रायपुर: कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के लिए बड़ी राहत देने की घोषणा की है, जिसमें सरकार धान का बोनस मई महीने में ही देना शुरू कर रही है. सरकार ने समर्थन मूल्य पर इस साल करीब 82 लाख 81 हजार 241 टन धान 18 लाख से ज्यादा किसानों से खरीदा है. छत्तीसगढ़ में सामान्य धान 1815 रुपए और A ग्रेड का धान 1835 रुपए में खरीदा गया है.
खुशखबरी: किसानों के खाते में मई में जमा होगी धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि
दरअसल, केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कह दिया था कि समर्थन मूल्य से ज्यादा पर धान खरीदी नहीं किया जाए. इस मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच काफी तनातनी की स्थिति रही है. आखिरकार सरकार ने केन्द्र के तय किए गए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने का फैसला लिया. इसके बाद किसानों को अलग से बोनस बांटने का ऐलान किया था. राज्य सरकार ने किसानों को बोनस देने के लिए राजीव न्याय नाम से योजना की घोषणा करते हुए बजट में 5100 करोड़ का फंड आवंटित कर दिया है. हालांकि अनुमान के मुताबिक सरकार को 6100 करोड़ रुपए बोनस के लिए जरूरत होगी.
SPECIAL: 'कर्जा ल लेके कलपत हे जीव, कइसे चलावं परिवार'...
अक्सर होता है धान पर सियासी घमासान
छत्तीसगढ़ में धान एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा हमेशा रहा है. ये कहना गलत नहीं होगा कि 15 साल से वनवास काट रही कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी के लिए ऋण माफी के साथ ही धान के बोनस के वादे ने बड़ा रोल निभाया था. पहले साल सरकार ने बोनस की रकम और ऋण माफी जैसे बड़े काम तो कर दिए, लेकिन दूसरे साल इसको लेकर राज्य ने केन्द्र सरकार को धान का बोनस देने की मांग की. इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जमकर बयानबाजी हुई. बोनस नहीं देने को भाजपा ने किसानों के साथ धोखाधड़ी बताया था. आखिरकार भूपेश सरकार ने राजीव न्याय योजना की घोषणा करते हुए अपने वादा को पूरा करने जा रही है.
धान खरीदी पर उठे थे सवाल
इस साल कई जिलों के किसानों ने धान खरीदी में कई तरह की समस्या को लेकर सड़क पर उतरकर विरोध जताया था. धान खरीद की मियाद खत्म होने के बाद भी धान खरीदी का काम पूरा नहीं हो पाया था. ऐसे में सरकार इस कोरोना काल में धान का बोनस देकर किसानों को राहत दे सकती है.