रायपुर: कोरोना संकट के बाद अब देश में एक और संकट आ गया है. पाकिस्तान से आया टिड्डी दल देश के कई राज्यों में अपना कहर बरपा रहा है. टिड्डी दल ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों में टिड्डी दल के पहुंचने से प्रदेश के कई जिलों की फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. टिड्डी दल के महाराष्ट्र के तुमसर से खैरलांजी बालाघाट की ओर से राजनांदगांव और कबीरधाम जिले में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
टिड्डी दल के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके संभावित प्रकोप से फसलों के बचाव के लिए सभी तैयारी करने के निर्देश कृषि, उद्यानिकी, वन विभाग सहित जिला कलेक्टरों को दिए हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि टिड्डी दल के छत्तीसगढ़ में पहुंचने से पहले ही उसे भगाने के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. साथ ही सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दल के आने और उनके उड़ान भरने की दिशा पर निरंतर माॅनिटरिंग के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने टिड्डी दल से बचाव के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाईयों की व्यवस्था करने को कहा है.
हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर जारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों से कहा है कि फसल या पेड़ों पर टिड्डी दिखे, तो कृषि या राजस्व विभाग के अमले, जिला नियंत्रण कक्ष और किसान हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 18002331850 पर तत्काल सूचना दें.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी दल को भगाने के लिए प्राकृतिक और परंपरागत उपाय अपनाने की समझाइश किसानों को देने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के खेत के आसपास आसमान में उड़ते दिखाई देने पर तुरंत आसपास मौजूद घास-फूस को जलाकर धुआं करना चाहिए. उन्होंने बताया कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से शोरगुल करने से टिड्डी दल खेत में न बैठकर आगे निकल जाता है.
प्रदेश के कई जिलों की फसल को पहुंचा सकता है नुकसान
केन्द्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, टिड्डी दल हवा की बहाव की दिशा में आगे बढ़ता है. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के जिलों में टिड्डी दलों का छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में आने की आशंका है. छत्तीसगढ़ के मुंगेली, बिलासपुर, गौरेला पेड्रा मरवाही, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिले की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगी होने के कारण संवेदनशील हैं.
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मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रधान मुख्य वनरक्षक ने छत्तीसगढ़ के वनमण्डलाधिकारियों और मुख्य वन संरक्षकों को टिड्डी दल की लगातार निगरानी करने और आक्रमण होने पर तुरंत सूचना देने के साथ ही नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए उपयोगी विभिन्न दवाईयों के संबंध में वन विभाग के सभी क्षेत्रीय अमले को अवगत कराने को कहा है. वन विभाग के क्षेत्रीय अमले ने टिड्डी दल की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर लगातार निगरानी की बात कही है.
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