रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में ढाई-ढाई साल के सीएम के फॉर्मूले पर छिड़े विवाद की गूंज दिल्ली पहुंची तो आलाकमान अंपायर की भूमिका में आया. दिल्ली दरबार में राहुल गांधी ने सीएम भूपेश बघेल के साथ ही टीएस सिंहदेव को तलब किया. मंगलवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया की मौजूदगी में मंथन हुआ.
अब इस मंथन के बाद भूपेश बघेल की रायपुर वापसी हुई है. जानकारों की मानें तो भूपेश बघेल की रायपुर वापसी को समर्थक उनकी एक बड़ी जीत के रूप में देख रहे हैं. दरअसल मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही नेताओं ने सीएम बदलने की किसी बात से इनकार कर दिया था. अब भूपेश बघेल के समर्थक इसे एक बड़ी जीत के रूप में देख रहे हैं और जश्न की तैयारी में जुटे हैं.
रायपुर एयरपोर्ट पर समर्थकों का उत्साह देखते ही बन रहा है. भूपेश समर्थक ''छत्तीसगढ़ का कौन खेवैया भूपेश भैया, भूपेश भैया'' के नारे भी लगा रहे हैं. जानकारों की मानें तो भूपेश बघेल खेमे को शायद यह स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि फिलहाल वे ही छत्तीसगढ़ की कमान संभालते रहेंगे.
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"छत्तीसगढ़ का कौन खेवैया भूपेश भैया भूपेश भैया'' के नारे
रायपुर एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में जुटे समर्थक यह नारे भी लगा रहे हैं कि ''छत्तीसगढ़ का कौन खेवैया भूपेश भैया भूपेश भैया''.
क्या हैं सियासी मायने?
रायपुर एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में समर्थकों के जुटने के सियासी मायने भी खंगाले जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में इसकी चर्चा चल पड़ी है. दरअसल मंगलवार को राहुल गांधी से बैठक के बाद ही सीएम भूपेश बघेल के साथ ही पुनिया और सिंहदेव ने यह संकेत दिए कि नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हुई. सिर्फ छत्तीसगढ़ के विकास के मुद्दों पर ही मंथन हुआ.