रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक ली है. इस दौरान उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में कलेक्टरों की भूमिका बहुत जरूरी होगी. मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि जिन गौठानों में अब तक गौठान समितियां नहीं बनी है, वहां गौठान समितियों का गठन तत्काल किया जाए. गौठान समितियों का गठन प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन से किया जाए. उन्होंने कहा कि योजना में गांव के चरवाहों को अनिवार्य रूप से भागीदार बनाया जाए, ताकि उन्हें भी वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से होने वाले लाभ का एक हिस्सा मिले.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गांवों में गोबर खरीदने का काम गौठान समितियों की ओर से किया जाएगा. गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह और युवा समूह की ओर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम किया जाएगा. इसी प्रकार वर्मी कम्पोस्ट के भंडारण के लिए गौठानों में कमरा निर्माण किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में आने वाले पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट के पैकेजिंग बैग पर वर्मी कम्पोस्ट उत्पादित करने वाले गौठान समिति का नाम भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं.
कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रशिक्षण
सीएम ने गौठानों से गौ-सेवकों को जोड़ने और वहां पशु चिकित्सकों का भ्रमण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए. इस काम में एनजीओ को भी जोड़ा जा सकता है.
2200 गौठानों में खरीदा जाएगा गोबर
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी गोधन न्याय योजना से क्रियान्वयन के लिए आवश्यक तैयारी करने को कहा है. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थापित निजी डेयरियों से भी गोबर की खरीदी की जाए और वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में शहरी क्षेत्र के महिला समूहों को जोड़ा जाए. कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एमगीता ने पावर प्वाइंट के प्रेजेन्टेशन के माध्यम से योजना के क्रियान्वयन की रूपरेखा की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के पहले चरण में 2200 गौठानों में गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम शुरू होगा.
गोधन न्याय योजना के तहत इस तरह होगा काम
- कलेक्टर जिले में स्थित सभी गौठानों में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करेंगे.
- कलेक्टर वर्मी खाद बनाने वाले समूहों का गौठान समितियों द्वारा चयन में सहयोग करेंगे.
- कलेक्टरों को मनरेगा के तहत गौठानों में वर्मी टैंक बनवाने और वर्मी खाद प्रसंस्करण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का दायित्व दिया गया है.
- जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला स्तर पर गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे.
- गौठान समितियों की ओर से पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जाएगी.
- हर दिन गोबर खरीदी का लेखा-जोखा रखा जाएगा.
- स्व-सहायता समूह की ओर से तैयार किए गए वर्मी खाद के गुणवत्ता परीक्षण के बाद इसकी पैकेजिंग और भंडारण गौठानों में किया जाएगा.
- सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को वर्मी कम्पोस्ट का विपणन किया जाएगा.
- गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग और शहरी विकास विभाग की ओर से अपनी जरूरत के अनुसार खरीदा जाएगा.
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बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव आरपी मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी उपस्थित रहे.