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'जोगी जी के रहते कोई कांग्रेसी बढ़ ही नहीं पाया, मरवाही ने केके ध्रुव को अपना बना लिया'

मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस ने ऐतिहासिक वोटों से जीत दर्ज की है. डॉ. केके ध्रुव का रायपुर में जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 'जोगी जी के रहते कोई कांग्रेसी बढ़ ही नहीं पाया था. कैंडिडेट खोजना बड़ा काम था. केके ध्रुव को दूसरी राजनीतिक पार्टियां बाहरी बोल रहे थे लेकिन मरवाही ने बाहरी को अपना बना लिया'.

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Published : Nov 11, 2020, 3:42 PM IST

cm bhupesh baghel
सीएम भूपेश बघेल

रायपुर: मरवाही में कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. कृष्णकांत ध्रुव ने बीजेपी के प्रत्याशी डॉक्टर गंभीर सिंह को करीब 38 हजार 132 वोटों से मात दी है. राजधानी रायपुर में कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद रहे हैं. उन्होंने डॉ. केके ध्रुव को जीत के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी.

भूपेश बघेल,सीएम,छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, कहा जाता था कि मरवाही जोगी का गढ़ है. इतना वोट न अजीत जोगी को मिला था और न अमित जोगी को. ये चुनाव कांग्रेस सरकार की नीतियों और कार्यों का टेस्ट था, जिसमें सरकार पास हुई. संगठन ने काम किया. एक वक्त था कि 20 साल तक कोई बाहरी नेता मरवाही नहीं जाता था. लेकिन जिला घोषित होने के बाद निर्माण कार्य की स्वीकृत प्रदान की. लोग कहते थे जोगी का 70 हजार वोट जिधर जाएगा, उधर जीत होगी. लेकिन संगठन की मेहनत और सरकार के काम पर महुर लगी. हर किसी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई.

पढ़ें-जोगी का नहीं कांग्रेस का गढ़ है मरवाही, अब होगा विकास:रविन्द्र चौबे

केके ध्रुव को मरवाही की जनता ने अपना बना लिया

जोगी जी के रहते कोई कांग्रेसी बढ़ ही नहीं पाया था. कैंडिडेट खोजना बड़ा काम था. केके ध्रुव को बाहरी बोल रहे थे लेकिन मरवाही ने बाहरी को अपना बना लिया. जिसने 30 साल वहां डॉक्टर के रूप में सेवा दी, वो बाहरी कैसे हुआ. मरवाही ने बता दिया कि वो जोगी का नहीं कांग्रेस का गढ़ है.

रायपुर: मरवाही में कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. कृष्णकांत ध्रुव ने बीजेपी के प्रत्याशी डॉक्टर गंभीर सिंह को करीब 38 हजार 132 वोटों से मात दी है. राजधानी रायपुर में कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद रहे हैं. उन्होंने डॉ. केके ध्रुव को जीत के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी.

भूपेश बघेल,सीएम,छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, कहा जाता था कि मरवाही जोगी का गढ़ है. इतना वोट न अजीत जोगी को मिला था और न अमित जोगी को. ये चुनाव कांग्रेस सरकार की नीतियों और कार्यों का टेस्ट था, जिसमें सरकार पास हुई. संगठन ने काम किया. एक वक्त था कि 20 साल तक कोई बाहरी नेता मरवाही नहीं जाता था. लेकिन जिला घोषित होने के बाद निर्माण कार्य की स्वीकृत प्रदान की. लोग कहते थे जोगी का 70 हजार वोट जिधर जाएगा, उधर जीत होगी. लेकिन संगठन की मेहनत और सरकार के काम पर महुर लगी. हर किसी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई.

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केके ध्रुव को मरवाही की जनता ने अपना बना लिया

जोगी जी के रहते कोई कांग्रेसी बढ़ ही नहीं पाया था. कैंडिडेट खोजना बड़ा काम था. केके ध्रुव को बाहरी बोल रहे थे लेकिन मरवाही ने बाहरी को अपना बना लिया. जिसने 30 साल वहां डॉक्टर के रूप में सेवा दी, वो बाहरी कैसे हुआ. मरवाही ने बता दिया कि वो जोगी का नहीं कांग्रेस का गढ़ है.

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