रायपुर: मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में मनरेगा के तहत लघु वनोपज संग्रहण, फलदार पौधों का रोपण, राष्ट्रीय आजीविका के कार्यों और जल संरक्षण के कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर संचालित किए जाने के संबंध में चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूहों को जोड़ते हुए मुनगा पौध रोपण, कुक्कुट पालन और अंडे का उत्पादन, उच्च लाभ वाले पौधे जैसे तिखुर, हल्दी, मसूर आदि का रोपण कार्य मनरेगा के तहत प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं. स्व-सहायता समूहों के उत्पादित किए जा रहे सामग्रियों का इस्तेमाल राज्य में कुपोषण उन्नमूलन के लिए किया जाएगा.
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बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि भारत सरकार के एक रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में लघु वनोपज के संग्रहण के कार्य से संग्रहणकर्ताओं को 186 करोड़ रुपये प्राप्त हुए है. प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरव द्विवेदी ने बताया कि कोरोना काल में मनरेगा के तहत करीब 26 लाख 30 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
प्राथमिकता के आधार पर किए जा रहे काम
गौरव द्विवेदी ने कहा कि राज्य में प्राथमिकता के आधार पर नाला बंधान, गोठान निर्माण, चारागाह विकास, वर्मी कम्पोस्ट टैंक निर्माण, पौध नर्सरी, सड़क किनारे वृक्षारोपण, धान संग्रहण चबुतरा निर्माण, पंचायत भवन निर्माण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी, कुंआ, चेकडैम, तटबंध, स्टापडैम, सिंचाई नाली, सोकफिट निर्माण कार्य, नहर लाइनिंग आदि के कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जा रहे हैं. बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगवा, सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.