रायपुर: पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) कार्यों में शत-प्रतिशत समयबद्ध मजदूरी भुगतान के लिए मस्टर रोल बंद होने के आठ दिनों के भीतर द्वितीय हस्ताक्षर अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए हैं.
मजदूरी भुगतान की प्रगति कम होने पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे.
भुगतान के लिए चरण निर्धारित किए गए
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने नए वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरूआत से ही समयबद्ध मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को परिपत्र जारी किया है, परिपत्र में प्रमुख सचिव ने कहा है कि मनरेगा के अंतर्गत समयबद्ध मजदूरी भुगतान के लिए चरण निर्धारित किए गए हैं.
मनरेगा-सॉफ्ट में उपस्थिति होगी दर्ज
पहले चरण में मस्टर रोल के बंद होने के बाद आठ दिनों की समय-सीमा में मस्टर रोल के अनुसार श्रमिकों की मनरेगा-सॉफ्ट में उपस्थिति दर्ज कर उसका मूल्यांकन करना होगा.
मुख्य कार्यपालन अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग
इसके बाद लिस्ट के आधार पर बने एफ.टी.ओ. पर संबंधित अधिकारियों के प्रथम (परीक्षणकर्ता) और द्वितीय (अनुमोदनकर्ता) डिजिटल हस्ताक्षर हो जाने चाहिए. उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग करने कहा है, ताकि वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से ही समयबद्ध मजदूरी भुगतान की प्रगति शत-प्रतिशत रहे. इसमें प्रगति कम पाए जाने पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे.