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अहंकार का नाश करता है छेरछेरा त्योहार : सीएम भूपेश

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Published : Jan 9, 2020, 5:26 PM IST

राजधानी में 10 जनवरी को छेरछेरा त्योहार पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे.

CM BHUPESH BAGHEL_CHER-CHERA PROGRAMM
सीएम भूपेश बघेल

रायपुर : राजधानी में 10 जनवरी को छेरछेरा जोहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो कि दूधाधारी मंदिर मठपारा में होगा. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे और दूधाधारी मंदिर में पूजा अर्चना कर महंत रामसुंदर दास से छेरछेरा दान लेकर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना करेंगे.

छेरछेरा त्यौहार में होता है अहंकार का त्याग

कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, 'छेरछेरा छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है. इस दिन जहां एक और धन-धान्य इकट्ठा कर गांव के विकास के लिए काम किया जाता है, वहीं इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व भी है. इस दिन छोटे-बड़े सब एक-दूसरे के घर जाकर मांगते हैं, जिससे अहंकार का त्याग होता है.

बता दें कि, छेरछेरा पुन्नी जोहार कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज, खान-पान, बोली, भाषा, वेशभूषा, और त्योहार के संरक्षण संवर्धन और विकास के लिए संस्कृति विभाग एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया है. बता दें कि ये त्योहार दान-धर्म और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसमें दान करने की परंपरा है. ये त्योहार पौष पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी के रूप में मनाया जाता है.

रायपुर : राजधानी में 10 जनवरी को छेरछेरा जोहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो कि दूधाधारी मंदिर मठपारा में होगा. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे और दूधाधारी मंदिर में पूजा अर्चना कर महंत रामसुंदर दास से छेरछेरा दान लेकर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना करेंगे.

छेरछेरा त्यौहार में होता है अहंकार का त्याग

कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, 'छेरछेरा छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है. इस दिन जहां एक और धन-धान्य इकट्ठा कर गांव के विकास के लिए काम किया जाता है, वहीं इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व भी है. इस दिन छोटे-बड़े सब एक-दूसरे के घर जाकर मांगते हैं, जिससे अहंकार का त्याग होता है.

बता दें कि, छेरछेरा पुन्नी जोहार कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज, खान-पान, बोली, भाषा, वेशभूषा, और त्योहार के संरक्षण संवर्धन और विकास के लिए संस्कृति विभाग एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया है. बता दें कि ये त्योहार दान-धर्म और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसमें दान करने की परंपरा है. ये त्योहार पौष पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी के रूप में मनाया जाता है.

Intro:छेरछेरा त्यौहार में होता है अहंकार का त्याग : मुख्यमंत्री

रायपुर । छत्तीसगढ़ की संस्कृति में छेरछेरा त्यौहार का बहुत महत्व है यह त्यौहार दान धर्म और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है इसमें दान करने की परंपरा है यह त्यौहार पौष पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी के रूप में मनाया जाता है।



Body:
रायपुर में 10 जनवरी को छेरछेरा जोहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जो कि दूधाधारी मंदिर मठपारा में संपन्न होगा इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे और दूधाधारी मंदिर में पूजा अर्चना का महत रामसुंदर दास से छेरछेरा दान लेकर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना करेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छेरछेरा छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है इस दिन जहां एक और धन-धान्य इकट्ठा कर गांव के विकास के लिए काम किया जाता है वही इस त्यौहार का आध्यात्मिक महत्व है इस दिन छोटे बड़े सब एक दूसरे के घर जाकर मांगते हैं जिससे अहंकार का त्याग होता है यह बातें उन्होंने पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड से राजनांदगांव रवाना होने के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
बाइट भूपेश बघेल मुख्यमंत्री




Conclusion:बता दें कि छेरछेरा पुन्नी जोहार कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ के लोक कला संस्कृति परंपरा रीति-रिवाज खानपान बोली भाषा वेशभूषा और त्यौहार के संरक्षण संवर्धन व विकास के लिए संस्कृति विभाग एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया है
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