रायपुर: कोरोना संक्रमण का असर त्योहारों पर भी देखने को मिला है. प्रभु यीशु के आगमन के मौके पर राजधानी के गिरजाघरों में क्रिसमस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन इस बार यह त्यौहार सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया.
हर साल क्रिसमस के मौके पर बड़ी संख्या में लोग चर्च पहुंचा करते थे, लेकिन इस बार लोगों की ज्यादा भीड़ चर्च में नहीं दिखी. अनुयायियों ने बताया कि इस बार कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखकर प्रार्थना की जा रही है.
अलग-अलग समय लोगों ने की पार्थना
पहले एक साथ सभी प्रभु की प्रार्थना करते थे, लेकिन कोरोना को ध्यान में रखते हुए प्रार्थना के समय को अलग-अलग बांटा गया था. ताकि शहर के सभी लोग प्रेयर कर सके और कोरोना गाइडलाइन का पालन भी हो सके.
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नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम और भव्य आयोजन
हर साल यीशु मसीह के जन्म दिवस के अवसर पर बड़ी रैलियां निकाली जाती थी, लेकिन इस साल ना ही रैलियां निकाली गई और ना सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सेंट जोसेफ चर्च बैरन बाजार में हर साल सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते थे, लेकिन इस बार इसे भी स्थगित कर दिया गया. हांलाकि लोगों में उत्साह जरूर नजर आया और लोगों ने आध्यात्मिक रूप से यह पर्व मनाया.
लाइटों से की गई सजावट
हर साल की तरह इस साल भी चर्च को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया और प्रभु यीशु के जन्म स्थल की प्रदर्शनी भी प्रतीकात्मक रूप से तैयार की गई. इस दौरान चर्च में पहुंचे लोगों ने बताया कि कोरोना के चलते सभी क्षेत्र प्रभावित हुए है. थोड़ी मायूसी जरूर है, लेकिन उत्साह अब भी बरकरार है, वे घरों में क्रिसमस सेलिब्रेट करेंगे.