रायपुर: 26 नवंबर का दिन हर आजाद भारतीय के लिए बहुत ही खास है. 26 नवंबर ही के दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने अपने संविधान को अपनाया था. हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं (CM Bhupesh Baghel wished people of state) दी. मुख्यमंत्री ने इस दौरान भारतीय संविधान के निर्माण में योगदान देने वाले छत्तीसगढ़ की अनेक विभूतियों को भी याद किया. Constitution Day 2022
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की विभूतियों किया याद: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को 26 नवम्बर संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी है. सीएम बघेल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया था. लंबे संघर्ष से मिली आजादी के बाद विविधता भरे भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करना एक महती जिम्मेदारी थी. बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माताओं ने सभी वर्गों की भावनाओं और जन अपेक्षाओं को संविधान में समाहित कर सशक्त राष्ट्र निर्माण के सपने को बखूबी पूरा किया है." सीएम बघेल ने कहा कि "हमें गर्व है कि भारतीय संविधान के निर्माण में छत्तीसगढ़ के अनेक विभूतियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है."
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क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस: देश में संविधान दिवस (Constitution Day) मनाने का सिलसिला पुराना नहीं है. साल 2015 से भारत हर साल 26 नवंबर को अपना संविधान दिवस मनाता है. इसके लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) ने 19 नवंबर 2015 को फैसला किया था. 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में भी जाना जाता रहा है.
छत्तीसगढ़ के इन विभूतियों का रहा योगदान: संविधान निर्माण में देशभर की महान विभूतियों ने योगदान दिया. छत्तीसगढ़ के भी दिग्गजों ने संविधान देश को समर्पित करने में खास भूमिका निभाई. संविधान निर्माण परिषद में छत्तीसगढ़ से पंडित रविशंकर शुक्ल, डॉक्टर छेदीलाल बैरिस्टर और घनश्याम गुप्त निर्वाचित हुए. भारतीय संविधान सभा के लिए छत्तीसगढ़ के सामंतीय नरेशों की ओर से सरगुजा के दीवान रारूताब रघुराज सिंह नामजद हुए. छत्तीसगढ़ की रियासती जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी, रायगढ़ और कांकेर के रामप्रसाद पोटाई निर्वाचित किए गए.