ETV Bharat / state

रायपुर में भूपेश कैबिनेट की बैठक: आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के प्रस्ताव को मंजूरी, सीएम अब 110 करोड़ स्वेच्छानुदान दे सकेंगे

raipur latest news रायपुर में भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक हुई. इसमें आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. सीएम अब 110 करोड़ स्वेच्छानुदान दे सकेंगे. Baghel cabinet meeting in Raipur

सीएम बघेल की कैबिनेट बैठक शुरू
सीएम बघेल की कैबिनेट बैठक शुरू
author img

By

Published : Nov 24, 2022, 12:48 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 2:32 PM IST

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई. (CM Baghel cabinet meeting in raipur). इस बैठक में छत्तीसगढ़ लोक सेवा, अनुसूचित जातियों,अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था में प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया. सीएम अब 110 करोड़ स्वेच्छानुदान दे सकेंगे.

भूपेश कैबिनेट के अहम फैसले: जिला खनिज संस्थान न्यास से संपादित अधोसंरचना के कार्याें पर खर्च के लिए न्यास निधि में मिली राशि से निश्चित प्रतिशत राशि के बंधन से मुक्त किए जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान नियम 2015 में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत् डीएमएफ के अन्य प्राथमिकता मद में उपलब्ध राशि का 20 प्रतिशत सामान्य क्षेत्र में और 40 प्रतिशत अधिसूचित क्षेत्र में खर्च किए जाने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है.

नवीन मछली पालन नीति में संशोधन किए जाने के विभागीय आदेश का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया. अब मछली पालन के लिए तालाब/जलाशय की नीलामी नहीं होगी. तालाब/जलाशय 10 साल की लीज पर दिए जाएंगे. तालाब/जलाशय के पट्टा आबंटन में सामान्य क्षेत्र में ढीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी. इसी तरह अनुसूचित जनजाति अधिसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी. संशोधन प्रस्ताव के अनुसार ग्रामीण तालाब के मामले में अधिकतम एक हेक्टेयर के स्थान पर आधा हेक्टेयर और सिंचाई जलाशय के मामले में 4 हेक्टेयर की जगह 2 हेक्टेयर प्रति सदस्य/प्रति व्यक्ति के मान से जल क्षेत्र आबंटित किए जाने का प्रावधान किया गया है. मछली पालन के लिए गठित समितियों का ऑडिट अब सहकारिता एवं मछली पालन विभाग की संयुक्त टीम करेगी.

राज्य शासन छत्तीसगढ़, राज्य वनोपज संघ और निजी निवेशकों के बीच त्रिपक्षीय एमओयू के आधार पर स्थापित वनोपज आधारित उद्योगों द्वारा जो उत्पाद निर्माण किए जाएंगे, उसे छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के अंतर्गत 40 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय करते हुए संजीवनी और अन्य माध्यमों से विक्रय हेतु शासन द्वारा निर्णय लिया गया है. इस निर्णय से उन उद्योगों को जो वनोपज आधारित उत्पादों का निर्माण करना चाहते हैं, उनको बढ़ावा मिलेगा. छत्तीसगढ़ हर्बल के अंतर्गत अच्छी क्वालिटी के उत्पादों का विक्रय हो सकेगा.

यह भी पढ़ें: बीजेपी ने बदले तीन प्रभारी, लेकिन कांग्रेस को पुनिया पर भरोसा, क्या नए प्रभारी से बीजेपी को मिलेगी सत्ता

ये अहम फैसले भी हुए: द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया. ग्राम सेरीखेड़ी रायपुर पटवारी हल्का नम्बर 77 में स्थित शासकीय भूमि 9.308 हेक्टयर भूमि का आबंटन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन साधारण प्रकृति के प्रकरणों को जनहित में वापस लिए जाने के लिए निर्धारित अवधि 31 दिसंबर 2017 को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2018 करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. मुख्यमंत्री की स्वेच्छानुदान राशि 70 करोड़ से बढ़ाकर 110 करोड़ किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. भारत सरकार के संशोधन के अनुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक 4 में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई. (CM Baghel cabinet meeting in raipur). इस बैठक में छत्तीसगढ़ लोक सेवा, अनुसूचित जातियों,अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था में प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया. सीएम अब 110 करोड़ स्वेच्छानुदान दे सकेंगे.

भूपेश कैबिनेट के अहम फैसले: जिला खनिज संस्थान न्यास से संपादित अधोसंरचना के कार्याें पर खर्च के लिए न्यास निधि में मिली राशि से निश्चित प्रतिशत राशि के बंधन से मुक्त किए जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान नियम 2015 में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत् डीएमएफ के अन्य प्राथमिकता मद में उपलब्ध राशि का 20 प्रतिशत सामान्य क्षेत्र में और 40 प्रतिशत अधिसूचित क्षेत्र में खर्च किए जाने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है.

नवीन मछली पालन नीति में संशोधन किए जाने के विभागीय आदेश का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया. अब मछली पालन के लिए तालाब/जलाशय की नीलामी नहीं होगी. तालाब/जलाशय 10 साल की लीज पर दिए जाएंगे. तालाब/जलाशय के पट्टा आबंटन में सामान्य क्षेत्र में ढीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी. इसी तरह अनुसूचित जनजाति अधिसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी. संशोधन प्रस्ताव के अनुसार ग्रामीण तालाब के मामले में अधिकतम एक हेक्टेयर के स्थान पर आधा हेक्टेयर और सिंचाई जलाशय के मामले में 4 हेक्टेयर की जगह 2 हेक्टेयर प्रति सदस्य/प्रति व्यक्ति के मान से जल क्षेत्र आबंटित किए जाने का प्रावधान किया गया है. मछली पालन के लिए गठित समितियों का ऑडिट अब सहकारिता एवं मछली पालन विभाग की संयुक्त टीम करेगी.

राज्य शासन छत्तीसगढ़, राज्य वनोपज संघ और निजी निवेशकों के बीच त्रिपक्षीय एमओयू के आधार पर स्थापित वनोपज आधारित उद्योगों द्वारा जो उत्पाद निर्माण किए जाएंगे, उसे छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के अंतर्गत 40 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय करते हुए संजीवनी और अन्य माध्यमों से विक्रय हेतु शासन द्वारा निर्णय लिया गया है. इस निर्णय से उन उद्योगों को जो वनोपज आधारित उत्पादों का निर्माण करना चाहते हैं, उनको बढ़ावा मिलेगा. छत्तीसगढ़ हर्बल के अंतर्गत अच्छी क्वालिटी के उत्पादों का विक्रय हो सकेगा.

यह भी पढ़ें: बीजेपी ने बदले तीन प्रभारी, लेकिन कांग्रेस को पुनिया पर भरोसा, क्या नए प्रभारी से बीजेपी को मिलेगी सत्ता

ये अहम फैसले भी हुए: द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया. ग्राम सेरीखेड़ी रायपुर पटवारी हल्का नम्बर 77 में स्थित शासकीय भूमि 9.308 हेक्टयर भूमि का आबंटन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन साधारण प्रकृति के प्रकरणों को जनहित में वापस लिए जाने के लिए निर्धारित अवधि 31 दिसंबर 2017 को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2018 करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. मुख्यमंत्री की स्वेच्छानुदान राशि 70 करोड़ से बढ़ाकर 110 करोड़ किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. भारत सरकार के संशोधन के अनुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक 4 में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.

Last Updated : Nov 24, 2022, 2:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.