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अनलॉक होने के बाद भी नहीं लौटी रौनक, खरीददारी नहीं होने से व्यापारी परेशान

कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर कारोबार पर पड़ा है. हालांकि अब धीरे-धीरे देश में बाजारों को अनलॉक किया जा रहा है, लेकिन कोरोना का खौफ मार्केट में इतना पसर गया है कि, लाख कोशिशों के बाद भी पहले जैसी रौनक नहीं लौट रही है.

raipur cloth market
धंधा पड़ा मंदा
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Published : Jun 10, 2020, 10:59 PM IST

रायपुर: लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कोरोना के कहर से कोई भी कारोबार अछूता नहीं रहा है. सभी करोबार लॉकडाउन की वजह से ठप पड़े हुए हैं. यहीं वजह है कि अनलॉक के बाद भी बाजारों से रौनक गायब है. लॉकडाउन के बाद बाजार अनलॉक तो हुए, लेकिन कपड़े के कारोबार में कोई तेजी नहीं आई है. जिससे व्यापारियों में मायूसी है.

कपड़ा बाजारों पर लॉकडाउन का असर

पहले मार्केट खुलने से व्यापारी उत्साहित थे, लेकिन लॉकडाउन ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. व्यपारियों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद स्थिति कुछ ठीक थी. लेकिन जिस तरह से रायपुर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं और कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है. इसकी वजह से अब ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे हैं.

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अक्षय तृतीया से सीजन की शुरुआत

व्यापारी ने बताया कि जिस समय व्यापार का सीजन था उस समय बाजार बंद था. रामनवमी से लेकर अक्षय तृतीया तक और शादी-विवाह के सीजन में कपड़ों की बिक्री ज्यादा होती है. पिछले दो महीनों में स्टाफ की सैलरी और दुकान का किराया जैसी सारी चीजों में परेशानी आई है. व्यापारियों का मानना है कि बाजारों की सामान्य स्थिति होने में कम से कम एक साल का समय लगेगा. वहीं इसके लिए व्यापारियों को भी डंटकर मुकाबला करना होगा.

raipur cloth market
खाली पड़ी दुकानें

दूसरे राज्यों से नहीं आ पा रहे व्यापारी

रायपुर थोक कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष चंदर विधानी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जैसी उम्मीद थी उस हिसाब से बाजार में ग्राहकी नहीं हैं. राज्य स्तर पर बसें बंद होने की वजह से भी बाहर के व्यापारी नहीं आ रहे हैं. शहर में भी जिन्हें ज्यादा जरूरत है, वहीं कस्टमर दुकानों में आकर कपड़ा खरीद रहा है. जब तक बसें दोबारा नहीं चालू होंगी तब तक बाहर के व्यापारी भी कपड़ा खरीदने नहीं आ पाएंगे. वहीं शादियों का सीजन भी चला गया है और स्कूल भी नहीं खुले हैं. जिसके चलते यूनिफार्म लेने भी कोई नहीं आ रहा है.

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व्यापारियों ने मंगा रखे हैं स्टॉक

व्यापारियों ने सीजन होने के कारण करीब 400 करोड़ रुपये का स्टॉक मंगाकर रखा था. इसका नुकसान भी व्यापारियों को झेलना पड़ रहा है. व्यापारियों की मानें तो शादी-ब्याह के सीजन में 30 से 35 प्रतिशत माल की बिक्री होती थी जो कि अभी पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है. सभी दुकानों में स्टॉक पड़े हुए हैं और ऑर्डर भी कैंसिल हो गए हैं. जिसके चलते व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

रायपुर: लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कोरोना के कहर से कोई भी कारोबार अछूता नहीं रहा है. सभी करोबार लॉकडाउन की वजह से ठप पड़े हुए हैं. यहीं वजह है कि अनलॉक के बाद भी बाजारों से रौनक गायब है. लॉकडाउन के बाद बाजार अनलॉक तो हुए, लेकिन कपड़े के कारोबार में कोई तेजी नहीं आई है. जिससे व्यापारियों में मायूसी है.

कपड़ा बाजारों पर लॉकडाउन का असर

पहले मार्केट खुलने से व्यापारी उत्साहित थे, लेकिन लॉकडाउन ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. व्यपारियों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद स्थिति कुछ ठीक थी. लेकिन जिस तरह से रायपुर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं और कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है. इसकी वजह से अब ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे हैं.

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अक्षय तृतीया से सीजन की शुरुआत

व्यापारी ने बताया कि जिस समय व्यापार का सीजन था उस समय बाजार बंद था. रामनवमी से लेकर अक्षय तृतीया तक और शादी-विवाह के सीजन में कपड़ों की बिक्री ज्यादा होती है. पिछले दो महीनों में स्टाफ की सैलरी और दुकान का किराया जैसी सारी चीजों में परेशानी आई है. व्यापारियों का मानना है कि बाजारों की सामान्य स्थिति होने में कम से कम एक साल का समय लगेगा. वहीं इसके लिए व्यापारियों को भी डंटकर मुकाबला करना होगा.

raipur cloth market
खाली पड़ी दुकानें

दूसरे राज्यों से नहीं आ पा रहे व्यापारी

रायपुर थोक कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष चंदर विधानी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जैसी उम्मीद थी उस हिसाब से बाजार में ग्राहकी नहीं हैं. राज्य स्तर पर बसें बंद होने की वजह से भी बाहर के व्यापारी नहीं आ रहे हैं. शहर में भी जिन्हें ज्यादा जरूरत है, वहीं कस्टमर दुकानों में आकर कपड़ा खरीद रहा है. जब तक बसें दोबारा नहीं चालू होंगी तब तक बाहर के व्यापारी भी कपड़ा खरीदने नहीं आ पाएंगे. वहीं शादियों का सीजन भी चला गया है और स्कूल भी नहीं खुले हैं. जिसके चलते यूनिफार्म लेने भी कोई नहीं आ रहा है.

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व्यापारियों ने मंगा रखे हैं स्टॉक

व्यापारियों ने सीजन होने के कारण करीब 400 करोड़ रुपये का स्टॉक मंगाकर रखा था. इसका नुकसान भी व्यापारियों को झेलना पड़ रहा है. व्यापारियों की मानें तो शादी-ब्याह के सीजन में 30 से 35 प्रतिशत माल की बिक्री होती थी जो कि अभी पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है. सभी दुकानों में स्टॉक पड़े हुए हैं और ऑर्डर भी कैंसिल हो गए हैं. जिसके चलते व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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