रायपुर : सीएम भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को ऑनलाइन 23 करोड़ 93 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की. सीएम हाउस में हुए कार्यक्रम में भूपेश बघेल ने प्रदेश में हो रही अच्छी बारिश को अच्छा संकेत बताया.सीएम भूपेश ने कहा कि इस बार बारिश अच्छी होने के कारण उत्पादन भी बेहतर होने की उम्मीद है. साथ ही साथ सीएम ने इस साल 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लक्ष्य को पाने की भी बात कही.आपको बता दें कि धान खरीदी के लिए मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक संपन्न हो चुकी है.जिसमें इस बार 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
20 क्विंटल प्रति एकड़ होगी धान खरीदी: धान खरीदी प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से होगी. पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी 01 नवंबर 2023 से धान खरीदी बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत शुरू होगी और 31 जनवरी 2024 यह खरीदी चेलगी.
केंद्र ने चावल खरीदी का कोटा किया कम : इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य से चावल खरीदी का कोटा घटा दिया है.वहीं बारदाने के कोटे को भी कम किया गया है. आने वाले समय में धान खरीदी की मात्रा बढ़ाई गई है.ऐसे में केंद्रीय पूल में चावल का कोटा पहले की तरह रखने और बारदाने की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है.
कितने हितग्राहियों को मिला लाभ ? : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में बटन दबाकर गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 23 करोड़ 93 लाख रूपए ऑनलाइन ट्रांसफर की. जिसमें गोबर विक्रेताओं को 5 करोड़ 36 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1 करोड़ 63 लाख रूपए और स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को 1 करोड़ 14 लाख रूपए की लाभांश राशि दी गई.
इसके साथ ही स्व-सहायता समूहों को 12 करोड़ 32 लाख रूपए, सहकारी समितियों को 1 करोड़ 23 लाख रूपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी गई. स्वावलंबी गौठान समितियों के अध्यक्ष और सदस्यों को 2 करोड़ 25 लाख रूपए की मानदेय राशि भी मिली है. गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 29 करोड़ 93 लाख रूपए के भुगतान के बाद अब तक कुल 581 करोड़ 24 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है.
'' गौठानों में चार रूपए लीटर की दर से गौमूत्र खरीदकर महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं इससे ब्रह्मास्त्र और जीवामृत तैयार कर रही हैं. जिसे किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है. किसान अब महंगे पेस्टीसाइट के बदले जैविक कीटनाशक ब्रह्मास्त्र और जीवामृत का उपयोग करने लगे हैं.''भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़
स्व-सहायता समूहों को भी जारी हुआ मानदेय : कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर से कम्पोस्ट खाद के उत्पादन से जुड़े स्व-सहायता समूहों को एक रुपये के मानदेय से कुल 12 करोड़ 32 लाख रूपए जारी किए. वहीं सहकारी समितियों को 1 करोड़ 23 लाख रूपए प्रोत्साहन राशि के रूप में ऑनलाइन जारी की. मुख्यमंत्री स्वावलंबी गौठानों के 42 हजार 644 सदस्यों को मानदेय के रूप में 2 करोड़ 25 लाख रूपए उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं.
राज्य के 60 फीसदी गौठान हुए स्वावलंबी : आपको बता दें कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के मामले में स्वावलंबी गौठान समितियों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है.राज्य के 10 हजार 288 गौठानों में से 6252 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं. जो स्वयं की राशि से गोबर विक्रेताओं से गोबर खरीद रहे हैं. स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 76 करोड़ 42 लाख रूपए का गोबर स्वयं की राशि से खरीदा है.