रायपुर: मुख्य सचिव आरपी मंडल ने मंगलवार को महानदी भवन (मंत्रालय) से सभी संभागायुक्त, कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम करने, साल 2019-20 खरीफ के बचे धान का निराकरण और खरीफ विपणन वर्ष 2020-2021 में धान खरीदी की तैयारी के साथ धान खरीदी के लिए चबूतरा निर्माण के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए समीक्षा की. साथ ही अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार प्रदेश में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होनी है. इस साल 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. जिसकी लागत करीब 22 हजार 500 करोड़ होगी. इसके लिए कलेक्टर सभी धान खरीदी केंद्रों में सारी तैयारियां सुनिश्चित करें. ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.
बारदानों की व्यवस्था करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि इस साल बारदानों की कमी हो रही है, जिसे देखते हुए पीडीएस का लगभग 1 लाख बारदाना और राईस मिलरों से करीब 2 लाख पुराने बारदानों को इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही 70 हजार एचडीपीई/पीपी बारदानों की भी व्यवस्था की जा रही है. बैठक में पीडीएस और कस्टम मिलर्स के जरिए एकत्रित किए जाने वाले बारदानों की जिलेवार समीक्षा की गई. एमडी मार्कफेड की ओर से बताया गया कि आज की स्थिति में 42 हजार पीडीएस और एक लाख 23 हजार कस्टम मिलर्स के जरिए बारदानों की व्यवस्था की जा चुकी है.
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समुचित व्यवस्था करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी के पहले फड़, कंप्यूटर, प्रिंटर, कांटा-बाट, जेनरेटर, यूपीएस, नमी मापक यंत्र, डनेज, केप कवर्स इत्यादी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. इस साल प्रदेश में 2 हजार 205 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें 157 नए धान खरीदी केंद्र हैं. जिसकी समुचित व्यवस्था कलेक्टरों की ओर से की जानी है.
चबूतरा निर्माण के लिए दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी धान उपार्जन केंद्रों में चबूतरा का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें प्रथम चरण में 4 हजार 645 चबूतरों का निर्माण पूरा हो चुका है. जबकि दूसरे चरण में 2 हजार 958 स्वीकृत धान संग्रहण चबूतरों में से 1 हजार 325 का निर्माण करा लिया गया है. बचे चबूतरों का निर्माण 10 दिनों में पूरा करने के निर्देश मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दिए हैं.