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CM ने सुनी इन बुनकरों की फरियाद, दी 25 लाख की आर्थिक सहायता

CM के जन चौपाल कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा से बुनकर सहकारी समिति के पांच बुनकर अपनी समस्या लेकर पहुंचे. मुख्यमंत्री ने बुनकरों को 25 लाख की आर्थिक सहायता की मंजूरी दी.

मुख्यमंत्री ने बुनकरों को 25 लाख की आर्थिक सहायता की मंजूरी दी
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Published : Sep 19, 2019, 7:42 AM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित जन चौपाल कार्यक्रम के दौरान जांजगीर-चांपा जिले के कुछ बुनकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को अलसी से बना जैकेट भेंट किया. साथ ही उन्होंने अलसी से कपड़ा बनाने के लिए मशीन लगाए जाने के लिए आर्थिक सहायता की मांग की. जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल 25 लाख की आर्थिक सहायता की मंजूरी दे दी.

महिलाओं के हाथ से निकलने लगता है खून

जांजगीर-चांपा से बुनकर सहकारी समिति के पांच बुनकर जन चौपाल में पहुंचे. वहां उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बताया कि उनकी समिति के द्वारा अलसी के बेकार रेशे से कपड़ा और अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन यह कार्य हाथों से होता है, इससे महिलाओं के हाथ से खून आ जाता है. साथ ही कपड़ो की गुणवत्ता मशीन से तैयार किए जाने वाले कपड़ों से कम है. उन्होंने इसके लिए मशीन की जरूरत मुख्यमंत्री को बताई.

पढ़ें :सीएम से बच्चे के इलाज की गुहार लगाने गया था परिवार, पास रखे 3 हजार रुपए हुए पार

25 लाख रुपए की थी आवश्यकता

पांचों बुनकरों ने पांच-पांच लाख का अनुदान देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया. रामधन ने बताया कि 'व्यवसाय के लिए उन्हें करीब 25 लाख रुपए की आवश्यकता है. इसके लिए उन्होंने पूर्व में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा की थी'.

रायपुर: मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित जन चौपाल कार्यक्रम के दौरान जांजगीर-चांपा जिले के कुछ बुनकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को अलसी से बना जैकेट भेंट किया. साथ ही उन्होंने अलसी से कपड़ा बनाने के लिए मशीन लगाए जाने के लिए आर्थिक सहायता की मांग की. जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल 25 लाख की आर्थिक सहायता की मंजूरी दे दी.

महिलाओं के हाथ से निकलने लगता है खून

जांजगीर-चांपा से बुनकर सहकारी समिति के पांच बुनकर जन चौपाल में पहुंचे. वहां उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बताया कि उनकी समिति के द्वारा अलसी के बेकार रेशे से कपड़ा और अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन यह कार्य हाथों से होता है, इससे महिलाओं के हाथ से खून आ जाता है. साथ ही कपड़ो की गुणवत्ता मशीन से तैयार किए जाने वाले कपड़ों से कम है. उन्होंने इसके लिए मशीन की जरूरत मुख्यमंत्री को बताई.

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25 लाख रुपए की थी आवश्यकता

पांचों बुनकरों ने पांच-पांच लाख का अनुदान देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया. रामधन ने बताया कि 'व्यवसाय के लिए उन्हें करीब 25 लाख रुपए की आवश्यकता है. इसके लिए उन्होंने पूर्व में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा की थी'.

Intro:रायपुर। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित जन चौपाल कार्यक्रम के दौरान जांजगीर चांपा जिले के सिवनी से कुछ बुनकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे इस दौरान उसने मुख्यमंत्री को अलसी से बने जैकेट को भेंट किया साथ ही उन्होंने इस अलसी से कपड़ा बनाने के लिए मशीन लगाए जाने के लिए आर्थिक सहायता की मांग की जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल शिक्षा अनुदान से ₹2500000 की आर्थिक सहायता की मंजूरी दे दी




Body:जांजगीर चांपा से बुनकर सहकारी समिति के पांच बुनकर रामाधार, अशोक कुमार देवांगन हेमंत देवांगन, महेंद्र देवांगन और कमलेश राम मुख्यमंत्री निवास जन चौपाल में पहुंचे वहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें बताया है कि उनकी समिति के द्वारा अलसी के बेकार रेशे से कपड़ा तथा अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं लेकिन यह कार्य हाथों द्वारा किया जाता है इससे महिलाओं के हाथ में खून आ जाता है साथ ही वस्त्रों की गुणवत्ता मशीन से तैयार किए जाने वाले वस्त्रों से कुछ कम है और उत्पादन भी कम मात्रा में हो पा रहा है इसके लिए जरूरी मशीन है मिल जाए तो वस्त्रों की उत्पादन भी बढ़ेगी और गुणवत्ता भी उत्कृष्ट श्रेणी का हो जाएगा

पांचों बुनकर ने पांच ₹5-5 लाख का अनुदान देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें 20 मशीनों की आवश्यकता है जिसकी लागत लगभग तीन लाख है और एक मशीन जिसकी कीमत ₹22 लाख है उसकी भी आवश्यकता है ।
बाइक रामधन बुनकर

रामधन ने बताया है कि उनके हाथों से बनाए जैकेट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कृषि मंत्री रविंद्र चौबे सहित कई अन्य मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने पहना है लेकिन उनके पास इस व्यवसाय को बढ़ाने के लिए संसाधनों की कमी है इसलिए वे मुख्यमंत्री के पास आर्थिक सहायता लेने पहुंचे हुए हैं

रामधन ने बताया कि इस व्यवसाय के लिए उन्हें करीब 25 लाख रुपए की आवश्यकता है इसके लिए उन्होंने पूर्व में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा की थी और आज मुख्यमंत्री से मिलने जन चौपाल कार्यक्रम में जा रहे हैं रामधन ने बताया कि वर्तमान में इस काम में काफी मेहनत है और यही वजह है कि इस कपड़े की कीमत लगभग ₹1000 मीटर है
वाइट :- रामाधार , बुनकर जांजगीर चांपा

वही मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और मशीन के लिए 25 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान कर दी।


Conclusion:
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