रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा पहुंचे. मुख्यमंत्री इस दौरान गुरु नानक देव के 551वें प्रकाश पर्व में शामिल हुए. बघेल ने गुरु ग्रन्थ साहिब में मत्था टेका और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की. सीएम ने उपस्थित लोगों को प्रकाश पर्व की बधाई और शुभकामनाएं भी दीं.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुनानक देव महान संत थे. उन्होंने जीवन जीने की कला सिखाई और पूरी दुनिया में भ्रमण कर प्रेम, सदाचार, भाईचारा और समानता का संदेश दिया. सीएम बघेल ने कहा कि गुरु नानक देव ने ऊंच-नीच, भेदभाव और जातिवाद से ऊपर उठकर मानवता का संदेश दिया, जिससे वह आज भी प्रासंगिक हैं.
गुरुनानक ने दिया भाईचारे का संदेश
वहीं मुख्यमंत्री ने गुरुनानक देव के जीवन से जुड़े प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने जो खरा सौदा किया, वही आज लंगर के रूप में प्रसिद्ध है. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि समाज में खासकर मध्य एशिया क्षेत्र में जब कुरीतियां और अराजकता व्याप्त थी, ऐसे समय में गुरु नानक का अवतरण हुआ. वे बाल्यकाल से ही चिंतन, मनन करने वाले और मानवता के प्रति अपार प्रेम से ओत-प्रोत रहे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने भाईचारे का संदेश देते हुए कहा कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं, इसमें भेदभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि शांति के बिना समाज में सुख-समृद्धि संभव नहीं है.
VIDEO: गुरुद्वारा में मंत्री सिंहदेव और अमरजीत ने टेका मत्था
कोरोना काल में सिख समाज की सेवा की हुई सराहना
मुख्यमंत्री बघेल ने सिख समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिख समाज की पहचान एक जिंदा दिल कौम के रूप में है. हर परिस्थिति में कैसे खुश रहा जा सकता है, यह उनसे सीखा जा सकता है. सीएम ने कोरोना संकट के दौर में भी लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सिख समाज द्वारा की गई सेवा की सराहना की.
इस अवसर पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, महापौर एजाज ढेबर और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह छाबड़ा मौजूद रहे. गुरुद्वारा प्रमुख निरंजन सिंह खनूजा और प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का शॉल, श्रीफल और सरोपा भेंट कर स्वागत किया.