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पीडीएस स्कैम में IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को बचा रहे सीएम: रमन सिंह - घोटाले की जांच

पीडीएस स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग केस (PDS scam and money laundering case) में पूर्व सीएम रमन सिंह (CM Raman Singh) ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. रमन सिंह ने इन दोनों केस में सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) पर दो अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया है .

Raman Singh - Bhupesh Baghel
रमन सिंह- भूपेश बघेल
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Published : Sep 28, 2021, 5:18 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 9:25 PM IST

रायपुर: पूर्व सीएम रमन सिंह (CM Raman Singh) ने रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. जिसमें पीडीएस स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग केस (PDS scam and money laundering case) में दो अधिकारियों को बचाने का आरोप रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) पर लगाया. नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व एमडी अनिल कुमार टुटेजा और निगम के पूर्व अध्यक्ष आलोक शुक्ला को लेकर रमन सिंह ने सीएम बेघल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को बचा रहे सीएम: रमन सिंह

रमन सिंह ने कहा कि पहले पीडीएस और नान घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी से कराए जाने की मांग बघेल सरकार ने खुद की थी. अब दोनों अधिकारियों को बचाने का काम खुद सीएम बघेल कर रहे हैं. इसे लेकर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य पेश किए हैं. लेकिन इन दोनों अधिकारियों को सीएम बचा रहे हैं. उन्हें तो खुद जांच ऐजेंसी की मदद करनी चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी (Enforcement Directorate) यानी की प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा आरोप लगाया है. यह आरोप पीडीएस स्कैम (Chhattisgarh PDS Scam) से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि दो आरोपियों के खिलाफ सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) केस कमजोर कर रहे हैं. इसमें एसआईटी के कुछ सदस्य भी शामिल हैं. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को रद्द करने की मांग की है. ईडी का कहना है कि खाद्यान को खरीदने और उसके परिवहन में करोड़ रुपये की हेरा फेरी हुई है. यह मामला गबन से भी जुड़ा हुआ है.

ईडी ने अनिल कुमार टुटेजा और आलोक शुक्ला की जमानत रद्द करने की मांग की

जिन दो अधिकारियों की अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग ईडी ने की है. उसमें नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व एमडी अनिल कुमार टुटेजा और निगम के पूर्व अध्यक्ष आलोक शुक्ला हैं. ईडी ने कहा है की साल 2020 के अगस्त महीने में हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली थी. इसके बाद से अधिकांश गवाह इस केस में मुकर गए हैं. जिससे यह साफ होता है कि दोनों आरोपियों ने राज्य में अपने प्रभाव और पद का दुरुपयोग किया है. ईडी ने इनक टैक्स के द्धारा मारे गए छापे का जिक्र किया है.

उन्होंने कहा कि इस छापे के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं जिसमें यह खुलासा हुआ है कि दोनों अधिकारियों ने गवाहों को धमकाया है. आयकर विभाग को जो सबूत मिले हैं उसमें मोबाइल मैसेज का ट्रांसक्रिप्शन और फोन है, जिसे एक सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. इन मोबाइल संदेशों में टुटेजा और आलोक शुक्ला के बारे में यह खुलासा हुआ था.

रायपुर: पूर्व सीएम रमन सिंह (CM Raman Singh) ने रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. जिसमें पीडीएस स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग केस (PDS scam and money laundering case) में दो अधिकारियों को बचाने का आरोप रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) पर लगाया. नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व एमडी अनिल कुमार टुटेजा और निगम के पूर्व अध्यक्ष आलोक शुक्ला को लेकर रमन सिंह ने सीएम बेघल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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रमन सिंह ने कहा कि पहले पीडीएस और नान घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी से कराए जाने की मांग बघेल सरकार ने खुद की थी. अब दोनों अधिकारियों को बचाने का काम खुद सीएम बघेल कर रहे हैं. इसे लेकर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य पेश किए हैं. लेकिन इन दोनों अधिकारियों को सीएम बचा रहे हैं. उन्हें तो खुद जांच ऐजेंसी की मदद करनी चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी (Enforcement Directorate) यानी की प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा आरोप लगाया है. यह आरोप पीडीएस स्कैम (Chhattisgarh PDS Scam) से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि दो आरोपियों के खिलाफ सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) केस कमजोर कर रहे हैं. इसमें एसआईटी के कुछ सदस्य भी शामिल हैं. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को रद्द करने की मांग की है. ईडी का कहना है कि खाद्यान को खरीदने और उसके परिवहन में करोड़ रुपये की हेरा फेरी हुई है. यह मामला गबन से भी जुड़ा हुआ है.

ईडी ने अनिल कुमार टुटेजा और आलोक शुक्ला की जमानत रद्द करने की मांग की

जिन दो अधिकारियों की अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग ईडी ने की है. उसमें नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व एमडी अनिल कुमार टुटेजा और निगम के पूर्व अध्यक्ष आलोक शुक्ला हैं. ईडी ने कहा है की साल 2020 के अगस्त महीने में हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली थी. इसके बाद से अधिकांश गवाह इस केस में मुकर गए हैं. जिससे यह साफ होता है कि दोनों आरोपियों ने राज्य में अपने प्रभाव और पद का दुरुपयोग किया है. ईडी ने इनक टैक्स के द्धारा मारे गए छापे का जिक्र किया है.

उन्होंने कहा कि इस छापे के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं जिसमें यह खुलासा हुआ है कि दोनों अधिकारियों ने गवाहों को धमकाया है. आयकर विभाग को जो सबूत मिले हैं उसमें मोबाइल मैसेज का ट्रांसक्रिप्शन और फोन है, जिसे एक सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. इन मोबाइल संदेशों में टुटेजा और आलोक शुक्ला के बारे में यह खुलासा हुआ था.

Last Updated : Sep 28, 2021, 9:25 PM IST
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