रायपुर: मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ग्वालियर में आयोजित प्रेस वार्ता में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए. साथ ही कृषि कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को भी आड़े हाथों लिया. सीएम ने रैली रद्द होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी.
प्रेस वार्ता के दौरान सीएम भूपेश ने प्रेदश की शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'ये उपचुनाव जनता पर थोपा गया है'. सीएम भूपेश ने मुख्यमंत्री शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया को उपचुनाव का जिम्मेदार ठहराया.
प्रचार करने से रोका जा रहा है: सीएम
एमपी में प्रचार की अनुमति नहीं मिलने पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस को चुनाव प्रचार करने से रोका जा रहा है. मीडिया कर्मियों से उन्होंने कहा कि यहां मेरे तीन कार्यक्रम थे, लेकिन मेरा कार्यक्रम स्थगित किया गया. इसलिए मैं प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ यानी आप लोगों के जरिए जनता से चर्चा कर रहा हूं.
पूंजिपतियों के लिए है कृषि कानून: सीएम
सीएम भूपेश बघेल ने कृषि कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाया गया ये कृषि कानून पूंजीपतियों के लिए है. नए कानून के तहत अब जमाखोरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने वाली. इस कानून से जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा.
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'किसानों के खेत पर केंद्र सरकार की नजर'
मुख्मंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सब कुछ बेचने के बाद अब केंद्र सरकार की नजर किसानों के खेत पर है. जिससे पूंजीपतियों को फायदा पहुंच सके.
कृषि कानून के खिलाफ नया विधेयक लाएंगे: सीएम
कृषि कानून को लेकर छत्तीसगढ़ में बुलाए गए विशेष सत्र को लेकर उन्होंने कहा कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए हम विधेयक ला रहे हैं. आगामी 27 और 28 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद निरस्त हुई रैली
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते हाईकोर्ट ने ग्वालियर-चंबल अंचल में होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनावी सभाओं पर रोक लगा दी है, जिसके चलते मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह को भी अपनी चुनावी सभाएं रद्द करनी पड़ी थी. इसी तरह शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की 3 सभाएं होनी थीं, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के चलते सीएम बघेल को दतिया, मुरैना और ग्वालियर में होने वाली सभाओं को रद्द करना पड़ा.