चों में व्याप्त कुपोषण और एनीमिया एक गंभीर समस्या है. कुपोषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने के उद्देश्य से साल 2018 से पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है. समुदाय तक पोषण के प्रति जागरूकता, व्यवहार परिवर्तन, सम्प्रेषण और पोषण संवाद के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए जन-आंदोलन के रूप में हर साल राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है. सभी राज्य में इस साल भी 1 सितम्बर 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाना है.

राष्ट्रीय पोषण माह पर कोरोना का असर

कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक आपदा की स्थिति के कारण इस साल राष्ट्रीय पोषण माह को अन्य माध्यमों के साथ-साथ डिजिटल जन-आंदोलन के रूप में मनाया जाना है. इसके लिए तकनीक और समन्वय का उपयोग करते हुए वर्चुअल बैठक, सोशल मीडिया, मास मिडिया, प्रिंट मीडिया का वृहत स्तर पर उपयोग किया जाना है.

गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान करना मुख्य उद्देश्य

राष्ट्रीय पोषण माह 2020 का एक प्रमुख उद्देश्य गंभीर कुपोषित बच्चों की शीघ्र पहचान और उन्हें संदर्भित किया जाना है. बच्चों की उत्तरजीविता में सुधार के लिए बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ समय पर ऊपरी आहार दिया जाना एक महत्वपूर्ण रणनीति है. पोषण माह के दौरान शीघ्र स्तनपान और 6 माह तक संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना है.

पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित

पोषण माह के दौरान पौष्टिक सब्जियां, फलदार पौधों को घर की बाड़ियों, सामुदायिक बाड़ियों, खाली पड़ी भूमियों में रोपण करने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूल भवनों, शासकीय भवनों में और नगरीय क्षेत्रों में घर की छतों पर पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाना है. राज्य में पोषण माह के दौरान सही पोषण-छत्तीसगढ़ रोशन की अवधारणा को मूर्त रूप देने के सभी जनप्रतिनिधियों, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों क्षेत्रीय अमले और जनसमुदाय का सक्रिय सहयोग आवश्यक है.

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