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छत्तीसगढ़ में लाख की खेती को मिलेगा कृषि का दर्जा, CM ने दी सहमति - chhattisgarh Lac farming

छत्तीसगढ़ में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलेगा, जिसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहमति भी जताई है.

भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल)
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Published : May 25, 2020, 10:41 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लाख की खेती को अब कृषि का दर्जा मिलेगा. वन विभाग ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लाख की खेती को फायदेमंद बनाने के उद्देश्य से प्रस्ताव भेजा था, जिस पर सीएम बघेल ने सहमति दे दी है. वहीं सीएम ने लाख की खेती को किसानों के लिए लाभकारी बताया है.

मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान करते हुए कृषि, वन और सहकारिता विभाग को समन्वय कर लाख और इसके जैसी अन्य लाभकारी उपज को कृषि में शामिल करने का प्रस्ताव मंत्रीपरिषद की अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: तखतपुर का मोहन वाटिका क्वॉरेंटाइन सेंटर बना कोरोना का नया हॉटस्पॉट

प्रदेश में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलने से लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को सहकारी समितियों से बाकी किसानों के मुकाबले आसानी से ऋण मिल पाएगा. छत्तीसगढ़ में लाख की खेती की बहुत संभावनाएं है. यहां के किसान कुसुम, पलाश और बेर के पेड़ों के साथ ही परंपरागत रूप से लाख की खेती भी कर रहे हैं, लेकिन व्यवस्थित और आधुनिक तरीके से लाख की खेती न होने की वजह से किसानों को लागत के एवज में अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है.

पढ़ें:सुप्रीम कोर्ट का एयर इंडिया को आदेश, 10 दिन बाद न हो मिडिल सीट की बुकिंग

वन विभाग ने लाख की खेती को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से इसे कृषि का दर्जा देने के लिए सीएम से आग्रह किया था. इसके साथ ही कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से दूसरे किसानों की तरह लाख की खेती करने वाले किसानों को भी ऋण उपलब्ध कराने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री से प्रस्ताव में सहमति जताने का आग्रह किया था.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लाख की खेती को अब कृषि का दर्जा मिलेगा. वन विभाग ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लाख की खेती को फायदेमंद बनाने के उद्देश्य से प्रस्ताव भेजा था, जिस पर सीएम बघेल ने सहमति दे दी है. वहीं सीएम ने लाख की खेती को किसानों के लिए लाभकारी बताया है.

मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान करते हुए कृषि, वन और सहकारिता विभाग को समन्वय कर लाख और इसके जैसी अन्य लाभकारी उपज को कृषि में शामिल करने का प्रस्ताव मंत्रीपरिषद की अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए हैं.

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प्रदेश में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलने से लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को सहकारी समितियों से बाकी किसानों के मुकाबले आसानी से ऋण मिल पाएगा. छत्तीसगढ़ में लाख की खेती की बहुत संभावनाएं है. यहां के किसान कुसुम, पलाश और बेर के पेड़ों के साथ ही परंपरागत रूप से लाख की खेती भी कर रहे हैं, लेकिन व्यवस्थित और आधुनिक तरीके से लाख की खेती न होने की वजह से किसानों को लागत के एवज में अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है.

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वन विभाग ने लाख की खेती को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से इसे कृषि का दर्जा देने के लिए सीएम से आग्रह किया था. इसके साथ ही कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से दूसरे किसानों की तरह लाख की खेती करने वाले किसानों को भी ऋण उपलब्ध कराने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री से प्रस्ताव में सहमति जताने का आग्रह किया था.

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